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बोले- चुनाव टाइम टू टाइम हो रहा है परीक्षा क्यों नहीं
बुरहानपुर। मंगलवार को बीएससी नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टूडेंट ने परीक्षा नहीं कराए जाने पर नाराजी जताते हुए विरोध प्रदर्शन किया। करीब 2 किलोमीटर तक पैदल चलकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और कलेक्टर परिसर में धरना देकर नारेबाजी की। विद्यार्थियों ने कहा परीक्षा नहीं तो वोट नहीं। आने वाले लोकसभा चुनाव में हम युवा मतदाता तभी मतदान करने जाएंगे जब हमारी परीक्षा होगी।
दरअसल बीएससी नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टूडेंट ने मंगलवार दोपहर कलेक्टर परिसर में पहुंचकर धरना दिया और नारेबाजी कर अपना विरोध दर्ज कराया। विद्यार्थियों का कहना है कि हमारे देश में चुनाव टाइम टू टाइम हो रहा है, लेकिन परीक्षा का कोई टाइम टेबल नहीं है परीक्षा क्यों नहीं हो पा रही है। लाखों विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में है। दूसरे शहरों की तरह बुरहानपुर में भी 500 से अधिक विद्यार्थी बीएससी नर्सिंग और पैरामेडिकल में सत्र 2020-21 और 21-22 में प्रवेश लिया है, लेकिन 4 साल बाद भी फर्स्ट ईयर की परीक्षा नहीं हुई जिसको लेकर विद्यार्थियों में काफी आक्रोश फूट पड़ा और सभी कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। पैरामेडिकल छात्र रितेश देशमुख ने कहा कि 4 साल से हमारी परीक्षा नहीं हुई है 500 से अधिक विद्यार्थी परेशान है हमारी कोई सुनवाई नहीं ले रहा है 2020 में हम सब की डिग्री पूरी होनी थी, लेकिन अब तक पेपर नहीं कराया गया है। चुनाव टाइम टू टाइम हो रहे हैं, लेकिन परीक्षा टाइम टू टाइम नहीं होती। बुरहानपुर जिले में लगभग 500 विद्यार्थी है और पूरे प्रदेश में 1 लाख से अधिक विद्यार्थी है जिनका भविष्य अंधकार में है। विद्यार्थियों का आरोप है कि अगर कॉलेज अपात्र पाए गए हैं तो पहले क्यों मान्यता दी गई। हमारा नामांकन यूनिवर्सिटी से क्यों किया जिसको लेकर सभी विद्यार्थी अपने स्तर पर विरोध दर्ज कर रहे हैं। विद्यार्थियों का कहना है कि अगर परीक्षा नहीं तो वोट नहीं देंगे। 2024 में हमारा सेशन कंप्लीट हो रहा है लेकिन उसे बढ़ाया जा रहा है ऐसा क्यों किया जा रहा है। वहीं छात्रा चंचल कलम ने कहा कि हमारा एग्जाम जल्दी से कराया जाए। हमारे फ्यूचर का क्या होगा यह समझ में नहीं आ रहा है। अगर कोई कॉलेज में फर्जीवाड़ा हो रहा है तो इसमें हमारी गलती क्या है। हम विद्यार्थियों को क्यों इसकी सजा दी जा रही है। हम शासन प्रशासन से मांग करते हैं कि हमारे ऊपर राजनीति न की जाए। विद्यार्थियों को लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। परेशान होकर कईं विद्यार्थी आत्महत्या जैसे घातक कदम उठा रहे हैं। यदि ऐसा ही चला रहा तो विद्यार्थियों को पढ़ाई छोड़कर घर बैठना पड़ेगा
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