19.8 C
Burhānpur
Thursday, January 9, 2025
19.8 C
Burhānpur
Homeमध्यप्रदेशआराम की नौकरी करना चाहते हैं जिले के कुछ शिक्षक- शिक्षा, जनजातीय...
Burhānpur
clear sky
19.8 ° C
19.8 °
19.8 °
29 %
2.3kmh
5 %
Thu
20 °
Fri
28 °
Sat
29 °
Sun
28 °
Mon
28 °
spot_img

आराम की नौकरी करना चाहते हैं जिले के कुछ शिक्षक- शिक्षा, जनजातीय विभाग में खत्म नहीं किया जा रहा अटैचमेंट

  • विभागीय आदेश के बाद भी अफसर नहीं कर रहे कार्रवाई, जन सुनवाई में भी हो चुकी है शिकायत

बुरहानपुर। जिले के कुछ शिक्षक सरकारी स्कूलों में पढ़ाने जाने की बजाए दफ्तर में बैठकर आराम की नौकरी करना चाहते हैं। ऐसा न केवल शिक्षा विभाग में हो रहा है, बल्कि जनजातीय विभाग में भी इसी तरह की मनमानी लंबे समय से चल रही है। खास बात यह है कि विभागीय आदेश होने के बाद भी अफसर अटैचमेंट खत्म करने को तैयार नहीं हैं। कुछ दिनों पहले जनजातीय विभाग ने अटैचमेंट समाप्त करने के आदेश जारी किए थे तो वहीं अब शिक्षा विभाग भी यह आदेश जारी कर चुका है इसके बाद भी कईं सरकारी स्कूलों, जनजातीय विभाग में शिक्षक अलग अलग पद लेकर बैठे हुए हैं।
जन सुनवाई में की गई अटैचमेंट समाप्त करने की शिकायत
जिले की हायर सेकंडरी, हाईस्कूलों के शिक्षकों अटैचमेंट खत्म कर उनको उनकी मूल शालाओं में भेजे जाने की मांग की जा रही है। इसे लेकर मंगलवार को जन सुनवाई में भी शिकायत की गई है। आजाद नगर निवासी डॉ फरीद उद्दीन काजी ने जन सुनवाई में शिकायत की कि जिले में विभिन्न शालाओं के शिक्षकों को जिला शिक्षा केंद्र और जनपद शिक्षा केंद्र में अटैच किया गया है। जिसके कारण स्कूलों में अध्यापन का काम प्रभावित हो रहा है। वहां शिक्षक नहीं हैं। छात्र छात्राओं की पूर्ण रूप से कक्षाएं नहीं लग पा रही है। इससे विद्यार्थियों को खासा नुकसान पहुंच रहा है। शिकायत में कहा गया कि लोक शिक्षण संचालनालय ने 23 दिसंबर 24 को वीडियो कांफ्रेंसिंग में निर्देश दिए थे कि इन्हें तुरंत ही कार्यमुक्त कर अपनी मूल ष्शाला में भेजा जाएए लेकिन राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल कर कई शिक्षक स्कूलों में पढ़ाने के लिए जाने की बजाए यहां टाइम पास कर रहे हैं। बुरहानपुर जिले में इस निर्देश का पालन नहीं हो जबकि दूसरे जिलों में अटैचमेंट समाप्त कर दिए गए है। अब तक यहां आदेश का पालन नहीं किया गया। अगले माह वार्षिक परीक्षाए आयोजित होगी। ऐसे में बच्चों का खासा नुकसान हो रहा है। मांग की गई है कि शिक्षा विभाग इसे गंभीरता से लेते हुए अटैचमेंट समाप्त करे।
जनजातीय विभाग में अटैचमेंट समाप्त करने में की जा रही देरी
कुछ दिनों पहले जनजातीय कार्य आयुक्त भोपाल की ओर से एक आदेश जारी किया गया था जिसे सभी संभागीय उपायुक्त, सहायक आयुक्त, जिला संयोजक आदि को भेजा गया था। इस आदेश में स्पष्ट तौर से हिदायत दी गई है कि अब विभाग में अटैचमेंट सिस्टम नहीं चलेगा। अगर किसी भी जिले में किसी अफसर ने नियम के विपरीत जाकर ऐसा किया तो कठोर कार्रवाई की जाएगी, लेकिन बुरहानपुर जिले में इस आदेश का पालन नहीं हो रहा है। जिले में लंबे समय से मनमानी पोस्टिंग का दौर चल रहा है। आलम यह है कि जनजातीय विभाग के कई काम शिक्षक ही संभाल रहे हैं। कुछ शिक्षक स्कूलों में जाकर पढ़ाई कराने की बजाए यहां सालों से बाबूगिरी कर रहे हैं। इसलिए अब उच्च स्तर से तो विभाग सख्त हो गया है, लेकिन स्थानीय स्तर पर कोई हलचल नजर नहीं आ रही है जबकि कुछ दिन पहले ही सहायक आयुक्त गणेश भाबर ने कहा था कि सूची तैयार की जा रही है, लेकिन सूत्रों के अनुसार अब तक किसी का भी अटैचमेंट समाप्त नहीं किया गया है। वहीं विभाग ने इस आदेश के साथ ही सक्षम अनुमोदन के बिना स्थानांतरण पर भी रोक लगा रखी है। जबकि अब तक बिना अनुमोदन ही यह काम होता रहा है।
अब जानिए- जनजातीय विभाग ने क्या जारी किया आदेश
जनजातीय विभाग मप्र आयुक्त की ओर से 10 मार्च 24 को एक पत्र जारी किया गया था जिसमें कहा गया है कि मप्र सरकार सामान्य प्रशासन विभाग के स्पष्ट निर्देश हैं कि संभाग, जिला स्तर पर अधिकारी, कर्मचारियों, शिक्षक संवर्ग का संलग्नीकरण नहीं किया जाए। इसी प्रकार प्रतिबंध अवधि में बिना सक्षम अनुमोदन के स्थानांतरण नहीं किए जाएं, लेकिन संज्ञान में आया है कि विभागीय संभागीय उपायुक्त, सहायक आयुक्त, जिला संयोजक जनजातीय कार्य व अनुसूचित जाति विभाग द्वारा अपने स्तर पर संलग्नीकरण, स्थानांतरण किए गए है। जो नियमानुसार नहीं है। इसलिए संलग्नीकरण, स्थानांतरण समाप्त, निरस्त कर इसकी जानकारी एक प्रारूप में 16 दिसंबर 24 तक प्रमाण पत्र उपलब्ध कराएं। साथ ही कहा गया कि प्रमाण पत्र देने के बाद भी अगर संभाग, जिलों में ऐसे प्रकरण सामने आते हैं तो संबंधित अधिकरियों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। वहीं जिले में स्थिति इस आदेश के विपरीत है। यहां अधिकांश शिक्षक सालों से पदस्थ हैं। कुछ आधा जीवन जनजातीय विभाग में ही बाबूगिरी करते हुए बीत गया जबकि जिन पदों मंडल संयोजक, क्षेत्र संयोजक का वह काम देख रहे हैं यह कार्यपालिक पद है। फिर भी वह एसी ऑफिस में डटे हुए हैं। कुछ प्रधान पाठक हैं जो अब जनजातीय विभाग में मंडल संयोजक हैं, लेकिन यह कार्यपालिक पद है। नियमानुसार कार्यपालिक पद पर शैक्षणिक पद का व्यक्ति काम नहीं कर सकता, लेकिन इसके बाद भी यहां सालों से पदस्थ हैं। इसी तरह माध्यमिक शिक्षक जनजातीय विभाग में क्षेत्र संयोजक का काम देख रहे है। यह भी कार्यपालिक पद है फिर भी यह लंबे समय से यह दायित्व संभाले हुए है। एक उच्च श्रेणी शिक्षक हैं उनकी मूल पदस्थापना दूसरी जगह है, लेकिन सालों से जनजातीय विभाग में पदस्थ है। एक व्याख्याता हैं, लेकिन अफसरी कर रहे हैं। एक हाईस्कूल प्राचार्य है जो यहां पदस्थ है।
वर्जन
आदेश जारी कर दिए
कार्यालयों में अटैच शिक्षकों को उनके मूलपद पर भेजने के आदेश जारी कर दिए है। कितने शिक्षकों को मूलपद पर भेजा गया उसकी सूची फ़िलहाल मेरे पास नहीं है। कल बता पाऊँगा।
– गणेश भाबर, सहायक आयुक्त, जनजातीय विभाग बुरहानपुर

spot_img
spot_img
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

spot_img
spot_img