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चेतावनी- एक सप्ताह में मजदूरी नहीं बढ़ाई तो पावरलूम सेक्टर में मचेगा बवाल, होगा आंदोलन

  • 50 हजार से ज्यादा पावरलूम होंगे ठप्प, 1.50 लाख से ज्यादा मजदूर परिवार जुड़े

  • टेक्सटाइल उद्योग संचालक कर रहे मनमानी

बुरहानपुर। आने वाले एक सप्ताह में पावरलूम सेक्टर में बवाल मचने वाला है। दरअसल लंबे समय से प्रताड़ित हो रहे पावरलूम बुनकरों के सब्र का बांध अब टूट गया है और अब लंबे समय तक आंदोलन की तैयारी हो गई है। अगर ऐसा होता है तो 50 हजार से अधिक पावरलूम ठप्प हो जाएंगे और इससे जुड़े करीब 1.50 लाख से अधिक मजदूर प्रभावित होंगे। दरअसल पावरलूम बुनकरों को पूरी मजदूरी नहीं मिल रही है। इसे लेकर अब बुनकर आंदोलन का मन बना चुके हैं। उनका कहना है कि टेक्सटाइल्स उद्योग संचालक कम मजदूरी दे रहे हैं। अगर एक हफ्ते के अंदर मजदूरी बढ़कर नहीं मिली तो बुनकर पावरलूम बंद कर आंदोलन करेंगे। शहर में करीब 50 हजार से ज्यादा पावरलूम संचालित हैं जिससे करीब 1.50 लाख से अधिक विभिन्न तरीकों से रोजगार से जुड़े हैं।
25-25 रूपए से कम दी जा रही मजदूरी
पावरलूम बुनकर संघ अध्यक्ष व अधिवक्ता रियाज अहमद अंसारी ने बताया पावरलूम बुनकरों को टेक्सटाइल से 25-25 रूपए से कम मजदूरी दी जा रही है। टेक्सटाइल द्वारा बुनकरों को 21, 22, 23, 24 प्रति पिक प्रति मीटर के हिसाब से मजदूरी दी जा रही है। साथ ही साथ टीएल के नाम पर 100 मीटर से अधिक कपड़ा बुना कर लिया जा रहा है। 106, 108, 110 और 150 मीटर की जगह 162, 165, 168 का टांका बुनवाया जा रहा है। जबकि 100 मीटर 150 मीटर की मजदूरी दी जा रही है। कोण की घाटी के नाम पर बुनकरों से पैसे काटे जा रहे हैं। हफ्तेववारी पगार 4 हफ्तेए 6 हफ्तेए 8 हफ्ते या 10 हफ्ते में दी जा रही है। हफ्ते में 2 या 3 दिन लूम चल रहे हैं। अधिकतर पावरलूम बंद पड़े हैं। बुनकर अपना जीवन यापन करने के लिए अपने पावरलूमों को तोड़कर कबाड़े में बेच रहा है। कम से कम शहर में 40 प्रतिशत से अधिक लूम बंद है जिसके कारण बुनकर अपना बिजली बिल का भुगतान नहीं कर पा रहा है। विद्युत मंडल द्वारा बिल पर पेनल्टी पर पेनल्टी लगा कर दी जा रही है। 3 माह से सुरक्षा निधि का पैसा भी जोड़कर बिल में वसूला जा रहा है। पावरलूम बुनकर संघ ने इससे पहले 14 अप्रैल 2024 को अनिश्चितकाल के लिए बुरहानपुर के पावरलूम बंद किया था। तब कलेक्टर ने एक्शन में आकर लेबर कमिश्नर के बीच मध्यस्थता से पावरलूम बुनकर संघ और टेक्सटाइल के बीच बैठक कराई थी। लेबर कमिश्नर मेघा भट्ट ने टेक्सटाइल को यह ताकीद की थी कि बुनकरों की तयशुदा मजदूरी 25ण्25 रूपए देना होगी इसके बावजूद भी टेक्सटाइल संचालक कम मजदूरी दे रहे हैं। इससे बुनकरों मं आक्रोश पनप रहा है। बिजली कंपनी द्वारा लाइन काटी जा रही है। मीटर उखाड़कर ले जाए जा रहे हैं। इसलिए बुनकर संघ ने एक हफ्ते का समय दिया है। अध्यक्ष ने कहा इसके बाद आंदोलन किया जाएगा। पावरलूम बंद कर दिए जाएंगे।
24.50 रूपए रेट तय किए, फिर भी नहीं दिए
कुछ सालों से मजदूरी नहीं बढ़ाई वर्ष 2018 में टेक्सटाइल कारोबारी और बुनकर संघ ने कपड़ा बुनाई की मजदूरी निर्धारित की। जिसके तहत बुनकर की मजदूरी प्रति पीक, प्रति मीटर कपड़ा बुनाई के 24.50 रुपए तय किए। सूत कोन और कपड़ा बुनाई में घट का अंतर 60 रूपए सूत कोन के एक बोरे का वजन अलग अलग होता है। तुलाई के पहले कुछ और होता है और बुनाई के बाद 4 से 5 किलो कम मिलता है। घट के अंतर का भुगतान बुनकर की मजदूरी से कट रहा है।

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