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40 से अधिक गांवों के किसानों ने की तालाब निर्माण की मांग
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तत्कालीन सीएम की घोषणाओं के बावजूद नहीं हुआ निर्माण
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कलेक्टर से मिलने की मांग पर अड़े, समाधान न होने पर आंदोलन की चेतावनी
बुरहानपुर। जिले के धूलकोट क्षेत्र के 40 से अधिक गांवों के किसानों ने सिंचाई सुविधा की मांग को लेकर मंगलवार दोपहर कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव किया। किसान हाथों में तख्तियां लेकर नारेबाजी करते हुए पहुंचे और कलेक्टर से मिलने की जिद पर अड़े रहे। किसानों का कहना है कि उन्हें सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है, जिससे उनकी फसलें प्रभावित हो रही हैं। वे ग्राम पंचायत अंबा की सुक्ता नदी धनबैड़ी पर तालाब निर्माण की मांग कर रहे हैं। प्रशासन से कई बार अनुरोध के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हुआ, इसलिए उन्होंने प्रदर्शन का फैसला किया।
किसानों की प्रमुख मांगें
• धनबैड़ी अंबा सुक्ता नदी पर सिंचाई तालाब का निर्माण
• जल संरक्षण के लिए सरकार द्वारा तत्काल योजना बनाई जाए
• पूर्व में की गई घोषणाओं को अमलीजामा पहनाया जाए
कृषि मंडी से कलेक्ट्रेट तक निकाली गई रैली
किसान शुरुआत में कृषि उपज मंडी में एकत्र हुए, इसके बाद शनवारा से होते हुए कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। यहाँ एडीएम वीर सिंह चौहान और एसडीएम पल्लवी पुराणिक ज्ञापन लेने पहुंचे, लेकिन किसानों ने ज्ञापन देने से इनकार कर दिया। वे केवल कलेक्टर हर्ष सिंह को ही ज्ञापन देने की मांग पर अड़े रहे।
करीब तीन घंटे तक किसान परिसर में डटे रहे। दोपहर 3 बजे कलेक्टर के पहुंचने पर उन्होंने ज्ञापन सौंपा।
बारिश में सिर्फ तीन महीने मिलता है पानी
पूर्व जिला पंचायत सदस्य अंतरसिंह बर्डे ने कहा कि धूलकोट क्षेत्र के करीब 40 गांव पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। इनमें अंबा गांव पहाड़ी पर बसा है, जहां न तो कुएं में पानी है और न ही ट्यूबवेल में।
• बारिश में सिर्फ दो-तीन महीने तक ही पानी उपलब्ध रहता है।
• गांव के पास से सुक्ता नदी बहती है, अगर यहाँ डैम या तालाब बना दिया जाए, तो किसानों को सालभर सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा।
• पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खकनार और धूलकोट में दो बार सभा के दौरान तालाब बनाने की घोषणा की थी, लेकिन अब तक यह वादा पूरा नहीं हुआ।
• वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी खंडवा में एक कार्यक्रम के दौरान तालाब निर्माण की आवश्यकता बताई थी।
जल स्तर घट रहा, मिर्च की फसल पर संकट
किसान पवन बर्डे ने बताया कि तालाब निर्माण न होने के कारण क्षेत्र का जल स्तर लगातार घट रहा है। यहां के किसान मिर्च की खेती ज्यादा करते हैं, लेकिन पानी की कमी के कारण उत्पादन पर असर पड़ रहा है।
किसानों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें एक महीने में पूरी नहीं हुईं तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम, पुलिस बल तैनात
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए कलेक्ट्रेट परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। बैरिकेड्स लगाए गए, काफी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। हालांकि, किसानों ने शांति से अपना प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपने के बाद वापस लौट गए।
राजनीतिक और सामाजिक समर्थन
किसानों के इस प्रदर्शन में कई सामाजिक और राजनीतिक नेता भी समर्थन देने पहुंचे, जिनमें पूर्व विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह, अजजा मोर्चा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष गन सिंह पटेल और सिकदार पटेल शामिल थे।
उन्होंने कहा कि यह मामला किसानों की जीविका और भविष्य से जुड़ा हुआ है और सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
कलेक्टर ने दिया आश्वासन
कलेक्टर हर्ष सिंह ने किसानों से मुलाकात की और आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और किसानों को उनकी मांगों का समाधान मिलता है या नहीं।