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29 किसानों के साथ 3.50 करोड़ की ठगी करने वाले 2 आरोपियों को जल्द पकड़ने की मांग
बुरहानपुर। जिले के किसानों को धोखाधड़ी का शिकार बनाने वाला महाराष्ट्र का एक डॉक्टर और उसका सहयोग अब तक फरार है। पुलिस ने उस पर ईनाम भी घोषित कर रखा है, लेकिन धोखेबाज डॉक्टर और उसका एक सहयोगी अब तक पुलिस गिरफ्त से दूर है। किसान मांग उठा रहे हैं कि आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी हो। साथ ही किसानों और प्रगतिशील किसान संगठन ने आंदोलन की भी चेतावनी दी है। प्रगतिशील किसान संगठन के पदाधिकारी पिछले दिनों जन सुनवाई में पहुंचकर भी इसकी शिकायत कर चुके हैं।
यह है पूरा मामला
ग्राम फोपनार, तुरकगुराड़ा, बड़सिंगी के 29 किसानों के साथ मक्का उपज खरीदी के नाम पर 3.50 करोड़ की धोखाधड़ी की गई थी। एक आरोपी ने खुद को फोपनार गांव का भानजा बताया था। उसने महाराष्ट्र के एक डॉक्टर के साथ मिलकर किसानों के साथ धोखाधड़ी की थी। आरोपियों ने किसानों को झांसा देकर मक्का फसल खरीदी थी। कुछ माह पहले किशोर पिता विश्वनाथ महाजन निवासी ग्राम फोपनार अपने साथ ग्राम फोपनार, तुरकगुराड़ा, बड़सिंगी के 29 किसानों को लेकर एसपी के पास पहुंचे थे। एसपी ने शाहपुर थाने को मामले की जांच कर कार्रवाई के लिए कहा था। किसानों की शिकायत पर शाहपुर थाने में आरोपी जितेन्द्र पिता वल्लभ महाजन निवासी ग्राम कर्की तहसील मुक्ताईनगर जिला जलगांव महाराष्ट्र और आरंभ ट्रेडिंग कंपनी के संचालक डॉ प्रफुल्ल पिता वासुदेव पाटिल निवासी चालिस बिगा मलकापुर जिला बुलढाणा महाराष्ट्र के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था।
किसानों को लालच देकर लिया था झांसे में
आरोपियों ने किसानों की मक्का की फसल को अवैध रूप से बेईमानीपूर्वक झूठा लोभ, लालच, प्रलोभन देकर करीब 3 करोड़ रूपये की राशि की खरीदी, लेकिन राशि का भुगतान नहीं किया गया। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसपी ने थाना प्रभारी शाहपुर अखिलेश मिश्रा के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम द्वारा उनके निवास स्थान व अन्य जगह पर तलाश के हर संभव प्रयास करने भी अभी तक कोई पता नहीं चला है। इसलिए प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए एसपी देवेन्द्र कुमार पाटीदार ने आरोपियों की गिरफ्तारी पर 10000 रूपये प्रत्येक आरोपी पर 5000 रूपए के नगद पुरुस्कार की घोषणा की। वहीं पिछले दिनों कलेक्टर भव्या मित्तल ने आरोपियों की चल, अचल संपत्ति का रिकार्ड निकलवाया है।
ऐसे किया फर्जीवाड़ा
आरोपी ने जितेंद्र अपनी रिश्तेदारी में फोपनार आया जाया करता था इसलिए फोपनार के लोग उसे जानते थे। उसने किसानों को बताया कि वह मलकापुर के डॉक्टर प्रफुल्ल पाटिल के साथ व्यापार करता है और ग्राम के किसानों का मक्का खरीदना चाहता है। इसके ऐवज में उपज की अच्छी कीमत दिलवा देगा। आरोपी महाराष्ट्र से ट्रक बुलवाकर फोपनार के तौल कांटे पर तौल करवाकर महाराष्ट्र माल ले जाता था। माल के संबंध में एक पर्ची बनाकर देता था। कुछ पर्चियों में आरंभ ट्रेडिंग के नाम से मराठी भाषा में पिंटेड बिल होते थे। मार्च, अप्रैल और मई 24 में तीन महीनों के दौरान किसानों से उसने 14-15 हजार क्विंटल मक्का खरीदा। जिसकी कीमत करीब 3.50 करोड़ से अधिक है। पैसा मांगने पर आना कानी कर रहा था। किसानों ने परेशान होकर इसकी शिकायत की थी। जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। आरोपी तभी से फरार हैं। उनकी तलाश की जा रही है। उन पर 10 हजार का ईनाम भी घोषित है। इधर प्रगतिशील किसान संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर 5 नवंबर तक उचित कार्रवाई न होकर आरोपी पकड़ में नहीं आते हैं तो हम 11 नवंबर से धरने पर बैठकर गांधीवादी नीतियों का सहारा लेकर आंदोलन करेंगे।
और इधर…..
अब मंडी प्रशासन कर बिचौलियों को उपज न बेचने की अपील
पहले मंडी प्रशासन की लापरवाही उजागर हुई तो वहीं अब मंडी प्रशासन किसानो ंसे अपील कर रहा है कि वह अपनी उपज बिचौलियों को न बेचे। मंडी अफसरों ने कहा-किसान कृषि उपज मंडी प्रागंण में मंडी अधिनियम धारा 37-1 अनुबंध पर्ची प्राप्त कर विक्रय करें। मंडी प्रांगण के बाहर सौदा पत्रक के माध्यम से सिर्फ मंडी अनुज्ञप्तिधारी व्यापारी ;लाइसेंसी व्यापारी को ही विक्रय करें। उपज विक्रय के बाद उसी दिन 1.99 लाख 999 रूपये तक का नगद भुगतान प्राप्त कर सकते हैं। वहीं 2 लाख रूपये से ऊपर की राशि होने पर आरटीजीएस, एनईएफटी के माध्यम से भुगतान किया जाएगा। भुगतान उसी दिन प्राप्त ना होने की सूचना तत्काल मंडी प्रशासन को लिखित में अवश्य दें। बिचौलिया, संदिग्ध व्यक्ति उपज मंडी प्रांगण, क्षेत्र में बिक रहे भाव से अधिक भाव में खरीदने का प्रस्ताव देता है तो उसे अपनी उपज ना बेचें।