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बुरहानपुर की हल्दी को अंतर्राष्ट्रीय पहचान- रूस तक पहुंचा स्वाद, प्रतिवर्ष 20 टन हल्दी का होगा निर्यात

  • “नमस्ते भारत” प्रदर्शनी में बुरहानपुर की हल्दी को मिली सराहना

  • जिले के 1680 किसान हल्दी की खेती से जुड़े

  • 32 प्रोसेसिंग यूनिट और उच्च गुणवत्ता ने खोले निर्यात के द्वार

बुरहानपुर। मध्यप्रदेश का बुरहानपुर जिला, जो अब तक अपने इतिहास, कपड़ा उद्योग और केले के लिए प्रसिद्ध था, अब अपनी हल्दी के लिए भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहा है। “एक जिला – एक उत्पाद” योजना के अंतर्गत हल्दी को भी प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे किसानों को आर्थिक लाभ मिलने के साथ-साथ जिले का नाम वैश्विक स्तर पर रोशन हो रहा है।
हल्दी उत्पादन का विस्तार और किसानों की भागीदारी
बुरहानपुर जिले में मुख्यतः डोइफोड़िया, सिरपुर, खकनार और फोफनार में सेलम किस्म की हल्दी उगाई जाती है। इस समय जिले के 1680 से अधिक किसान हल्दी की खेती से जुड़े हुए हैं। जिले में हल्दी के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 32 हल्दी प्रोसेसिंग यूनिट भी कार्यरत हैं।
रूस में “नमस्ते भारत” प्रदर्शनी में बुरहानपुर की हल्दी को सराहना
जनवरी 2025 में रूस के मास्को में “नमस्ते भारत” प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें बुरहानपुर जिले की हल्दी और केले के उत्पादों का प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शनी में उद्यानिकी विभाग के उपसंचालक श्री राजू बड़वाया, खकनार फार्मर प्रोड्यूसर प्राइवेट लिमिटेड बुरहानपुर के श्री उज्जवल चौधरी, जबलपुर के अवद्या हर्ब एंड फूड प्राइवेट लिमिटेड के अंबिका पटेल ने भाग लिया।
इस प्रदर्शनी में केला चिप्स, केला पाउडर, केला फिंगर, केला सेव, केला मिठाई के साथ-साथ हल्दी पाउडर को भी प्रस्तुत किया गया। हल्दी की गुणवत्ता को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय व्यापारियों ने इसे निर्यात के लिए उपयुक्त माना और इसी के चलते एक बड़े निर्यात समझौते पर हस्ताक्षर हुए।
हल्दी निर्यात का एमओयू साइन, 20 टन हल्दी का होगा एक्सपोर्ट
रूस में आयोजित इस प्रदर्शनी के दौरान हल्दी पाउडर के निर्यात के लिए एक महत्वपूर्ण एमओयू (समझौता) साइन किया गया। यह समझौता खकनार कृषि विकास प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, संस्थापक इकोइंडिया और एलएससी एकोमिर कंपनी (भारत-रूस मैत्री संगठन हारमनी) के बीच हुआ। इस समझौते के तहत बुरहानपुर से हर साल 20 टन हल्दी का निर्यात किया जाएगा।
बुरहानपुर की हल्दी की विशेषताएँ और गुणवत्ता
• गहरे पीले रंग वाली सेलम किस्म की हल्दी।
• 3.02% कुरकुमिन की मात्रा, जो इसे उच्च गुणवत्ता वाला उत्पाद बनाती है।
• 32 हल्दी प्रोसेसिंग यूनिट जिले में कार्यरत।
हल्दी निर्यात से किसानों को मिलेगा लाभ
• किसानों की आमदनी बढ़ेगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
• बुरहानपुर की हल्दी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी जगह बनाएगी, जिससे और नए निर्यात के अवसर खुलेंगे।
• रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे, जिससे जिले की समृद्धि में इजाफा होगा।
किसानों को आर्थिक लाभ मिलेगा
बुरहानपुर, जो अब तक केले और ऐतिहासिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध था, अब हल्दी के क्षेत्र में भी अपनी मजबूत पहचान बना रहा है। रूस के साथ हुए इस निर्यात समझौते से न केवल जिले के किसानों को आर्थिक लाभ मिलेगा, बल्कि जिले का नाम भी वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित होगा।

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