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अर्चना चिटनिस ने कहा- बुरहानपुरवासियों का गर्व का दिन, 25 वर्षों की कठिन मेहनत का परिणाम
बुरहानपुर। आज का दिन बुरहानपुर के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा। वह सपना, जिसे 25 वर्षों तक लगातार मेहनत और संघर्ष के साथ साकार करने की कोशिश की गई, आज वह साकार हो चुका है। बुरहानपुर की विधायक एवं पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस की मौजूदगी में दुनिया की सबसे बड़ी ताप्ती मेगा रिचार्ज परियोजना का एमओयू साइन कर दिया गया है। यह परियोजना न केवल बुरहानपुर, खंडवा, जलगांव, अकोला और अमरावती जैसे जिलों के लिए वरदान साबित होगी, बल्कि यह देशभर के लिए जल संरक्षण और भूजल पुनर्भरण का एक नया मॉडल बनेगी। एमओयू हस्ताक्षर होकर मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र के मध्य आदान-प्रदान किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, जल शक्ति मंत्री सी.आर.पाटिल, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस, महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन, मध्यप्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट सहित योजना से जुड़े समस्त अधिकारियों एवं सहयोगियों का मन से आभार व्यक्त करती हूं।
दरअसल ताप्ती मेगा रिचार्ज परियोजना एक विशाल जल पुनर्भरण योजना है, जिसे मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के क्षेत्रीय जलप्रबंधन में सुधार के लिए डिजाइन किया गया है। इस परियोजना के तहत ताप्ती नदी के दोनों किनारों पर विशेष नहरों का निर्माण होगा, जिससे सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला की तलहटी में स्थित बजाडा ज़ोन के माध्यम से भूजल रिचार्ज किया जाएगा। इस परियोजना से 31.13 टी.एम.सी. (टीरेक्यूबिक मीटर) जल पुनर्भरण होगा, जिसमें 11.76 टी.एम.सी. मध्यप्रदेश और 19.36 टी.एम.सी. महाराष्ट्र को मिलेगा। साथ ही, यह परियोजना 3.57 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को लाभान्वित करेगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस परियोजना के कारण किसी भी गांव को विस्थापित नहीं किया जाएगा, और इस योजना से जलस्तर में सुधार और भूजल गुणवत्ता में वृद्धि का आश्वासन है।
25 वर्षों की तपस्या का फल
अर्चना चिटनिस ने कहा, आज बुरहानपुरवासियों के लिए गर्व का दिन है। 25 वर्षों की अथक मेहनत, संघर्ष, और प्रयासों के बाद यह दिन आया है। यह एमओयू हमारे सामूहिक परिश्रम का परिणाम है। ताप्ती मेगा रिचार्ज परियोजना न केवल हमारे क्षेत्र, बल्कि पूरे देश और दुनिया के लिए एक सशक्त जल पुनर्भरण मॉडल बनेगी। उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार के केंद्रीय जल बोर्ड ने ताप्ती कछार में स्थित बजाडा ज़ोन के बारे में प्रकाशन किया था, जिसमें यह पाया गया कि इस क्षेत्र में जल पुनर्भरण की क्षमता बहुत अधिक है। इसी तकनीकी शोध के आधार पर इस परियोजना की शुरुआत की गई थी।
जल संरक्षण में मील का पत्थर – डॉ. मोहन यादव
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस परियोजना की महत्वता पर कहा, यह परियोजना सिर्फ बुरहानपुर और खंडवा के लिए नहीं, बल्कि पूरी निमाड़ क्षेत्र के लिए एक नई शुरुआत है। इससे कृषि, उद्योग और पीने के पानी की उपलब्धता में सुधार होगा, और जल प्रबंधन को नई दिशा मिलेगी। यह परियोजना जल संरक्षण और पर्यावरण संतुलन में मील का पत्थर साबित होगी।
सिंचाई क्षेत्र में अभूतपूर्व बढ़ोतरी, किसानों के लिए वरदान
परियोजना के पूरा होने पर मध्यप्रदेश में लगभग 1.23 लाख हेक्टेयर और महाराष्ट्र में 2.35 लाख हेक्टेयर भूमि पर स्थायी सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।इससे किसानों की आय में स्थिरता आएगी और कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी। इसके अलावा, यह परियोजना विदर्भ क्षेत्र के किसानों के लिए विशेष रूप से लाभकारी साबित होगी, जहाँ खारी (अल्कालाइन) पानी की समस्या है।
यह परियोजना क्यों है विशेष?
ताप्ती मेगा रिचार्ज परियोजना को विशेष रूप से इस कारण माना जा रहा है क्योंकि यह विश्व का पहला ग्राउंड वाटर रिचार्ज प्रोजेक्ट होगा, जो पूरी दुनिया में कहीं और नहीं किया गया। इस परियोजना से जल की नई दिशा और दृष्टिकोण मिलेगा। यह परियोजना न केवल आंतर-राज्यीय सहयोग की मिसाल बनेगी, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर प्रबंधन की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम साबित होगी।
योजना की कुल लागत और क्षेत्रफल
इस परियोजना की अनुमानित लागत 19,000 करोड़ है और इसके द्वारा 3.57 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को जल पुनर्भरण और सीधी सिंचाई का लाभ मिलेगा। यह परियोजना सभी हितधारकों के लिए एक नया सूर्योदय साबित होगी, जिसमें किसान, उद्योगपति और नगरवासी सभी को लाभ मिलेगा।