39.8 C
Burhānpur
Friday, April 18, 2025
39.8 C
Burhānpur
spot_img
Homeमध्यप्रदेशलचर व्यवस्था- आत्मरक्षा प्रशिक्षण में डीपीसी की घोर लापरवाही!
Burhānpur
clear sky
39.8 ° C
39.8 °
39.8 °
13 %
3.8kmh
5 %
Fri
40 °
Sat
42 °
Sun
42 °
Mon
42 °
Tue
44 °
spot_img

लचर व्यवस्था- आत्मरक्षा प्रशिक्षण में डीपीसी की घोर लापरवाही!

  • जिले की सरकारी माध्यमिक स्कूलों में रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण की होगी मॉनिटरिंग

  • परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केंद्र ने जारी किया जनशिक्षक, प्रधान पाठकों को पत्र

बुरहानपुर। जिले की सरकारी माध्यमिक स्कूलों में छात्राओं के लिए रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण होगा। इसकी नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी। इसे लेकर बुधवार को जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केंद्र ने जिले के सभी जनशिक्षकों, प्रधान पाठकों को पत्र जारी किया है। विभाग ने पत्र जारी करने में भारी लापरवाही बरती। जबकि राज्य शिक्षा केंद्र ने 31 दिसम्बर को पत्र जारी कर दिया था।
जारी पत्र में कहा गया कि रानी लक्ष्मी बाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण वर्ष 2024-25 का क्रियान्वयन कराया जाए। शाला प्रभारी द्वारा कोच की नियमित उपस्थिति दर्ज की जाए। प्रशिक्षण के फोटोग्राफ्स नियमित रूप से ग्रुप में भेजे जाएं। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि एक कोच द्वारा अधिकतम दो से तीन शालाओं में ही प्रशिक्षण जाए। प्रशिक्षण सप्ताह में निर्धारित 4 दिन अनिवार्य रूप से दिया जाए। प्रशिक्षण का सत्यापन सभी स्टाफ और बालिकाओं से कराने के बाद ही किया जाए। गलत या अधिक भुगतान करने की स्थिति में उत्तरदायित्व प्रधान पाठक का होगा। किसी भी कोच द्वारा अगर दो-तीन से अधिक शालाओं में प्रशिक्षण दिया जाता है तो किसी भी स्थिति में भुगतान नहीं किया जाए।
दिसंबर में राज्य शिक्षा केंद्र की ओर से जारी हुआ था पत्र
सत्र 2024-25 में सरकारी माध्यमिक शालाओं की बालिकाओं के लिए रानी लक्ष्मी बाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण सेल्फ डिफेंस शुरू किया गया था। इसे लेकर राज्य शिक्षा केंद्र की ओर से 31 दिसम्बर 2024 को पत्र जारी किया गया था। इसके पीछे उद्देश्य यह है कि छात्राओं के आत्मविश्वास में वृद्धि हो। विपरीत परिस्थितियों में खुद की रक्षा करने में समर्थ हों। इसलिए पढ़ाई के साथ साथ सेल्फ डिफेंस प्रशिक्षण देना तय किया गया था।
यह की गई व्यवस्था
प्रदेश की 14901 सरकारी माध्यमिक स्कूलों में कक्षा पहली से आठवीं की बालिकाओं के लिए 15 हजार रूपए प्रति शाला के मान से आत्मरक्षा प्रशिक्षण की स्वीकृति दी गई थी। ऐसी स्कूलें जहां छात्राओं की संख्या 25 से अधिक है वहां यह प्रशिक्षण दिया जाना है। महिला प्रशिक्षक के न मिलने पर पुरूष प्रशिक्षक के चयन के भी निर्देश दिए गए थे।
यह सिखाया जाएगा
प्रशिक्षण में बालिकाओं को रोजमर्रा की वस्तुएं जैसे चेन, दुपट्टा, स्टाल, मफलर, बैग, पेन, पेंसिंल और नोटबुक आदि से आत्मरक्षा मे उपयोग का तरीका सिखाया जाएगा। इसकी नियमित मॉनिटरिंग जिला परियोजना समन्वयक करेंगे।
यह है खामी-
-यह प्रशिक्षण छात्राओं को स्कूलें संचालित होने के समय दिया जाना चाहिए था, लेकिन इसमें देरी की गई। अब परीक्षाओं का दौर जारी है। ऐसे में जिला परियोजना समन्वयक की ओर से इसकी मॉनिटरिंग के लिए पत्र जारी किया गया है जबकि इसकी मॉनिटरिंग पहले होना चाहिए थी। राज्य शिक्षा केंद्र की ओर से इसके लिए पूरी कार्ययोजना बनाकर भेजी गई थी। साथ ही प्रत्येक स्कूल को 15 हजार रूपए के मान से राशि भी दी गई, लेकिन फिर भी कईं जगह लापरवाही बरती गई।
वर्जन
स्कूलो से ट्रेनरों के नाम समय पर नहीं आए
प्रशिक्षकों के लिए 3-4 विभागों के लिये पत्र व्यवहार किया जाता है। वहा से नाम आते है, फिर स्कूलों को दिए जाते है। स्कूलो से ट्रेनरों के नाम समय पर नहीं आने से देरी हुई है।
– रविन्द्र महाजन, डीपीसी बुरहानपुर

 

spot_img
- Advertisment -spot_img

Most Popular

Recent Comments

spot_img
spot_img