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चोर रास्तों से गुजरते हैं वाहन, एक माह पहले ही हो चुका है हादसा, पिछले दिनों जसौंदी मार्ग पर हादसे से नहीं लिया सबक
बुरहानपुर। जिले में परिवहन विभाग और चेक पोस्ट शाहपुर फाटा के पास अमला होने के बाद भी अवैध रूप से संचालित ओवरलोड वाहनों का संचालन जारी है। महाराष्ट्र से मप्र में आने वाली यात्री वाहन और मालयान राजस्व का अपवंचन कर विभिन्न ग्रामीण मार्गों का उपयोग कर मप्र की सीमा में प्रवेश करते है। वाहनों चालकों के पास वाहन से संबंधित दस्तावेज, परमिट, फिटनेस, पीयूसी सर्टिफिकेट, बीमा आदि न होने या समाप्त होने की स्थिति में भार वाहक वाहनों का ओवरलोड होने की स्थिति में दूसरे मार्गों जैसे जलगांव जामोद से जसौंदी तथा महाराष्ट्र के अंतुर्ली फाटे जैसे ग्रामीण मार्गों का उपयोग कर मप्र में प्रवेश कर मप्र शासन और परिवहन विभाग को राजस्व की क्षति पहुंचा रहे हैं। कुछ दिनों पूर्व ही जसौंदी से जलगांव जामोद मार्ग पर करोली घाट पर यात्रियों से भरी एक यात्री बस 20 फिट गहरी खाई में जा गिरी थी।। इसके बाद भी परिवहन अमला नींद में सो रहा है। लंबे समय से क्षेत्रीय अतिरिक्त परिवहन अधिकारी का पद जिले में खाली पड़ हुआ है। खंडवा के अतिरिक्त परिवहन अधिकारी बुरहानपुर जिले का भी प्रभार देखते हैं।
गांवों की सड़कें हो रही खराब
दूसरे मार्गों से गलत तरीके से वाहन संचालन करने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की स्थिति खराब हो रही है। यहां से छोटे वाहन भी जैसे पिकअप, आयशर वाहनों में अत्याधिक सवारी बैठाकर परिवहन किया जा रहा है। ऐसे में हादसे की आशंका भी बनी रहती है। इसे लेकर परिवहन विभाग का अमला लापरवाह बना हुआ है जिससे शासन को राजस्व की हानि भी हो रही है। स्थानीय से लेकर उच्च स्तर तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
बुरहानपुर में एआरटीओ नहीं, सिर्फ दो का स्टाफ
बुरहानपुर स्थित परिवहन विभाग के स्थानीय कार्यालय में स्टाफ ही नहीं है। यहां केवल दो ही लोगां का स्टाफ है जबकि परिवहन अधिकारी भी पदस्थ नहीं है। खंडवा के सहायक परिवहन अधिकारी जगदीश बिल्लोरे को बुरहानपुर जिले का अतिरिक्त प्रभारी बनाया गया है, लेकिन वह कभी यहां नहीं आते। यहां तक कि जब जसौंदी में हादसा हुआ था तब भी एआरटीओ यहां नहीं आए। न ही जिले में वाहनों की जांच की गई। जबकि जिले में बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी हो रही है। कईं बसों का संचालन बारात की बस होने के नाम पर यात्री बसों के रूप में किया जा रहा है। यानी बसों के सामने बारात का बैनर लगाकर भी टैक्स बचाया जा रहा है। बीमा, फिटनेस, लाइसेंस, फर्स्ट एड, वाहनों के कांच पर रजिस्ट्रेशन आदि की जांच भी नहीं की जा रही है। जबकि हादसो के बाद अकसर वाहनों की जांच की जाती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया गया। पिछले दिनों चोर रास्ते से गुजरने के कारण कईं लोगों की जान जाते जाते बची है।
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