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ग्राम मोहम्मदपुरा में सरकारी नाले में भराव कर काशी नगर नाम से विकसित की कॉलोनी
बुरहानपुर। शहर में अवैध कॉलोनियों का मकड़जाल फैला हुआ है। आलम यह है कि कईं लोग इन अवैध कॉलोनियों के जाल में फंसकर अपनी जमा पूंजी को दांव पर लगा चुके हैं। लोगों को लुभावने सपने दिखाकर अधिकांश कॉलोनाइजर मूलभूत सुविधाओं से वंचित कर देते हैं। ऐसा ही एक मामला काशी नगर कॉलोनी का सामने आया है जिसमें काफी देर के बाद ही सही तहसीलदार ने अपने न्यायालय में प्रकरण पंजीबद्ध कर कॉलोनाइजर को नोटिस जारी कर दिया है।
दरअसल ग्राम मोहम्मदपुरा में दीप डेवलपर्स द्वारा अवैध तरीके से काशी नगर कॉलोनी विकसित की गई है। कॉलोनाइजर द्वारा सरकारी नाले में भराव डालकर अतिक्रमण किया गया है। पिछले दिनों इसकी शिकायत कलेक्टर से की गई थी। शिकायत को अफसरों ने जांच में लिया, लेकिन अब जाकर इसमें केस दर्ज कर नोटिस जारी हुआ है। शिकायतकर्ता ने कहा दीप डेवलपर्स को प्रदान की गई सभी अनुज्ञाओं को तत्काल निरस्त कर शासकीय नाले को अतिक्रमण मुक्त करना चाहिए।
कॉलोनाइजरों को नहीं है डर
दीप डेवलपर्स के संचालक आरिफ रस्सीवाला सहित अन्य कॉलोनाइजरों को प्रशासन का कोई डर नहीं है। नियम कायदों को ताक पर रखकर कॉलोनियों का निर्माण कर दिया है। कार्रवाई के नाम पर भी प्रशासनिक अफसर लीपापोती करते नज़र आते है। शिकायतों का दबाव बढ़ने पर नोटिस जारी कर खानापूर्ति देखने को मिलती है।
कॉलोनाइजरों पर एफआईआर के बाद भी नहीं सुधरे
खास बात यह है कि हर सप्ताह कलेक्टर कार्यालय में आयोजित होने वाली जन सुनवाई में सबसे अधिक शिकायतें अवैध कॉलोनियों की ही होती है। ऐसा नहीं है कि प्रशासन बिल्कुल कार्रवाई नहीं करता, बल्कि कुछ समय पहले कुछ कॉलोनाइजरों पर एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है, लेकिन इसके बाद भी अवैध कॉलोनियों का जाल बिछा हुआ है। कईं लोगों ने अपनी जमा पूंजी कॉलोनियों में प्लाट लेने के लिए फंसा दी। बाद में उन्हें मूलभूत सुविधाओं से वंचित होना पड़ा। सरकारी जमीन पर भी अतिक्रमण कर कॉलोनियां काटी गई है। कुछ की जांच होती है तो कुछ में ढील पोल की जाती है। ऐसे में कॉलोनाइजरों के हौंसले बुलंद होते हैं।
वर्जन-
प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया गया
– शनिवार को एसडीएम ने काशी नगर के मामले में प्रकरण पंजीबद्ध करने के निर्देश दिए थे। आज प्रकरण पंजीबद्ध कर नोटिस जारी किया गया है। सुनवाई की जाएगी। इसके बाद नियमानुसार जो भी कार्रवाई हो सकेगी वह करेंगे।
-रामलाल पगारे, तहसीलदार बुरहानपुर