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ऐतिहासिक परकोटे को तोड़कर निकाला जा रहा रास्ता
बुरहानपुर। रोड चौड़ा करने के लिए इंदौर इच्छापुर हाईवे पर नगर निगम द्वारा गुरूवार से ऐतिहासिक परकोटे के कुछ हिस्से को तोड़ा जा रहा है। शुक्रवार को भी यह काम जारी रहा। वहीं इसे लेकर कुछ लोग ऐतराज जता रहे हैं तो कुछ का कहना है कि परकोटा काफी पुराना हो चुका है। इससे नुकसान भी हो सकता था इसलिए नगर निगम का यह प्रयास अच्छा है। गौरतलब है कि ऐतिहासिक परकोटे की दीवार करीब 297 पुरानी है। इसका निर्माण 1731 ईस्वी में शहर की सुरक्षा के लिए तत्कालीन शासक आसफ जहां निजामुल्मुल्क ने बनवाया था। यह करीब 8 किमी लंबा है। जिससे शहर कवर होता था।
राजपुरा नाले के पास स्थित परकोटे का हिस्सा तोड़ रहे
नगर नगर निगम द्वारा राजपुरा नाले के पास परकोटे का कुछ हिस्सा तोड़ा जा रहा है। यहां डिवाइडर बनाया जा रहा है, लेकिन डिवाइडर बनने से एक ओर का रास्ता संकरा हो रहा था। वहीं परकोटा क्षतिग्रस्त होने से हादसे की आशंका थी इसलिए निगम द्वारा दो दिनों से कोने के बड़े हिस्से को तुड़वाया जा रहा है। जिला पुरातत्व पर्यटन व संस्कृति परिषद सदस्य इतिहासकार शालिकराम चौधरी ने कहा-दीवार न तोड़कर कोई और विकल्प अपनाया जाना चाहिए। यह हमारे शहर की पहचान है।
इनका कहना है-
♥ उदासीन आश्रम के महंत स्वामी पुष्करानंद महाराज, कथावाचक कन्हैया महाराज एवं बुरहानपुर मजदूर यूनियन अध्यक्ष ठाकुर प्रियांक सिंह ने इसकी शिकायत क्षेत्रीय डायरेक्टर मध्यप्रदेश पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से करते हुए कहा ऐतिहासिक शहर बुरहानपुर की शान कहे जाने वाले प्राचीन परकोटे की दीवार के कुछ हिस्सों को शुक्रवार के दिन रोड चौड़ीकरण के नाम पर ध्वस्त कर दिया गया। गणपति नाके से शिकारपुरा गेट तक रोड व पुलिया निर्माण का कार्य भिन्न-भिन्न स्थानों पर पिछले एक माह से अधिक समय से प्रारंभ है। उसी निर्माण कार्य के अंतर्गत राजपुरा, सिलमपुरा गेट के पास ऐतिहासिक परकोटे के कुछ हिस्से को ठेकेदार ने बिना पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की अनुमति के तोड़ दिया। बुरहानपुर शहर की शान ऐतिहासिक परकोटे की दीवार को रोड बनाने वाली कंपनी के ठेकेदार ने बिना परमिशन ध्वस्त कर दिया है। जिसकी सूचना संस्कृति मंत्रालय को देकर मांग की गई है कि परकोटे का पुनः निर्माण होना चाहिए और बिना परमिशन शहर की ऐतिहासिक धरोहरों से छेड़खानी करने वाली एजेंसी एवं ठेकेदारों के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित होनी चाहिए।
♥ ठाकुर प्रियांक सिंह ने कहा- दशकों पूर्व भी ऐतिहासिक परकोटे से छेड़छाड़ करने पर शहर के राजनीतिक परिवार से संबंध रखने वाले एक गणमान्य व्यक्ति पर प्रकरण कायम हुआ था। आज फिर एक एजेंसी व ठेकेदार द्वारा इस प्रकार का कृत किया गया है इसलिए इस विषय पर तत्काल संज्ञान लेने की आवश्यकता है।
♥ मोहम्मद नौशाद स्थाई सदस्य जिला पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद बुरहानपुर ने कहा- आम जनता से ज्यादा नुकसान पर कोट को नगर निगम ने पहुंचाया है। आजादी के बाद से आज तक पूर्व नगर पालिका और वर्तमान नगर निगम द्वारा अपने स्वार्थ के लिए इस प्राचीन दीवार को जहां से चाहा गिरा दिया गया और जहां मनचाहा वहां दुकान निकाल दी गई और उसे पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई जिससे उनके हौसले बुलंद होते गए। अगर यह विकास है तो ऐसा विकास की बुरहानपुर वासियों को आवश्यकता नहीं है जो हमारी प्राचीन धरोहर को नुकसान पहुंचा कर किया जाए। इसका हम विरोध करते हैं।
वर्जन-
यह जनहित का काम
डिवाइडर बनने के बाद राजपुरा में रास्ता संकरा हो गया था। वाहनों के आवागमन में आसानी हो इसलिए परकोटे का कुछ हिस्सा तोड़ा गया है। इसे रास्ता चौड़ा होगा और वाहनों को निकलना आसान जाएगा। परकोटा शहर सीमा है। इसलिए जनहित कार्य में किसी से अनुमति लेना जरूरी नहीं है।
– संदीप श्रीवास्तव, आयुक्त नगर निगम बुरहानपुर।