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विधायक मंजू दादू ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से नेपानगर विधानसभा में स्मृति उद्यान स्थापित करने का किया अनुरोध
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आदिवासी संस्कृति और डॉ. हेडगेवार की स्मृति को संरक्षित करेगा प्रस्तावित उद्यान
बुरहानपुर। नेपानगर विधायक मंजू दादू ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात कर नेपानगर विधानसभा में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी की स्मृति में एक भव्य स्मृति उद्यान स्थापित करने का अनुरोध किया है। विधायक ने इस योजना के लिए 50 एकड़ भूमि उपलब्ध कराने की मांग की है।
यह उद्यान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी के जीवन और उनके योगदान को समाज के समक्ष प्रस्तुत करेगा। वर्ष 2025 में आरएसएस अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है, और इस अवसर पर यह उद्यान आदिवासी समाज और क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और ऐतिहासिक योगदान होगा।
उद्यान की विशेषताएं
• डॉ. हेडगेवार जी की जीवनी और स्मृतियां- उद्यान में डॉ. हेडगेवार जी के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं और उनके विचारों को प्रदर्शित किया जाएगा।
• महापुरुषों की प्रतिमाएं- प्रभु श्रीराम, माता शबरी, आदिवासी महापुरुष: टंट्या मामा, रेंगा कोरकू
• पर्यावरण और मनोरंजन- बाग-बगीचे, ले और मनोरंजन के साधन, पेड़-पौधों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश
विधायक मंजू दादू ने अपने अनुरोध पत्र में कहा- डॉ. हेडगेवार जी का भारतीय समाज और स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान है। ऐसा स्मृति उद्यान समाज को उनके आदर्शों से प्रेरित करेगा और आदिवासी समाज को अपने इतिहास और संस्कृति से जोड़ने में सहायक होगा।
50 एकड़ भूमि की मांग
विधायक ने सरकार से अनुरोध किया है कि परियोजना के लिए 50 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई जाए। इस उद्यान से न केवल क्षेत्र के लोगों को सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जागरूकता मिलेगी, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और मनोरंजन का भी केंद्र बनेगा।
स्मृति उद्यान के लाभ
संस्कृति और इतिहास का संरक्षण: आदिवासी समाज और युवा पीढ़ी अपने गौरवशाली इतिहास और महापुरुषों के योगदान को जान सकेंगे।
पर्यटन और रोजगार: स्मृति उद्यान एक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित होगा, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
समाज के लिए प्रेरणा: यह उद्यान डॉ. हेडगेवार जी और अन्य महापुरुषों के आदर्शों से प्रेरित होकर समाज को सकारात्मक दिशा प्रदान करेगा।
नेपानगर क्षेत्र के लिए संभावित सौगात
यदि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है, तो यह नेपानगर क्षेत्र में एक अद्वितीय सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर बन सकता है। यह न केवल सामाजिक जागरूकता बढ़ाएगा बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक एकता को भी मजबूत करेगा।