बुरहानपुर। 11 और 12 जनवरी 2025 को बुरहानपुर के मेक्रो विज़न एकेडमी में भारतीय विज्ञान टेक्नो फेस्टिवल (बी.एस.टी.एफ-2025) का आयोजन एक यादगार विज्ञान और नवाचार उत्सव के रूप में हुआ। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों से आए प्रतिभागियों ने विज्ञान आधारित मॉडल प्रस्तुत किए।
इस कार्यक्रम का आयोजन रमन साइंस एंड टेक्नोलॉजी फाउंडेशन, नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स साइंटिस्ट, इंडियन प्लेनेटरी सोसाइटी (मुंबई), भाभा नेशनल रिसर्च अकादमी, नेशनल चिल्ड्रेन मैथ्स अकादमी, और ए.पी.जे. अब्दुल कलाम नेशनल काउंसिल ऑफ यंग साइंटिस्ट के सहयोग से हुआ।
विशेष अतिथि और वैज्ञानिक
इस महोत्सव में देश भर से प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों ने भाग लिया, जिनमें डॉ. डी. के. त्रिपाठी (वैज्ञानिक ‘एफ’, प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार), डॉ. बी. के. त्यागी (पूर्व वैज्ञानिक ‘एफ’, विज्ञान प्रसार), डॉ. जे. जे. रावल (वरिष्ठ वैज्ञानिक, मुंबई), डॉ. दिलीप भट्ट (पूर्व इसरो वैज्ञानिक), श्री विनोद कुमार सोनवणे (वैज्ञानिक अधिकारी, होमी भाभा सेंटर, टी.आई.एफ.आर, मुंबई) शामिल रहे।
कार्यक्रम की मुख्य झलकियाँ
इस उत्सव की शुरुआत 16 राज्यों के छात्रों द्वारा आयोजित एक रंगारंग फ्लैग मार्च से हुई। जूनियर और सीनियर स्तर पर विज्ञान मॉडल प्रस्तुति, विज्ञान तकनीकी प्रश्नोत्तरी, वैज्ञानिक चरित्र भूमिका निभाना, भाषण प्रतियोगिता और शिक्षकों के लिए नवाचारी शिक्षण सहायक प्रस्तुतियाँ संपन्न हुई। स्काई गेज़िंग सत्र में प्रतिभागियों को खगोलीय जगत का मंत्रमुग्ध कर देने वाला अनुभव प्राप्त हुआ। प्रेरक व्याख्यान में प्रख्यात वैज्ञानिकों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर व्याख्यान दिए। सांस्कृतिक कार्यक्रम यह शाम प्रतिभागियों के आपसी सौहार्द और विचार-विमर्श को प्रोत्साहित करने के लिए आयोजित की गई।
पुरस्कार और सम्मान
उत्कृष्ट योगदान और उपलब्धियों को मान्यता देने के लिए पुरस्कार प्रदान किए गए। जिनमें कलाम राष्ट्रीय युवा वैज्ञानिक पुरस्कार, राष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ विज्ञान शिक्षक पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ विज्ञान प्रोत्साहन पुरस्कार,राष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ प्रधानाचार्य प्रशंसा पुरस्कार।
मेक्रो विज़न एकेडमी के संस्थापक आनंद प्रकाश चौकसे और निदेशक कबीर चौकसे ने विज्ञान और नवाचार की भावना को प्रोत्साहित करने वाले अपने विचार साझा किए। संचालन विजय सुखवानी, विभा जेटली और गौरव छाबड़ा ने किया। कार्यक्रम के समापन पर, जे. एस. परमार (अकादमिक प्राचार्य) ने आभार व्यक्त किया। यह आयोजन वैज्ञानिकता, नवाचार, और रचनात्मकता को प्रोत्साहन देने का प्रतीक बन गया। बी.एस.टी.एफ-2025 ने बुरहानपुर को विज्ञान के क्षेत्र में एक नई पहचान दी।