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जिला पंचायत सीईओ के निर्देश भी मानने को तैयार नहीं शिक्षा विभाग के अफसर, कर्मचारी
बुरहानपुर। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जानकारी देने में कईं विभाग आनाकानी करते है। इसी तरह शिक्षा विभाग की ओर से भी इस अधिनियम का मखौल उड़ाया जा रहा है। खास बात यह है कि अपील करने पर जिला पंचायत सीईओ ने तक शिक्षा विभाग को लिखित रूप से निर्देश दिए कि जानकारी चाहने वाले व्यक्ति को जानकारी दी जाए, लेकिन इसके बाद भी विभागीय अफसर, कर्मचारी मनमानी पर उतारू हैं और जानकारी देने से बच रहे हैं।
दरअसल आवेदक ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत 5 बिंदुओं पर शिक्षा विभाग से जानकारी चाही गई जिसे देने में विभागीय अफसर, कर्मचारी आनाकानी कर रहे हैं। जिले की स्कूलों में संलग्न और प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ शिक्षकों की जानकारी देने से बचा जा रहा है। खास बात यह है कि यह आवेदन 20 फरवरी 25 को लगाया गया, लेकिन अब तक भी शिक्षा विभाग अफसर, कर्मचारी टाल मटोल कर रहे हैं। इसके बाद जिला पंचायत में अपील की गई। 24 अप्रैल को जिला पंचायत से जानकारी दिलाने को कहा गया।
पत्र भेजकर दिया गोलमाल जवाब
16 मई को जिला शिक्षाधिकारी की ओर से एक पत्र लोक सूचना अधिकारी विकासखंड बुरहानपुर और संकुल प्राचार्य हायर सेकंडरी, हाईस्कूल को भेजकर गोलमाल जवाब दिया गया जिसमें कहा गया कि सूचना का अधिकार आवेदन पत्र भेजकर संबंधित को समय सीमा में अभिलेख उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया गया था, लेकिन आज तक संबंधित को अभिलेख उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। इससे संबंधित ने वरिष्ठ कार्यालय में अपील की है। जिला पंचायत की ओर से भी जानकारी देने के लिए निर्देशित किया गया है। इसलिए तीन दिन में जानकारी उपलब्ध कराएं।
जिला पंचायत सीईओ ने यह आदेश जारी किया
24 अप्रैल को जिला पंचायत सीईओ ने आदेश जारी किया कि आवेदक ने प्रथम अपील प्रस्तुत की। सुनवाई 16 अप्रैल को आवेदक उपस्थित थे। चाहे गए अभिलेख प्रस्तुत नहीं किए गए। सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 6-3 के तहत प्रावधान है कि यदि कोई सूचना अन्य लोक प्राधिकारी द्वारा धारित या सिकी विषय वस्तु किसी अन्य लोक प्राधिकारी के कृत्यों से अधिक निकट रूप से संबंधित है तो उस आवेदन को संबंधित लोक प्राधिकारी को अंततिरत किया जाएगा। इसलिए जिला शिक्षाधिकारी को निर्देशित किया जाता है कि उनके कार्यालय में सूचना उपलब्ध हो तो समय अवधि बीत जाने पर 30 दिन में निःशुल्क उपलब्ध कराएं।