39.8 C
Burhānpur
Friday, April 18, 2025
39.8 C
Burhānpur
spot_img
Homeराजनीतिसीएए कानून- अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित भाई-बहनों...
Burhānpur
clear sky
39.8 ° C
39.8 °
39.8 °
13 %
3.8kmh
5 %
Fri
40 °
Sat
42 °
Sun
42 °
Mon
42 °
Tue
44 °
spot_img

सीएए कानून- अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित भाई-बहनों को मिलेगी नागरिकता -विष्णुदत्त शर्मा

  • प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया

  • सीएए लागू होना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की एक और गारंटी पूरी होने की गारंटी है

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने दशकों से लंबित “नागरिकता संशोधन कानून“(सीएए) को लागू कर दिया है। सीएए लागू होना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक और गारंटी पूरी होना है। देश में सीएए के लागू होने से किसी की नागरिकता पर कोई आंच नहीं आएगी। इस कानून से अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक आधार पर वर्षों से प्रताड़ित और 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में शरण मांगने वाले हिंदू, बौद्ध, सिख, ईसाई, जैन और पारसी भाई-बहनों को नागरिकता मिलेगी। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने सीएए लागू होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त करते हुए कही।
प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि सीएए तीन देशों के 6 अल्पसंख्यक समुदाय को नागरिकता का अधिकार देने का कानून है। सीएए लागू होना केंद्र सरकार का एक और ऐतिहासिक निर्णय है। यह मानवता के कल्याण का कार्य है, क्योंकि इसके लागू होने के बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित अल्पसंख्यक नागरिकों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी, जिन लोगों ने 31 दिसंबर 2014 तक भारत में शरण ली थी।
सीएए लागू होने से शरणार्थियों के सांस्कृतिक व सामाजिक पहचान की रक्षा होगी
प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा ने कहा कि सीएए शरणार्थियों के नागरिकता व पुनर्वास की कानूनी बाधाओं को दूर करेगा। इस कानून से पीड़ित शरणार्थियों को सम्मानजनक जीवन देने के साथ उनके सांस्कृतिक, भाषिक और सामाजिक पहचान की रक्षा भी हो सकेगी। साथ ही नागरिकता प्राप्त करने की योग्यता रखने वाले शरणार्थियों को आर्थिक, व्यावसायिक, देश में कहीं भी आने-जाने, संपत्ति खरीदने जैसे अधिकार भी सुनिश्चित होंगे।
शरणार्थियों को मूलभूत अधिकार देगा सीएए
श्री शर्मा ने कहा कि यह नागरिकता संशोधन अधिनियम केवल उन लोगों के लिए है जिन्होंने वर्षों से उत्पीड़न सहा और जिनके पास शरण लेने के लिए दुनिया में भारत के अलावा कोई और जगह नहीं है। भारत का संविधान हमें यह अधिकार देता है कि मानवतावादी दृष्टिकोण से धार्मिक शरणार्थियों को मूलभूत अधिकार मिले और ऐसे शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान की जा सके। भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के संकल्प पत्र में कहा था कि हम सीएए लागू करेंगे। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने पार्टी के उस संकल्प को पूरा कर दिया है।

spot_img
- Advertisment -spot_img

Most Popular

Recent Comments

spot_img
spot_img