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लोन की किश्त अदा नहीं करने पर होती है दादागिरी, राजनीति दल आए एक साथ
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कहा, 6 महीने के लिए स्थगित की जाए वसूली, कुछ दिन पहले ही सौंपा था ज्ञापन
बुरहानपुर। जिले में माइक्रो फाइनेंस कंपनियों का ऐसा जाल बिछा है कि इसके झांसे में कईं महिलाएं आ गई है जो अब परेशान होकर दर दर की ठोंकरें खा रही है। उनके पास किश्त जमा करने के पैसे तक नहीं हैं। ऐसे में कईं महिलाएं बीमार हो रही है। करीब 10 हजार से ज्यादा पावरलूम, बीड़ी बनाने का काम करने वाली महिलाएं परेशान हैं। खास बात यह है कि उनका सहयोग करने के लिए राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि सामने आए हैं।
दरअसल माइक्रो फाइनेंस कंपनियों ने महिलाओं को छोटे छोटे लोन दे रखे हैं, लेकिन इन दिनों पावरलूम की स्थिति खराब है और अधिकांश महिलाएं पावरलूम व्यवसाय, बीड़ी बनाने के व्यवसाय से जुड़ी या उनके परिवार की महिलाएं हैं। उनसे राशि की वसूली के लिए माइक्रो फाइनेंस कंपनियां दबाव बना रही है। अभद्र व्यवहार किया जा रहा है। इसे लेकर पिछले दिनों महिलाओं ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर विरोध दर्ज कराया था तो वहीं शनिवार दोपहर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि महिलाओं के समर्थन में आगे आए हैं। कांग्रेस, भाजपा, एआईएमआईएम के प्रतिनिधियों ने वसूली छह माह के लिए स्थगित करने की मांग की है। उन्होंने कहा महिलाओं पर वसूली के लिए दबाव बनाया जाता है कभी बकरी तो कभी सिलाई मशीन बेचकर किश्त अदा करने को कहा जाता है।
अनपढ़ महिलाओं को बनाया जा रहा शिकार
राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों का कहना है कि जिले में संचालित माइक्रो फाइनेंस कंपनिया पहले समूह लोन के नाम पर महिलाओं को बहकाती है और फिर जब कर्ज चढ़ने पर अनपढ़ महिलाएं ब्याज और कर्ज अदा नहीं कर पाती तो उन्हें परेशान किया जाता है। यहां तक की उनके साथ अभद्र व्यवहार तक किया जाता है। इससे सैकड़ों की संख्या में महिलाएं परेशान है। महिलाओं को समूह लोन के माध्यम से कर्ज के जाल में फंसाया गया है। कांग्रेस नेता अजय रघुवंशी ने कहा प्रलोभन देकर, प्रचार करके अपने हित साधने के लिए माइक्रो फाइनेंस कंपनियां सीधी साधी महिलाओं को मकड़जाल में फंसा चुकी है। एक साल से पावरलूम बंद जैसा है। महिलाओं से अभद्रता कर सिलाई मशीन तक बिकवा रहे हैं। यह नहीं होना चाहिए।
मजबूरी का उठाया फायदा
अधिवक्ता जहीर उद्दीन ने कहा फाइनेंस कंपनियों ने मजबूरी का फायदा उठाकर महिलाओं को फंसाया। वास्तविक स्थिति हमारे सामने आई तो हमने पहले कलेक्टर, एसडीएम को इसकी शिकायत की थी। आश्वासन मिला है। जब तक पावरलूम की स्थिति नहीं सुधरती वसूली स्थगित की जाना चाहिए। महिलाओं को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। पता चला है कि दो महिलाएं कोमा में चली गई है इसलिए सभी राजनीतिक दल एकत्रित होकर इसका विरोध कर रहे हैं।. भाजपा नेता अजहर उल हक ने कहा एक लोन के बाद दूसरा लोन देकर महिलाओं को मकड़जाल में फंसाया जा रहा है। न फिजिकल वेरीफीकेशन करते हैं न ही वसूली के लिए आरबीआई के नियमों का पालन होता हैं। नोटिस देकर कागजी तक नहीं की जाती। जबकि नियम तय हैं। हर हफ्ते आकर खड़े हो जाते हैं और पैसा मांगते है। नहीं देने पर बकरी बेचनेए सिलाई मशीन बेचने का कहते हैं। सभी ने मांग की कि वसूली स्थगित की जाए।
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