बुरहानपुर। खंडवा लोकसभा क्षेत्र के सांसद ज्ञानेश्वर पाटील ने शुक्रवार को लोकसभा में नियम 377 के तहत बुरहानपुर में केला अनुसंधान केंद्र और कृषि महाविद्यालय की स्थापना की पुरजोर मांग रखी। सांसद ने कहा कि यह कदम किसानों की आय बढ़ाने और क्षेत्र के समग्र विकास में क्रांतिकारी साबित होगा।
बुरहानपुर केला उत्पादन में अग्रणी जिला
श्री पाटील ने बताया कि खंडवा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत बुरहानपुर जिला देशभर में केले के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। यहां हर साल बड़ी मात्रा में केला उत्पादित होता है, जो न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी निर्यात किया जाता है।
केला अनुसंधान केंद्र और कृषि महाविद्यालय के फायदे
• रोग प्रतिरोधी और उन्नत किस्मों का विकास: अनुसंधान केंद्र के माध्यम से बेहतर गुणवत्ता वाले, अधिक उत्पादक और रोग प्रतिरोधी किस्मों का विकास किया जा सकेगा।
• आधुनिक खेती के लिए प्रशिक्षण: किसानों को ड्रिप सिंचाई, खाद प्रबंधन, और कीटनाशकों के वैज्ञानिक उपयोग जैसे उन्नत कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
• स्थानीय युवाओं को रोजगार: अनुसंधान केंद्र और कृषि महाविद्यालय से स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
• अंतरराष्ट्रीय निर्यात को बढ़ावा: उच्च गुणवत्ता वाले केले और उससे बने उत्पादों का निर्यात बढ़ने से भारत को विदेशी मुद्रा अर्जित होगी।
• अर्थव्यवस्था को मजबूती: केले के प्रसंस्करण और संबंधित उद्योगों के विकास से क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलेगी।
• पर्यटन में योगदान: केला अनुसंधान केंद्र क्षेत्रीय पर्यटन का नया आकर्षण बन सकता है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल
सांसद ने कहा कि अनुसंधान केंद्र से किसानों को उन्नत खेती के लिए प्रेरणा मिलेगी और केले की खेती के वैज्ञानिक पहलुओं को समझने में मदद मिलेगी। यह पहल क्षेत्रीय कृषि क्षेत्र में सुधार के साथ-साथ बुरहानपुर को एक नई पहचान दिलाएगी।
सरकार से आग्रह
सांसद श्री पाटील ने मान कृषि मंत्री से आग्रह किया कि बुरहानपुर में केला अनुसंधान केंद्र और कृषि महाविद्यालय की स्थापना के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
बुरहानपुर के विकास का नया अध्याय
यह मांग न केवल किसानों की भलाई के लिए बल्कि क्षेत्रीय विकास के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। केला अनुसंधान केंद्र और कृषि महाविद्यालय की स्थापना से बुरहानपुर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिलेगी।