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इंदौर संभाग के सभी जिलों को जारी हुआ पत्र, कहा, प्रतिवेदन तैयार कराएं
बुरहानपुर। दिल्ली की एक बिल्डिंग के बेसमेंट में हुए हादसे से सबक लेते हुए पूरे इंदौर संभाग में संभाग आयुक्त दीपक सिंह ने अलर्ट जारी कर दिया है। इसे लेकर उन्होंने संभाग के सभी जिलों को पत्र जारी किया। जिसमें कहा गया कि जहां भी कोचिंग क्लासेस, अस्पताल, होस्टल, लाइब्रेरी संचालित हो रही है उसकी सुरक्षा जांच करें। इसका प्रतिवेदन भी तैयार करें।
संभागायुक्त की ओर से कलेक्टर को भेजे गए पत्र में कहा गया कि दिल्ली की एक बिल्डिंग में बेसमेंट में संचालित कोचिंग क्लास में पानी भरने से हुई मौतों की घटना दुःखद है। इन घटनाओं को रोकने की दृष्टि से शहर, ग्रामीण क्षेत्रों में बिल्डिंग के बेसमेंट में संचालित कोचिंग क्लास, हास्पीटल, लाइब्रेरी, होस्टल्स की सघन जांच किए जाने के लिए अलग अलग क्षेत्र के लिए एक संयुक्त जांच दल गठित किया जाए। जिसमें कार्यपालिक दंडाधिकारी, पुलिस अधिकारी, नगर निगम के अधिकारी, अग्नि सुरक्षा, विद्युत सुरक्षा आदि विभागों के अधिकारी रहेंगे। यह दल निरीक्षण कर प्रतिवेदन देंगे कि संस्था में विद्युत सुरक्षा, अग्नि सुरक्षा, निवास के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं है। यदि किसी संस्थान में अनियमितता पाई जाती है तो उस संस्थान के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे। नगर निगम में एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाए। प्रतिवेदनों पर लगातार कार्रवाई की जाए।
शहरी क्षेत्र में कईं जगह है बेसमेंट में दुकानें
बुरहानपुर शहरी क्षेत्र में कईं जगह मॉल संचालित हो रहे हैं। कईं जगह बेसमेंट में दुकानें संचालित हो रही है। इसलिए यहां सुरक्षा के उपाय अपनाना जरूरी है। शनवारा, पांडुमल चौराहा, कमल टॉकिज एरिया, गांधी चौक, फूल चौक, खानका वार्ड में ऐसी दुकानें हैं जहां जांच की आवश्यकता है।
हर बाद हादसे के बाद जागते हैं अफसर
खास बात यह है कि हर बार किसी न किसी हादसे के बाद ही अफसर जागते हैं। हालांकि पिछली बार भी दिल्ली, मुंबई में हुई आग की घटनाओं के बाद प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए कुछ मॉल को सील कराने, उपकरणों की जांच की कार्रवाई की थी, लेकिन जैसे ही घटना को अधिक दिन बीतें सारी जांच बंद हो गई। ऐसे में फिर से मॉल आदि में किसी भी प्रकार की कोई जांच नहीं हो रही है।
फायर उपकरण को लेकर गंभीरता नहीं
नगर के अधिकांश निजी संस्थाओं में फायर उपकरणों को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई जाती। अस्पताल, मॉल सहित अन्य संस्थाओं में फायर उपकरण की तारीख निकलने के बाद भी उसे नहीं बदला जाता है। अब जांच के दौरान अफसरों को इस स्थिति की तरफ भी ध्यान देना होगा।
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