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किसी भी दिन बन सकती है जानलेवा स्थिति, प्रशासन की टीमों ने मॉल चेक किए, अस्पतालों पर नजर नहीं
बुरहानपुर। दिल्ली, गुजरात की घटनाओं के बाद प्रशासन ने सबक लेते हुए जिले के विभिन्न मॉल में चेकिंग अभियान चलाया था। कुछ मॉल तीन तीन दिन के लिए बंद कराए गए थे, लेकिन नियम के विपरीत चल रहे अस्पतालों को लेकर प्रशासन भी गंभीर नहीं है। स्वास्थ्य विभाग भी अनदेखी बरत रहा है। शहर में संचालित गुड अस्पताल में भी अगर किसी प्रकार का हादसा होता है तो स्थिति भयावह साबित हो सकती है।
गौरतलब है कि अमरावती रोड पर गुड अस्पताल एक रेस्टोरेंट के ऊपर संचालित हो रहा है। इसके पास भी एनओसी होना बताई जा रही है, लेकिन एक रेस्टोरेंट के उपर संचालित होने से कईं सवाल खड़े हो रहे हैं। पिछले दिनों नगर निगम आयुक्त संदीप श्रीवास्तव ने भी माना कि नियमानुसार होटल के ऊपर अस्पताल संचालन ठीक नहीं। उन्होंने कार्रवाई के संकेत भी दिए थे, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं स्वास्थ्य विभाग भी अपनी जिम्मेदारी से बच रहा है। नियमानुसार स्वास्थ्य अफसरों को भी जांच करना चाहिए, लेकिन वह भी ऐसा नहीं करते। इसी तरह शहर में संचालित मेट्रो मेडिकेयर मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल नियमों को ताक में रखकर संचालित किया जा रहा है। इसमें नगर निगम अफसरों की भूमिका भी संदेह के दायरे में है। दरअसल शनवारा रोड स्थित इस अस्पताल का निर्माण नियमों के विपरीत किया गया है। लेकिन इसके बाद भी नगर निगम ने अब तक यहां कोई कार्रवाई नहीं की।
जिला प्रशासन के अमले द्वारा मॉल आदि की चेकिंग की, लेकिन जो अस्पताल नियम के विपरीत संचालित हो रहे हैं वहां अनदेखी बरती जा रही है। खास बात यह है कि पूरे मामले में नगर निगम की भूमिका भी सन्देह के घेरे में है, क्योंकि नगर निगम ने अब तक भी कार्रवाई नहीं कि जबकि निगम अफसरों के संज्ञान में आने के बाद पत्र जारी कर एनओसी निरस्त कर दी गई थी।
पार्किंग से ट्राफिक जाम
गुड अस्पताल के बाहर आये दिन जाम की स्थिति बनती है। अस्पताल प्रबंधन ने वाहन पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं की है। उक्त अस्पताल इंदौर-इच्छापुर हाईवे पर स्थित होने के कारण मरीज और परिजनों द्वारा गाड़ियों को मुख्य मार्ग पर ही खड़ा कर दिया जाता है। जिससे बड़े वाहनों को निकलने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिम्मेदार अफसर भी मौन साधे बैठे है।
यह है नियम
– 5 हजार वर्गफीट से अधिक का निर्माण करने पर अनुमति लेना जरूरी है। इसके लिए शर्तें, नियम लागू किए गए हैं उसे सभी को पालन करना जरूरी है। अनुमति के लिए राज्य सरकार ने एक सॉफ्टवेयर भी बनाया है। उसी में इंट्री की जाती है।
वर्जन-
गुड अस्पताल के पास एनओसी है
– गुड अस्पताल के पास एनओसी है। इसलिए वहां ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। न ही किसी प्रकार की कोई शिकायत सामने आई है। हमारी ओर से समय समय पर जांच की जाती है। फिलहाल ऐसी कोई स्थिति सामने नहीं आई है।
– डॉ. राजेश सिसौदिया, सीएमएचओ बुरहानपुर