-
एआईएमआईएम के शहर अध्यक्ष लंबे समय से उठा रहे यह मामला, कलेक्टर ने कहा हम इसे सीरियसली लेंगे
-
नियमानुसार वक्फ की संपत्ति पर लिखा जाना चाहिए अहस्तांतरणीय वक्फ बोर्ड, 3 साल में भी पटवारी ने रिकार्ड दुरूस्त नहीं किया
-
40 वक्फ संपत्तियों का 3 साल में भी रिकार्ड दुरूस्त नहीं
बुरहानपुर। जिले में वक्फ की संपत्तियों की रजिस्ट्री की जा रही है। कुछ रसूखदार सांठगांठ कर इस काम को अंजाम दे रहे है। लंबे समय से एआईएमआईएम के शहर अध्यक्ष व अधिवक्ता जहीर उद्दीन शेख यह मामला उठा रहे हैं, लेकिन ऐसे भू-माफिया रसूखदारों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इस बात का खुलासा तब हो रहा है जब व्यक्ति नामांकरण कराने के लिए जाता है तब उसे पता चलता है यह संपत्ति वक्फ की है। वहीं अब इस मामले में कलेक्टर भव्या मित्तल का कहना है कि हम इसे सिरीयसली ले रहे हैं। तहसीलदारों से भी कहा गया था कि वह वक्फ की संपत्ति पर अहस्तांतरणीय इंद्राज कराएं।
खास बात यह है कि मप्र में बुरहानपुर एक ऐसा शहर है जहां वक्फ बोर्ड की काफी संपत्तियां हैं, लेकिन भू माफियाओं की इस पर नजर है और वक्फ की संपत्तियों की भी रजिस्ट्री किए जाने के आरोप लगाए जा रहे है। इसे लेकर एआईएमआईएम के नगर अध्यक्ष अधिवक्ता जहीर उद्दीन शेख ने सवाल उठाए हैं। वह कईं बार इसकी शिकायत जनसुनवाई में भी कर चुके हैं।
2020 में हुए थे आदेश, आज तक रिकार्ड नहीं किया दुरूस्त
अधिवक्ता जहीर उद्दीन शेख के अनुसार वर्ष 2020 में तहसीलदार बुरहानपुर ने 40 वक्फ संपत्तियों के संबंध में आदेश किए थे कि कॉलम नंबर 12 से 3 यानी मालकी के कॉलम में नाम अ हस्तांतरणीय मप्र वक्फ बोर्ड दर्ज किए जाएं। रिकार्ड दुरूस्त करने के लिए पटवारी को आदेश किया गया था, लेकिन तत्कालीन पटवारी ग्राम ऐमागिर्द ने लापरवाही बरती और आज तक रिकार्ड दुरूस्त नहीं किया। आरोप लगाया गया है कि जिन खसरों पर अहस्तांतरणीय मप्र वक्फ बोर्ड दर्ज है उन संपत्तियों की भी जिला पंजीयक कार्यालय में भू माफिया रजिस्ट्रियां करा रहे हैं। ऐसे में जब नामांतरण के लिए रजिस्ट्री लेकर आवेदक तहसीलदार बुरहानपुर के न्यायालय में आवेदन लगाता है तो तहसीलदार बुरहानपुर अपने आदेश में यह कहकर उसे खारिज करते हैं कि यह संपत्ति वक्फ की संपत्ति है। जब एक न्यायालय अपने आदेश में किसी संपत्ति को वक्फ संपत्ति प्रमाणित कर रहा है तो पंजीयक उसकी रजिस्ट्री कैसे कर रहे हैं यह जांच का विषय है। ऐसे में वक्फ संपत्तियों को नुकसान पहुंच रहा है।
वक्फ बोर्ड ने सर्वे कराकर कलेक्टर को लिखा था पत्र
मप्र वक्फ बोर्ड की ओर से पूरे प्रदेश में वक्फ संपत्तियों का सर्वेक्षण कराया गया था। इसके बाद कलेक्टर को पत्र लिखकर कहा गया था कि जो संपत्ति वक्फ बोर्ड की है उसके खसरे पर अहस्तांतरणीय मप्र वक्फ बोर्ड दर्ज कराया जाए, लेकिन ऐमागिर्द की 40 वक्फ संपत्तियों पर आज तक अ हस्तांतरणीय वक्फ बोर्ड नहीं दर्ज किया गया।
वर्जन-
तहसीलदारों को आदेश जारी किया गया था
वक्फ की जो प्रापर्टी है कईं जगह वह शासकीय दर्ज हो गई थी। उसे वापस वक्फ दर्ज करने के लिए हमें वक्फ बोर्ड ने भी लिखा था। इस संबंध में तहसीलदारों को आदेश किया गया था। किसी भी प्रकार की रजिस्ट्री अगर किसी नियम के अनुसार होती है तो संबंधित व्यक्ति उसके लिए कोर्ट में आवेदन लगा सकता है। इसको हम गंभीरता से लेंगे। खसरे में ही वक्फ अंकित नहीं है तो ही ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है नहीं तो रजिस्ट्री डिपार्टमेंट नक्शा, खसरे को देखकर ही अपनी रजिस्ट्री करता है।
– भव्या मित्तल, कलेक्टर बुरहानपुर