27.4 C
Burhānpur
Saturday, November 23, 2024
27.4 C
Burhānpur
Homeअपराधमुर्दों के नाम पर निकाल लिया था पैसा- ग्राम पंचायत मांडवा के...
Burhānpur
overcast clouds
27.4 ° C
27.4 °
27.4 °
39 %
1.6kmh
85 %
Sat
29 °
Sun
28 °
Mon
29 °
Tue
29 °
Wed
29 °
spot_img

मुर्दों के नाम पर निकाल लिया था पैसा- ग्राम पंचायत मांडवा के वर्तमान सरपंच, उपसरपंच और सचिव पर धोखाधड़ी का केस 

  • नेपा थाने में दर्ज किया गया विभिन्न धाराओं में केस, मृतकों की समग्र आईडी से की गई थी छेड़छाड़

बुरहानपुर। मुर्दों के नाम पर पैसा निकालकर 16 लाख की धोखाधड़ी करने वाले ग्राम पंचायत मांडवा के सरपंच, उप सरपंच और तत्कालीन सचिव के खिलाफ नेपानगर थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है। आरोपियों ने मृतकों की समग्र आईडी में छेड़छाड़ कर ई-संबल कार्ड जारी किए थे और 16 लाख रूपए का फर्जीवाड़ा किया था। मामला सामने आने पर खकनार जनपद पंचायत में 16 लाख रूपए की राशि वापस जमा करा दी गई थी, लेकिन इस मामले में अब जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। राजनीतिक रसूखदारों ने पहले तो इन आरोपियों को बचाने का काफी प्रयास किया, लेकिन वह भी सफल नहीं हो पाए।
गौरतलब है कि पिछले दिनों ग्राम पंचायत मांडवा में मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना के तहत मृतकों की समग्र आईडी से छेड़छाड़ कर 16 लाख रूपए का गबन किए जाने का मामला सामने आया था। जांच में पाया गया कि ग्राम पंचायत मांडवा के तत्कालीन सचिव सुनिल पटेल, सरपंच तुलसीराम, उप सरपंच संजय जाधव ने श्रमिकों की मौत के बाद उनकी समग्र आईडी से छेड़छाड़ कर ई-संबल कार्ड जारी कराकर कूटरचित दस्तावेज, मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर संबल योजना के तहत अपात्र लोगों को लाभ दिया। जिला पंचायत सीईओ ने तत्कालीन सचिव सुनिल पटेल को तो सस्पेंड कर दिया था, लेकिन संबंधितों पर एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी। शिकायतकर्ता रेमा जाधव, मोहन जाधव, बादशाह जाधव, प्रेमलाल जाधव, ढाबा अलावे, प्यार सिंग रावत, नानसिंग रावत की ओर से लगातार मामले में एफआईआर दर्ज कराने की मांग की जा रही थी। अब जाकर आरोपियों पर केस दर्ज कराया गया है। इस मामले में नेपानगर विधायक मंजू दादू ने भी हस्तक्षेप किया था। उन्हें ग्रामीणों ने इसकी शिकायत की थी। तब नेपा विधायक ने शिकायत के साथ अपना पत्र भी लगाया। इसी के आधार पर पूरे मामले की जांच हुई।
8 लोगों के नाम से उठाया गलत लाभ
रेलबाई, राजू वहार सिंग, अंकिता चैनसिंग, रूलकी बाई हेमता, रेमला, मांगीलाल गटर, रामलाल कुमार और रमती बाई शेरसिंग सभी निवासी ग्राम मांडवा। इनके खातों में पंचायत की ओर से कुल 16 लाख रूपए डालकर खुद भी आर्थिक लाभ उठाया गया। कूटरचित दस्तावेज तैयार किए गए। इस मामले में ग्रामीणों की शिकायत भी सामने आने पर जिला पंचायत सीईओ सृष्टि देशमुख ने तत्कालीन पंचायत सचिव सुनिल पटेल को सस्पेंड कर दिया था जबकि सरपंच, उप सरपंच को 9 अगस्त को बयान देने के लिए भी बुलाया गया था। उनके खिलाफ जिला पंचायत में भी धारा 40 के तहत पद से पृथक किए जाने का केस लगाया गया है। ग्राम पंचायत मांडवा में मृत श्रमिकों की मृत्यु के बाद उनके फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर ई-संबल कार्ड जारी कराकर अनुग्रह राशि प्रदान की गई। मांडवा के तत्कालीन सचिव सुनिल पटेल, वर्तमान सरपंच तुलसीराम, वर्तमान उप सरपंच संजय जाधव ने मिलकर यह कृत्य किया। रेलबाई, राजू वहार सिंग,अंकित चैन सिंग, रूलकी बाई हेमता, रेमला, मांगीलाल गटर, रामलाल कुमार, रमतीबाई शेर सिंग के प्रकरणों को संबल सहायता की फाइलों की जांच की गई। हितग्राहियों से चर्चा की गई तो पाया गया कि वह गरीब मजदूर आदिवासी व पात्रता के बार में कोई जानकारी नहीं रखते। एक महिला जिसको 4 लाख का लाभ मिला, लेकिन उप सरपंच संजय जाधव ने 2 लाख रूपए खुद के खाते में डाल लिए। पासबुक की जांच में यह पता चला। सभी आठ प्रकरण फर्जी पाए गए।
उप सरपंच ने खुद के खाते में डलवा लिए दो लाख
जांच में पाया गया कि मृत्यु प्रमाण पत्र गलत तारीखों पर जारी किए गए। संबल का आनलाइन केवायसी कर संबल कार्ड जारी किए गए। सचिव ने प्रकरणों में हस्ताक्षर करने, बिना कोई जांच किए ओटीपी देकर मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने से वह समान रूप से जांच में दोषी पाए गए। 8 अपात्र लाभार्थियों के बैंक खाते की जांच के बाद दवलसिंग रेमला के खाते में 2 लाख रूपए 20 मार्च 2024 को शासन द्वारा डाले गए। इसके बाद 8 अप्रैल 24 को उप सरपंच संजय जाधव ने खुद के खाते में 2 लाख हस्तांतरित किए। अन्य सात हितग्राहियों के खाते से भी कुछ राशि कैश के रूप में निकाली गई। एक अन्य प्रकरण सिरकी बाई जिसको दुर्घटना के तहत 4 लाख रूपए का लाभ प्राप्त हुआ, लेकिन उप सरपंच ने 2 लाख रूपए 20 जुलाई 2023 को खुद के खाते में ट्रांसफर कर लिए। इसलिए जांच में पाया गया कि आठ प्रकरणों में उप सरपंच संजय जाव, सरपंच तुलसीराम ने पद का दुरूपयोग कर वित्तीय अनियमितता की। सरपंच, उप सरपंच और तत्कालीन सचिव ने जनपद पंचायत खकनार में गबन की राशि 16 लाख रूपए जमा करा दी, लेकिन इनके द्वारा फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर मृत्यु के बाद ई-संबल कार्ड बनाकर फर्जी दस्तावेज बनाने, शासन को गुमराह करने के कारण आरोपियों पर एफआईआर दर्ज की गई। यह एफआईआर खकनार जनपद पंचायत के सहायक विस्तार अधिकारी अमित मिश्रा की शिकायत पर दर्ज की गई।
वर्जन-
केस दर्ज कर लिया गया है
– मांडवा ग्राम पंचायत के मामले में तीन आरोपियों पर धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
– ज्ञानू जायसवाल, थाना प्रभारी नेपानगर

spot_img
spot_img
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

spot_img
spot_img