बुरहानपुर। भक्तिभाव और आध्यात्मिक उल्लास के साथ आज श्री गोकुल चंद्रमाजी मंदिर परिसर में नटखट लीला का भव्य आयोजन किया गया। इस लीला का आयोजन मंदिर के सेवायतों और भक्तों के सहयोग से किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
इस पावन अवसर पर एक सुंदर कथा मंचित की गई, जिसमें एक नटखट कलाकार, जो वृंदावन का रहने वाला था, गलती से बरसाने पहुंच गया। वहां की गोपिकाओं ने उसे घेर लिया और प्रश्न करने लगीं। जब उसने श्री राधा रानी से प्रार्थना की, तो राधा जी स्वयं पधारीं और अपने महल में ले जाकर उसका सत्कार किया। उन्होंने नटखट से कहा कि वह बहुत सुंदर लीला करता है, इसलिए उनके दरबार में उसकी नटखट लीला का आयोजन होना चाहिए।
इसके बाद नटखट और उसकी अर्धांगिनी ने अद्भुत नृत्य प्रस्तुत किया, जिसे देखकर उपस्थित भक्तगण आनंदित हो उठे। श्री राधा जी ने प्रसन्न होकर अपने गले की माला नटखट को भेंट की, जिसे पाकर वह धन्य हो गया और भगवान की कृपा अनुभव करने लगा।
कार्यक्रम की प्रमुख झलकियाँ
भजन-कीर्तन और नृत्य का अलौकिक संगम
कार्यक्रम में पंडित सचिन मिश्रा, प्रदीप मिश्रा और अन्य विप्रवर उपस्थित रहे। सचिन मिश्रा जी ने प्रभु के षणमुख भजन एवं कीर्तन गाकर पूरे मंदिर परिसर को भक्तिमय बना दिया। विशेष आकर्षण के रूप में श्री आदित्य भाई मुखिया जी ने सचिन मिश्रा जी के साथ नृत्य किया और फुगड़ी खेली, जिससे संपूर्ण वातावरण उल्लास से भर गया।
भव्य नृत्य लीला और भक्तों की सहभागिता
• नटखट और उनकी अर्धांगिनी का दिव्य नृत्य – भक्तों ने इस पावन प्रस्तुति को देखकर भाव-विभोर हो गए।
• संतों और विद्वानों का मार्गदर्शन – कार्यक्रम के दौरान विद्वानों ने नटखट लीला का आध्यात्मिक अर्थ भी बताया।
• सभी भक्तों को कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर – भक्तों को भी इस लीला में भाग लेने का अवसर दिया गया, जिससे वे आध्यात्मिक अनुभूति कर सकें।
श्री राधा रानी का प्रसाद वितरण
कार्यक्रम के अंत में श्री मुखिया जी ने भक्तों को अपने हाथों से श्री राधा रानी का प्रसाद वितरित किया। भक्तों ने इसे भगवान का विशेष आशीर्वाद मानकर ग्रहण किया और सुख-समृद्धि की कामना की।
लठमार होली और फूल फाग महोत्सव
बुधवार शाम 6:30 बजे से भव्य लठमार होली मनोरथ एवं फूल फाग महोत्सव आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन भक्तों को बरसाने की पारंपरिक होली का दिव्य अनुभव देगा। राधा-कृष्ण की लीलाओं का मंचन, भजन-कीर्तन और संकीर्तन का विशेष आयोजन, फूलों की होली और भक्तों के साथ उत्सव, और होली की पारंपरिक रस्में और रंगोत्सव। मंदिर में आयोजित नटखट लीला ने सभी भक्तों को भाव-विभोर कर दिया। यह आयोजन न केवल मनोरंजन का साधन बना, बल्कि भक्तों को राधा-कृष्ण की लीलाओं के महत्व को भी समझाया। अब सभी भक्त लठमार होली और फूल फाग महोत्सव का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।