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हर दरगाह, मस्जिद, कब्रिस्तान अब डिजिटल रिकॉर्ड में—Live देख सकेंगे हालत
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ऑनलाइन रिकॉर्ड में दर्ज होगी जमीन की हर इंच की हालत, अतिक्रमण की भी होगी पहचान
बुरहानपुर। वक्फ की जमीनें अब अंधेरे में नहीं रहेंगी। शासन ने वक्फ संपत्तियों को डिजिटल करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। अब दरगाह, मस्जिद, कब्रिस्तान जैसी धार्मिक संपत्तियों की निगरानी सैटेलाइट से होगी और हर इंच जमीन की हकीकत ऑनलाइन दिखेगी। बुरहानपुर जिले में यह काम तेजी से शुरू हो चुका है, जहां वक्फ की सबसे ज्यादा करीब 3 हजार हेक्टेयर जमीन दर्ज है।
सर्वे की कमान नायब तहसीलदार की टीम के हाथ में
नायब तहसीलदार नितिन चौहान के नेतृत्व में राजस्व निरीक्षक और पटवारी मिलकर संयुक्त टीम के तौर पर सर्वे में जुटे हैं। शासन के गजट नोटिफिकेशन और राजस्व पोर्टल पर जो वक्फ संपत्तियां दर्ज हैं, उनकी नपती की जा रही है। यह देखा जा रहा है कि जमीन किस स्थिति में है—खाली है, उपयोग में है या फिर उस पर किसी ने कब्जा कर लिया है।
सैटेलाइट इमेज से मिलेंगे असल हालात
वक्फ की हर संपत्ति की सैटेलाइट इमेज खींची जा रही है। वामसी-एमपी पोर्टल पर अब जमीन की पूरी कहानी होगी—कब दर्ज हुई, कहां है, कितनी है और वर्तमान में उसकी क्या स्थिति है। सरकार यह भी देख रही है कि कितनी जमीन पर अवैध कब्जा है, ताकि कार्रवाई की जा सके।
शहर में 250 से ज्यादा संपत्तियां, गांवों की भी पड़ताल शुरू
शहरी क्षेत्र में 250 से ज्यादा वक्फ संपत्तियां रिकॉर्ड में हैं। वहीं, पूरे जिले में यह आंकड़ा 489 के पार है। पहले चरण में पोर्टल पर दर्ज रिकॉर्ड का मिलान हो रहा है, फिर हर गांव और इलाके में जाकर टीम जमीनी स्थिति का सर्वे करेगी। यह अभियान इस लिहाज से अहम है कि कई जगह वक्फ की बेशकीमती जमीनों पर कब्जे हैं, लेकिन कोई ठोस रिकॉर्ड न होने के चलते कार्रवाई नहीं हो पा रही थी।
वक्फ की जमीन, लेकिन कब्जा किसी और का!
बुरहानपुर जैसे शहरों में कई ऐसी संपत्तियां हैं जो वक्फ के नाम पर दर्ज हैं, लेकिन उन पर कब्जा दुकानदारों, बिल्डरों और स्थानीय दबंगों का है। अब ये सभी कब्जे रिकॉर्ड में आएंगे और वक्फ बोर्ड कार्रवाई कर सकेगा।
डिजिटल रिकॉर्ड से पारदर्शिता और सुरक्षा
नायब तहसीलदार नितिन चौहान कहते हैं शासन के निर्देश पर हम सैटेलाइट इमेज के साथ-साथ भौतिक सर्वे कर रहे हैं। जब रिकॉर्ड डिजिटल होगा, तो कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन देख सकेगा कि जमीन वक्फ की है या नहीं। यह पारदर्शिता ही सबसे बड़ा हथियार होगी अतिक्रमण के खिलाफ।
तीन स्तर पर दर्ज होगा डेटा
• गजट नोटिफिकेशन की जानकारी
• सैटेलाइट इमेज के जरिए वर्तमान स्थिति
• अतिक्रमण की स्थिति और भौतिक सत्यापन रिपोर्ट
क्यों है यह कदम जरूरी?
राज्य और देशभर में वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे और विवाद लंबे समय से चुनौती बने हुए हैं। इनकी सुरक्षा और सही उपयोग के लिए अब यह तकनीकी कदम बेहद अहम है। इससे न केवल सरकारी राजस्व को लाभ मिलेगा, बल्कि धार्मिक न्यासों की संपत्तियां भी संरक्षित रह सकेंगी।