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शनि अमावस्या के उपलक्ष्य में खकनार में कराई पाड़ों की टक्कर
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मैदान से डेढ़ किमी दूर से लगी रही वाहनों की कतारें, डोईफोड़िया के पाड़े ने जीता पहला इनाम
डोईफोड़िया। मौनी अमावस्या के उपलक्ष्य में खकनार में शनिदेव का 2 दिनी मेला लगा। इसके दूसरे दिन रविवार को परंपरानुसार करदली नदी में पाड़ों की टक्कर कराई गई। इसमें महाराष्ट्र सहित बुरहानपुर जिले के विभिन्न गांवों से आए 250 से ज्यादा पाड़ों ने दम-खम दिखाया। पहला इनाम फ्रिज डोईफोड़िया के शमशु के पाड़े ने जीता।
टक्कर देखने के लिए जिले सहित महाराष्ट्र से भी करीब एक लाख से ज्यादा लोग पहुंचे। मैदान में पाड़े भिड़ रहे थे तो चारों तरफ लोगों का हुजूम ही नजर आया। भीड़ का आलम यह था कि टक्कर के मैदान से डेढ़ किमी दूर से ही वाहनों की कतारें लगी रहीं। भीड़ का हर कदम बढ़ रहा था तो बस टक्कर देखने मैदान की ओर। टक्कर देखने के लिए दोपहर 12 बजे से ही भीड़ उमड़ने लगी। देखते ही देखते मैदान के चारों ओर एक लाख से ज्यादा लोग आ डटे। विभिन्न गांवों से पशुपालक भी अपने पाड़ों को सजा-धजाकर लाए। पबजी,तड़वी,पठान,सुल्तान, महाकाल और बाबा सहित अन्य नाम के पाड़े कई तरह के रंग में रंगे नजर आए। बारी-बारी से 250 से ज्यादा पाड़ों ने मैदान में जोर आजमाइश की। टक्कर शुरू होने के बाद भी भीड़ का यहां पहुंचना जारी रहा।
सुरक्षा का रखा ध्यान, नदी में मैदान बनाकर चारों ओर की तार फेंसिंग
आमतौर पर पाड़ों की टक्कर के लिए मैदान बनाने के अलावा सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए जाते। ऐसे में लड़ते हुए पाड़े कई बार भीड़ में जा घुसते हैं। उत्साही भीड़ भी मैदान में आ घुसती है। इससे लोगों के घायल होने की घटनाएं कई बार हो चुकी हैं। रविवार को खकनार में टक्कर कराने से पहले सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया। करदली नदी में पाड़ों के लिए मैदान तैयार करने के साथ चारों तरफ तार फेंसिंग की गई, ताकि पाड़े भीड़ में घुसे और न भीड़ मैदान में आए। लोगों के बैठने के लिए जगह के साथ पानी के पानी की भी व्यवस्था की गई। छह घंटे तक पाड़े लड़ते रहे। अंधेरा होने पर टक्कर बंद करा दी गई।