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कलेक्टर ने पंजीयक को चेताया, दफ्तर के दरवाजे लगाकर क्रेता, विक्रेता को ही रखा अंदर
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कांग्रेस जिलाध्यक्ष फिर बोले- अगर प्रशासन ने सख्ती से कार्रवाई नहीं की तो करेंगे आंदोलन
बुरहानपुर। जिले के पंजीयक कार्यालय में सर्विस प्रोवाईडरों को मोहरा बनाकर अफसर रजिस्ट्री कराने के लिए आने वाले लोगों से अतिरिक्त राशि वसूलते हैं। यह राशि सीधे न लेते हुए सर्विस प्रोवाईडरों के माध्यम से वसूली जाती है इसलिए कभी अधिकारियों का नाम सामने नहीं आता, लेकिन हकीकत यह है कि पंजीयक कार्यालय में यह खेल सालो से चला आ रहा है। यहां पदस्थ अफसर सालों से कहीं जाने का नाम नहीं ले रहे। अगर उनका कहीं तबादला होता भी है तो कुछ समय बाद ही वह जुगाड़ लगाकर वापस आ जाते हैं। ऐसे में यहां रजिस्ट्री कराने आने वाले लोगों को दक्षिणा देना ही पड़ती है।
सूत्रों के अनुसार पंजीयक कार्यालय में हो रहे भ्रष्टाचार और मनमानी की शिकायतें सामने आने के बाद मंगलवार को कलेक्टर भव्या मित्तल ने जिला पंजीयक को बुलाकर ताकीद की है कि इस तरह की कोई शिकायत अब सामने नहीं आना चाहिए। वहीं इसके बाद जिला पंजीयक कार्यालय में मंगलवार को नया तरीका देखाने को मिला। यहां क्रेता, विक्रेताओं को दफ्तर के अंदर रखा गया और बाकी लोगों को बाहर कर दिया गया।
इधर, कांग्रेस ने एक बार फिर इस मामले में सवाल उठाए हैं। कांग्रेस जिलाध्यक्ष रिंकू टाक ने कहा- पंजीयक विभाग को लेकर अलग अलग शिकायतें आ रही है। सर्विस प्रोवाईडर जो रजिस्ट्री कराते हैं उनके माध्यम से अधिकारी दो से तीन फीसदी रिश्वत लेते हैं। अगर नहीं देते हैं तो उनकी रजिस्ट्री रोक ली जाती है। लाखों, करोड़ों का यहा भ्रष्टाचार है। इसकी जांच की मांग कलेक्टर से की गई है। अगर कोई दोषी पाया जाता है तो जांच कर उस पर कार्रवाई होना चाहिए।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष बोले-बुरहानपुर से अफसरों को ऐसा मोह क्यों
कांग्रेस जिलाध्यक्ष रिंकू टाक ने कहा आखिर बुरहानपुर से पंजीयक विभाग के अफसरों को इतना मोह क्यों है। क्या वजह है कि यहां के कुछ बाबू और अफसर तबादला होने के बाद भी बार बार बुरहानपुर ही वापस आ जाते हैं। यह भी जांच का विषय है। सालों से कुछ बाबू अफसर यहां से जाना नहीं चाहते। उनकी जड़ें काफी गहरी हो गई है। इसकी जांच कर कार्रवाई होना चाहिए नहीं तो आने वाले समय कांग्रेस आंदोलन करेगी।
बाबू के पीछे घूमते हैं कॉलोनाइर
सूत्रों के अनुसार पंजीयक कार्यालय के एक बाबू जो अब पदोन्नती पाकर साहब बन गए हैं उनके ही फैलाए हुए कमीशनखोरी के जाल में कईं लोग परेशान हैं। आलम यह है कि बाबू के पीछे कईं कॉलोनाइजर भी दिन निकलते ही घूमते नजर आते हैं। कईं बार बाबू साहब की शिकायतें भी हो चुकी है, लेकिन बाद में शिकायतों को रद्दी की टोकरी में डाल दिया जाता है। लोगों का कहना है कि पंजीयक कार्यालय में हो रही कमीशनखारी रूकना चाहिए ताकि आमजन को रजिस्ट्री कराने में आसानी हो।
ऐसे होता है फर्जीवाड़ा
सूत्रों के अनुसार रजिस्ट्री कार्यालय में मनमानी का खेल चल रहा है। रजिस्ट्री ना अटक जाए इसलिए तय राशि के अलावा अलग से साहब का नाम लेकर की जा रही वसूली में कहीं कहीं डर के कारण लोग पैसा दे देते हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि यह पैसा हर माह लाखों, करोड़ों में अवैध तरीके से कमाया जा रहा है। इसे लेकर समय समय पर शिकायतें भी की गई है, लेकिन अवैध वसूली के इस गोरखधंधे में लगे कुछ लोग खुद को साफ सुथरा रखने के लिए सर्विस प्रोवाईडरों को बीच में करते हैं। वह सीधे खुद कोई बात नहीं करते। ऐसे में आमजन को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है। लीगल तरीके से भी अगर किसी को रजिस्ट्री कराते है तो भी उसे अवैध राशि न देने का डर रहता है, क्योंकि उसे लगता है कि अगर पैसा नहीं दिया तो रजिस्ट्री का काम अटक सकता है। सरकार ने आनलाइन प्रक्रिया इसीलिए शुरू की थी ताकि अवैध गोरखधंधे पर रोक लगे, लेकिन इसके बाद भी कुछ लोगों ने अवैध कमाई के तरीके खोज रखे हैं। पूरे मामले की जांच हो तो कईं तथ्य उजागर हो सकते हैं।