-
आत्मनिर्भर भारत की ओर बुरहानपुर के बढ़ते कदम
-
केला चिप्स, केला पाउडर, राखियां, साज-सज्जा की वस्तुयें, घरेलू सामान-चटाई, पर्स, टोकरियां, पायदान सहित अन्य उत्पाद हो रहे है निर्मित
बुरहानपुर। नव वर्ष-2024, का तीसरा दिन बुधवार बुरहानपुर जिले के लिए नवीन उपलब्धि के रूप में दर्ज हुआ। आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के प्रयास एवं जिले की पहचान एक जिला-एक उत्पाद अंतर्गत मुख्य फसल केले का उत्पादन बढ़ाने, व्यापार बढ़ाने, प्रसंस्करण क्षेत्र में विशेष कार्य करने के लिए आज बुरहानपुर जिले को प्रथम राष्ट्रीय ओडीओपी पुरस्कारों में ‘‘स्पेशल मेंशन अवार्ड-2023‘‘ से नवाजा गया है। नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल एवं विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कलेक्टर भव्या मित्तल को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
केला चिप्स, केला पाउडर, राखियां, साज-सज्जा की वस्तुयें, घरेलू सामान-चटाई, पर्स, टोकरियां, पायदान सहित अन्य उत्पाद हो रहे है निर्मित
भारत सरकार द्वारा वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट-ओडीओपी प्रोग्राम चलाया जा रहा है। मध्यप्रदेश शासन के निर्देशानुसार एक जिला-एक उत्पाद अंतर्गत बुरहानपुर जिले में केला फसल को चिन्हित किया गया। जहां जिले की मुख्य फसल केले के रेशे से विभिन्न उत्पाद तैयार करने के लिए महिलाओं को नियमित रूप से प्रशिक्षण दिया गया। जिसके अंतर्गत प्रारंभिक तौर पर ही केले की गुणवत्ता को पहचानने, केले के तने से रेशे निकालने तथा उससे आकर्षक उत्पाद जैसे-चटाई, पर्स, साज-सज्जा की वस्तुयें, टोकरियां, पायदान, राखियां, केला चिप्स, केला पाउडर इत्यादि उत्पाद तैयार किये जा रहे है। केले के रेशे से उत्पादों को तैयार करने में जिले की महिलायें आगे आकर रूचि ले रही है। जिससे वे आर्थिक रूप से भी सशक्त हो रही है।
प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन सदैव प्रयासरत्
जिले में केले के विक्रय को बढ़ाने के लिए एक जिला-एक उत्पाद के तहत रेल्वे स्टेशन बुरहानपुर पर स्टॉल लगाया गया है। वहीं जिले में केला पैकिंग एवं ग्रेडिंग की यूनिट्स स्थापित की गई है। जिसके माध्यम से प्रतिदिन लगभग 20 से 30 मीट्रिक टन केले दुबई, तुर्की, बहरीन एवं अन्य देशों में निर्यात किये जाते है। इसके साथ ही ़देश के विभिन्न राज्यों जैसे-दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, जम्मू कश्मीर आदि राज्यों में भी जिले से केले की आपूर्ति की जाती है। लेख है कि जिले में केले के प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए 25 रायपेनिंग चेंबर्स एवं विभिन्न बनाना चिप्स यूनिट्स स्थापित की गई है। जिले में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को केले के रेशे से सेनेटरी नेपकिन तैयार करने का प्रशिक्षण सहित हस्तशिल्प कला में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए जिला प्रशासन सदैव प्रयासरत् है।