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सिटी बस नहीं चलने से आमजन को होती है परेशानी, कोर्ट तक पहुंचने के लिए 200 से 400 रूपए तक खर्च करते हैं पक्षकार
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जनसुनवाई में रो पड़ी एक आदिवासी महिला, कलेक्टर ने दिया टारगेट आते ही आवास मुहैया कराने का आश्वासन
बुरहानपुर। जनसुनवाई में मंगलवार को जिलेभर से पीड़ित आवेदक पहुंचे। सबसे ज्यादा शिकायतें पीएम आवास का लाभ नहीं मिलने से संबंधित रही। वहीं शहर में पहले ही तरह सिटी बस चलाने की मांग भी उठाई गई है। खासकर बस को न्यायालय तक चलाने की मांग की जा रही है। पहले यह बस संचालित की जा रही थी, लेकिन बाद में इसका संचालन न्यायालय में केस लगने के कारण बंद कर दिया गया। बताया जा रहा है कि बस संचालक केस जीत गया है और सिटी बस फिर से चालू हो सकती है। वहीं जनसुनवाई में एक आदिवासी महिला पीएम आवास का लाभ मिलने से दुःखी होकर रो पड़ी।
सिटी बस चलाई जाए, बस नहीं चलने से आमजन का हो रहा नुकसान
अधिवक्ता अशोक सालवे ने जनसुनवाई में डिप्टी कलेक्टर सरोज परिहार को आवेदन सौंपा जिसमें उन्होंने कहा-रेलवे स्टेशन से सिटी बस जिला न्यायालय तक चलना चाहिए। न्यायालय तक 15 रूपए लेना चाहिए। बस नहीं चलने से लोग परेशान होते हैं। 200 से 400 किराया लग जाता है। न्यायालय काफी दूर बनाया गया है।
पीएम आवास का नहीं मिला लाभ
नीम पड़ाव से आई निर्मला बाई ने कहा आज तक पीएम आवास का लाभ नहीं मिला। जबकि गांव में कुछ लोगों के एक ही घर में चार चार आवास तक दे दिए गए हैं। हमें पेंशन भी नहीं मिलती। कईं बार आवेदन कर चुके हैं। गांव से काफी संख्या में महिलाएं जनसुनवाई में आई थी। रेश्मी बाई ने कहा। फार्म भरे थे, लेकिन अब तक कोई लाभ नहीं मिला। लाडली बहना योजना का भी लाभ नहीं मिल रहा है। सचिव ध्यान नहीं देते।
पीड़ा सुनाते हुए रो पड़ी महिला
एक महिला अपनी पीड़ा सुनाते हुए रो पड़ी। पीड़ित महिला सुनीता सूरज कास्डेकर ने कहा- हमारा नाम सूची में आ गया, लेकिन दो साल में भी योजना का लाभ नहीं मिला। पंचायत वाले दो साल से घुमा रहे हैं कि कल आना, परसो आना। हम मजदूरी करते हैं। हमारे 3 बच्चे हैं। सूरज कास्डेकर ने कहा- सूची में नाम आने के बाद भी दो साल से पीएम आवास योजना का लाभ नहीं मिला। कभी एक माह तो कभी दो माह का भी आश्वासन देते हैं। 4 बार आवेदन कर चुके हैं। अब पेट पालने के लिए शाहपुर मे आकर काम करने लगे। वहीं इसे लेकर कलेक्टर भव्या मित्तल ने कहा-दाहिंदा के परिवार से बात हुई है। पीएम आवास सूची में उनका नाम 50वें नंबर के बाद है। उन्होंने खुद ही बताया कि 30 आवास ही आए हैं। ग्राम पंचायत के पास टारगेट रहता है। भारत सरकार से जैसे ही नया टारगेट आएगा हम परिवार को आवास मुहैया करवा देंगे।
जनसुनवाई में यह भी आई शिकायतें-
• पवन पिता कन्हैयालाल ने शिकायत की कि मेरा मकान ग्राम सिरपुर में है। घर के पास से एक नाली गुजर रही है जिसका पानी घर में आता है। इसकी शिकायत कईं बार कर चुका हूं, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पानी मकान में घुसने से मकान गिरने का खतरा मंडरा रहा है।
• ग्राम निमंदड़ निवासी दुर्गा बाई पति बाबुराव, सोना बाई, बाया बाई, नरेश, कटु बाई नरेश सहित अन्य ग्रामीणों ने जनसुनवाई में शिकायत की कि हमारे गांव में जाने आने का रास्ता दुरूस्त नहीं है। इसकी शिकायत कईं बार ग्राम पंचायत को की जा चुकी है, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। शिकायत करने पर पंचायत के जिम्मेदार सही जवाब तक नहीं देते। सचिव का कहना है कि सरकार से पैसा नहीं आ रहा है। उन्होंने रास्ता बनाने की मांग की है।
• महालक्ष्मी सहकारी समिति में जमा राशि वापस नहीं मिलने की शिकायत जनसुनवाई में की गई है। संतोष भावसार ने कहा-सहकारी समिति में 4.39 लाख रूपए जमा कराए थे। पांच माह पहले वादा किया गया था कि हर माह 50 हजार रूपए देंगे, लेकिन अब तक राशि नहीं मिली।
• वार्ड नंबर 35 राजपुरा के पार्षद अहफाज मीर ने शिकायत की कि कमल टॉकिज को तोड़ा गया है, लेकिन वहां तार फेंसिंग, बाउंड्रीवाल नहीं की गई। इसक कारण परेशानी आती है। लोग खुले में शौच कर देते हैं जिससे यहां से गुजरने वाली महिलाओं को भी परेशानी आती है। यहां बाउंड्रीवाल या तार फेंसिंग कराई जाना चाहिए।