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सिंधी समाजजन ने दुकान के सामने एकत्रित होकर किया विरोध, कहा-दुकान नहीं हटाई तो करेंगे आंदोलन
बुरहानपुर। कांग्रेस नेता रूपिंदर कीर की ओर से खोली गई शराब दुकान का सिंधी समाजजन ने विरोध किया है। साथ ही दुकान नहीं हटने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है। दरअसल शराब दुकान पहले श्रीमाया होटल के पास संचालित होती थी, लेकिन अब यह सिंधी बस्ती में स्थानांतरित कर दी गई है। इसका रहवासी विरोध कर रहे हैं।
दरअसल सिंधी बस्ती में मुख्य मार्ग पर एक नई शराब की दुकान खुली है। इसका रहवासी विरोध कर रहे हैं। सोमवार दोपहर करीब 1 बजे काफी संख्या में सिंधी समाजजन यहां जमा हुए और नारेबाजी कर विरोध दर्ज कराया। महिला-पुरूष रहवासियों ने कहा कि दुकान यहां से स्थानांतरित की जाए नहीं तो हम आंदोलन करेंगे।
यह बोले रहवासी- दुकान नहीं हटी तो आंदोलन, चुनाव बहिष्कार
रहवासी संगीता परवाल ने कहा- सिंधी बस्ती में नई शराब की दुकान खुल गई। पहले यह दुकान आगे थे अब बीच बस्ती में आ गई है। यहां दुकान न खोली जाए नहीं तो हम आगामी चुनाव का बहिष्कार करेंगे। यहां माता का मंदिर है। पास ही झूलेलाल मंदिर है। बच्चे छोटे हैं। उन पर इसका विपरीत असर पड़ेगा। हम इसका लगातार विरोध करेंगे। जनप्रतिनिधियों से भी मांग करते हैं कि इस तरफ ध्यान दें। मांग इसे दूर करें। राम मोहनानी ने कहा यहां से दुकान दूसरी जगह दी जाए। जिसने दुकान किराये पर दी है उससे भी निवेदन कर रहे हैं कि वह भी सामान्य व्यक्ति को दुकान दे। सेवकराम मोहनानी ने कहा यहां शराब दुकान के होने से क्षेत्र का पूरा वातावरण खराब हो जाएगा। अब तक यहां का वातावरण शुद्ध है। यहां शराबी आएंगे। बच्चों पर इसका गलत असर पड़ेगा।
115 करोड़ में गई है 14 समूह की 44 दुकानें
जिला आबकारी अधिकारी वीरेंद्र सिंह धाकड़ ने कहा पहले जहां दुकान लग रही थी उसने स्थान परिवर्तित किया है। दूसरा जो घोषित क्षेत्र है वह निर्धारित दूरी का फालो कर रहे हैं। मंदिर से दुकान की पर्याप्त दूरी है। फिलहाल ऐसी कोई विसंगति सामने नहीं आई। अगर कहीं भी विसंगति होगी तो दिखवाएंगे। इस साल तीन ग्रुप को ठेके नीलाम हुए। 14 समूह की 44 दुकानें थी सभी का निष्पादन हो गया है। करीब 115 करोड़ 50 लाख के राजस्व में दुकानें गई है। यह पिछले साल से साढ़े 12 प्रतिशत प्लस में है।
वर्जन-
बैठकर नहीं पिलाएंगे, सुरक्षा का ध्यान रखेंगे
* सारे नियम कायदे पूरे करने के बाद दुकान शुरू की गई है। आबकारी विभाग से पूरी जांच होती है। इसके बाद दुकान दी जाती है। वहां हमने पूरी तरह कवर करके टीन के पतरे लगाए हैं ताकि किसी को कोई परेशानी न हो। बैठाकर शराब नहीं पिलाएंगे। लोग आकर ले जाएंगे।
-रूपिंदर कीर, शराब दुकान संचालक