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निमाड़ का वादा इस बार भी ज्ञानेश्वर दादा- खंडवा संसदीय सीट से ज्ञानेश्वर पाटिल उम्मीदवार 

  • नाम की घोषणा होते ही गृह ग्राम बोहरडा में मना जश्न, सांसद बोले, पहले से आश्वस्त था कि टिकट मुझे मिलेगा

बुरहानपुर। भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार शाम लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की।
खंडवा संसदीय सीट से वर्तमान सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल पर एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी ने विश्वास जताया है। उन्हें लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है। शाम करीब 6.30 बजे जब संसदीय सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा होने वाली थी तब सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल अपने गृह ग्राम बोहरडा में समर्थकों के साथ घर पर ही मौजूद थे। जैसे ही पाटिल के नाम की घोषणा हुई समर्थकों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उनके गृह ग्राम में ढाल, ढमाके बजने लगे। इस दौरान नारे भी लगे निमाड़ का वादा इस बार भी ज्ञानेश्वर दादा।
पहले से पता था कि मुझे टिकट मिलेगा
टिकट फाइनल होने पर सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने कहा-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने मुझ पर जो विश्वास किया उस पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करूंगा। ढाई साल में भी मैंने क्षेत्र की समस्याओं का समाधान और पीएम की योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने में ईमानदारी से काम किया है। मेरे जैसे छोटे से कार्यकर्ता को यह अवसर दिया है। आने वाले दिनों में भी समस्याओ का समाधान करने का प्रयास करूंगा। पार्टी को मजबूत करने का काम करूंगा। योजनाओं को जन जन तक पहुंचाउंगा। युवाओ को रोजगार, किसानों को समृद्ध बनाने का काम किया जाएगा। बहनों को लखपति बनाने की दिशा में काम करूंगा। चुनावी मुद्दा विकास और गरीबों का कल्याण रहेगा। मैं पूरी तरह आश्वस्त था कि मुझे टिकट मिलेगा। मैंने ईमानदारी से काम किया है। मैंने 18 से 20 घंटे काम किया है।
यह है भाजपा प्रत्याशी ज्ञानेश्वर पाटिल की प्रोफाइल-
प्रत्याशी ज्ञानेश्वर पाटिल
उम्र-55
शिक्षा- वाणिज्य स्नातक
पॉलिटिकल प्रोफाइल- वर्तमान सांसद हैं। 2000 से 2005 तक खंडवा जिला पंचायत अध्यक्ष रहे। 2017 में मप्र राज्य पावरलूम बुनकर सहकारी संघ मर्यादित अध्यक्ष बने। 1987 में एबीवीपी से राजनीति में आए। भाजयुमो खंडवा जिला महामंत्री रहे साल 1995 से 1998 तक।
अब जानिए क्यों पाटिल ही उम्मीदवार
भाजपा में यूं तो कईं चेहरे हैं, लेकिन ज्ञानेश्वर पाटिल के नाम पर ही मुहर लगी। दरअसल 2021 में उप चुनाव हुए थे तब नंदु भैया के खास समर्थक ज्ञानेश्वर पाटिल पर ओबीसी चेहरा होने के कारण पार्टी ने विश्वास जता था। वह भारी मतों से चुनाव जीते, लेकिन कार्यकाल केवल ढाई साल का ही रहा। इस बार पार्टी ने उन्हें दोबारा मौका दिया है साथ ही जातिगत समीकरण के चलते भी उन्हें टिकट मिला है, क्योंकि पाटिल मराठा समाज से आते हैं और मराठा समाज के अच्छे खासे वोट वोट हैं।
उपचुनाव में भाजपा के ज्ञानेश्वर पाटिल ने कांग्रेस के राजनारायणसिंह पूरणी को 81 हजार 300 मतों से हराया था। इस जीत के बाद सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने खंडवा लोकसभा क्षेत्र के विकास और लोगों की समस्याओं का निराकरण करने के लिए दिन-रात एक कर दिया। पूरे समय क्षेत्र में दौरे पर रहे और जनता की सेवा में जुटे रहे। यही कारण रहा कि उन्होंने मात्र ढाई साल में लोगों के दिलों में जगह बनाई। आज उनकी एक अलग ही छवि खंडवा लोकसभा की जनता में है।
पूर्व सांसद स्व. नंदकुमारसिंह चौहान के निधन के बाद खंडवा लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव हुए। इस उपचुनाव में भाजपा ने ज्ञानेश्वर पाटिल के नाम पर विश्वास जताया। दोबारा भाजपा ने पाटिल को खंडवा लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। उपचुनाव में सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल को कुल 6 लाख 30 हजार 462 मत मिले थे। कांग्रेस के राजनारायणसिंह को 5 लाख 48 हजार 962 मत मिले थे।
राजनीतिक जीवन संघर्ष भरा
सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल का राजनीतिक जीवन काफी संघर्ष भरा रहा। उनके इस संघर्ष ने उन्हें जल्द कम उम्र में ऊंचाईयों पर पहुंचा दिया। वह सन 2000 में सबसे कम उम्र के जिला पंचायत अध्यक्ष बने। इसके बाद वह राजनीति में सफलता की सीढिय़ां चढ़ते गए। 2021 में लोकसभा उपचुनाव में जीतकर सांसद बने। जिला पंचायत अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने 2003 में खंडवा के ग्राम तोरणी में पानी रोको अभियान करवाया। इसे देखने के लिए राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम पहुंचे थे। इसी साल उन्होंने प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का विशाल कार्यक्रम खंडवा के छैगांव-माखन में करवाया। वह कपड़े की राष्ट्रीय स्तर की मंडी मप्र राज्य पावरलूम बुनकर संघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनके कार्यकाल में बुनकर संघ को उन्होंने डूबने से बचा लिया।
राजनीतिक जीवन की शुरूआत 1987 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुडक़र की। ज्ञानेश्वर पाटिल ने भाजयुमो के एक मतदान दस जवान अभियान चलाया। 1995 से 1998 तक भाजपा युवा मोर्चा के खंडवा जिला महामंत्री रहे। इसके साथ ही प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य युवा मोर्चा, मप्र भाजपा पंचायत राज प्रकोष्ठ के प्रदेश महामंत्री, भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष सहित कई जिम्मेदारियों को उन्होंने बखूबी निभाया।

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