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जल गंगा संवर्धन अभियान की समीक्षा बैठक में बोले दीदी – ‘अब सिर्फ योजना नहीं, हर व्यक्ति की भागीदारी जरूरी’
बुरहानपुर। जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान को लेकर शुक्रवार को संयुक्त जिला कार्यालय में विधायक अर्चना चिटनिस ने समीक्षा बैठक ली। बैठक में उन्होंने जल संरक्षण, स्त्रोतों की सफाई, पौधारोपण और जनजागरूकता को लेकर संबंधित विभागों को सख्त निर्देश दिए।
चिटनिस ने कहा, हर गांव का वाटर मैप तैयार कर उसे सार्वजनिक किया जाए। इससे ग्रामीणों में जागरूकता आएगी और जल संरचनाओं के संरक्षण में सहभागिता बढ़ेगी। उन्होंने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को प्रभावी बनाने, तालाबों की सफाई और पौधारोपण को प्राथमिकता देने की बात कही।
पर्यावरण प्रेमियों को 2700 रु. मिलेंगे प्रोत्साहन स्वरूप
बैठक में उन्होंने बताया कि जिले में प्रत्येक गांव से 50 किसानों को चिन्हित कर 5-5 पौधे लगाने और 3 साल तक देखरेख करने पर उन्हें पंचायत के माध्यम से 2700 रु. की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह नवाचार स्थानीय निकायों के माध्यम से शुरू किया जा रहा है। चिटनिस ने निर्देश दिए कि ताप्ती कछार और नदियों के उद्गम स्थलों पर वृक्षारोपण किया जाए। वन विभाग को सहायक नदियों की विस्तृत जानकारी अगली बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए गए।
कलेक्टर ने कहा– जमीन पर दिखे अभियान का असर
कलेक्टर हर्ष सिंह ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि, अभियान के तहत किये जा रहे कार्यों को मैदानी स्तर पर सुव्यवस्थित क्रियान्वित किया जायें। एक पहल के रूप में यदि कोई व्यक्ति पांच पौधे लगाता है और उन पौधों की देखभाल कर उनका पालन करता है, ऐसे पर्यावरण प्रेमी को पंचायत द्वारा प्रोत्साहन स्वरूप 3 साल तक राशि 2700 रूपये दी जायेगी। बैठक में वन विभाग द्वारा भी अपनी कार्ययोजनाओं को विस्तारपूर्वक बताया गया।
अंत में विधायक चिटनिस ने पंचायत विभाग, कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, जल संसाधन विभाग, पीएचई विभाग, नगरीय निकाय को कार्यों में प्रगति लाने के निर्देश दिये गये। साथ ही एक सप्ताह में ठोस और परिणाम देने वाली कार्ययोजना का प्रारूप तैयार कर अमल में लाया जाए।
इनकी रही मौजूदगी
बैठक में महापौर माधुरी पटेल, जिला पंचायत अध्यक्ष गंगाराम मार्को, निगम अध्यक्ष अनिता यादव, जिला पंचायत उपाध्यक्ष गजानन महाजन, सीईओ लता शरणागत, डीएफओ विद्याभूषण सिंह समेत सभी विभागों के अधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
अभियान की प्राथमिकताएं
• जल स्रोतों का संरक्षण और पुनरुद्धार
• तालाबों की सफाई व गहरीकरण
• वाटर हार्वेस्टिंग संरचनाओं का निर्माण
• वृक्षारोपण को जन सहभागिता से जोड़ना
• हर गांव का वॉटर मेप तैयार कर सार्वजनिक करना