इंदौर। शहर के एक निजी कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल साइबर ठगी का शिकार हो गए। ठगों ने उन्हें सोशल मीडिया पर फर्जी ट्रेडिंग ग्रुप में जोड़कर 1.70 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। जब बैंक मैनेजर को लगातार हो रहे ट्रांजेक्शनों पर शक हुआ, तो उन्होंने पूछताछ की, लेकिन बुजुर्ग ने जानकारी देने से इनकार कर दिया। इसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा और साइबर क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू कर दी।
फर्जी ऐप और डबल मुनाफे का झांसा
84 वर्षीय पूर्व प्रिंसिपल को आर्यन आनंद नाम के व्यक्ति का कॉल आया, जिसने खुद को ट्रेडिंग एडवाइजर बताया। उसने उन्हें stock.mscl-vip.top लिंक भेजकर एक ऐप इंस्टॉल करवाया और निवेश के लिए प्रेरित किया। बुजुर्ग ने 9 बार में करीब 1.70 करोड़ रुपये जमा कर दिए। ठग लगातार उन्हें डबल मुनाफे का लालच देते रहे और ऐप पर उनके अकाउंट में बड़ी रकम भी दिखाई, लेकिन निकासी की अनुमति नहीं दी। जब उन्होंने पैसा निकालने की कोशिश की, तो आरोपियों ने बहाने बनाए और फिर नंबर बंद कर दिए।
बैंक मैनेजर की सतर्कता से खुला मामला
पलासिया स्थित बैंक के मैनेजर को लगातार हो रहे ट्रांजेक्शनों पर संदेह हुआ। जब उन्होंने बुजुर्ग से पूछताछ की, तो उन्होंने पहले इसे निवेश बताकर जानकारी देने से इनकार कर दिया। इसके बाद बैंक मैनेजर ने पुलिस को सूचित किया। एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया खुद पूर्व प्रिंसिपल के घर पहुंचे और उनसे पूछताछ की।
बुजुर्ग को आखिरी समय तक यह समझ नहीं आया कि वह ठगी का शिकार हो चुके हैं। वे ऐप पर दिखाई जा रही फर्जी रकम को ही असली मानते रहे। फिलहाल, पुलिस ने साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कराई है और मामले की जांच जारी है।
कैसे बचें साइबर ठगी से?
✅ अनजान लिंक पर क्लिक न करें – हमेशा जांचें कि लिंक भरोसेमंद है या नहीं।
✅ बिना जांचे किसी को पैसे न भेजें – ठग आपको मुनाफे का लालच देकर पैसे ऐंठ सकते हैं।
✅ बैंकिंग लेनदेन पर नजर रखें – यदि किसी खाते में अचानक बड़े ट्रांजेक्शन हो रहे हैं, तो तुरंत जांच करें।
✅ साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें – किसी भी संदेहजनक गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करें।
✅ संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें – यदि कोई आपको निवेश का झांसा दे रहा है, तो पहले एक्सपर्ट्स से सलाह लें।