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काफी संख्या में कलेक्टर से मिलने पहुंचे भाजपा पार्षद, भाजपा जिलाध्यक्ष भी रहे शामिल
बुरहानपुर। नगर निगम अध्यक्ष या तो कांग्रेस पार्षद दल के दबाव में काम कर रही हैं या फिर वह कार्य करने के लिए अयोग्य हैं। उनके कारण नगर निगम में संवैधानिक अस्थिरता फैल रही है। उन्हें पद से अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए। इसके लिए हम सरकार से भी मांग करते हैं और प्रशासन भी इस मामले में संज्ञान ले।
यह बात शुक्रवार दोपहर भाजपा पार्षद दल ने कही। दरअसल काफी संख्या में भाजपा पार्षद कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर को स्थिति से अवगत कराया। नगर निगम अध्यक्ष की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कुछ लोगों के कारण विकास के काम नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने म.प्र. शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
यह है पूरा मामला-
गत 21 अक्टूबर को हुए नगर निगम के साधारण सम्मेलन को अध्यक्ष अनीता यादव द्वारा स्थगित किए जाने के बाद सत्तापक्ष द्वारा सम्मेलन कराने, बजट पेश करने का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है। इसे लेकर दो दिन पहले कांग्रेस पार्षद दल ने कलेक्टर को शिकायत की थी जबकि गुरूवार को एसपी को शिकायत कर एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी तो वहीं शुक्रवार को भाजपा पार्षद दल कलेक्टर से मिलने पहुंचे। उन्होंने निगम अध्यक्ष अनीता अमर यादव पर कांग्रेस पार्षद दल के दबाव में आकर सम्मेलन स्थगित करने का आरोप लगाते हुए निगम अध्यक्ष को पद से अयोग्य घोषित करने की मांग की। इसे लेकर भाजपा पार्षदों ने भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. मनोज माने के साथ पहुंचकर कलेक्टर भव्या मित्तल को पत्र सौंपा। पत्र में भाजपा पार्षदों ने लिखा-इससे पहले भी निगम अध्यक्ष के द्वारा सम्मेलन स्थगित किए जा चुके हैं। 28 अगस्त 24 को भी सम्मेलन हुआ था तब एक कांग्रेस पार्षद इस्माईल अंसारी ने महापौर के खिलाफ असंसदीय भाषा का प्रयोग किया था। इसके बाद बिना तिथि, समय सम्मेलन स्थगित हुआ था।
अध्यक्ष ने मन से ही 5 तारीख तय कर दी।
पूर्व महापौर एवं विधायक प्रतिनिधि अतुल पटेल ने कहा- भाजपा पार्षद, भाजपा की ओर से एक ज्ञापन कलेक्टर को दिया गया है। वर्तमान में जो नगर निगम की सभापति है, जिन्हें नियमानुसार काम करना है। सदन में राय लेकर काम करना है, लेकिन जब से वह बनी हैं तब से कर्त्तव्य पूरा नहीं कर पा रही हैं। चाहे वह दबाव में हो या अयोग्यता की बात हो या यह कि हम सभापति हैं यह मानकर चल रहे हैं। सभापति नहीं तो अन्य पैनल से सभापति बनता है। उसी दृष्टि से धारा 33-3 के तहत सभापति चली गई तब सम्मेलन जारी रखा गया। ज्यादा हंगामा होने पर 3 दिन के लिए सम्मेलन बढ़ाया जा सकता है, लेकिन अध्यक्ष ने 5 तारीख तय कर दी थी। हम ने उन्हें अयोग्य घोषित करने के लिए ज्ञापन दिया है। विशेष गुट बनाकर काम हो रहा है। टेबल पर 5.30 बजे बजट रखा गया था। इसके बाद भी अध्यक्ष चली गईं।
निगम अध्यक्ष ने अपना विश्वास खो दिया
भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. मनोज माने ने कहा-नगर निगम अध्यक्ष ने अपना विश्वास खो दिया उनके आचरण के कारण इसलिए भाजपा मांग करती है कि यहां संवैधानिक अस्थिरता नगर निगम अध्यक्ष द्वारा फैलाई गई है। यह निगम अध्यक्ष एक राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में काम कर रही है। संवैधानिक पद पर बैठे हुए अध्यक्ष की तरह काम नहीं कर रही है इसलिए इन्हें पद मुक्त किया जाए। संविधान अनुसार काम हो यह शासन अवगत कराया है। इसी तरह पार्षद गौरव शुक्ला सहित अन्य ने भी अपनी बात रखी और पुराने मामलों का जिक्र करते हुए कहा इससे पहले भी अध्यक्ष ने सम्मेलनों को स्थगित करके अस्थिरता का माहौल पैदा करने की कोशिश की।
इस दौरान पार्षद संभाजीराव सगरे, आशीष शुक्ला, विनोद पाटिल, भारत कुमार इंगले, रितेश सरोदे, धनराज महाजन, राजेश महाजन, संध्या राजेश शिवहरे, पदमा गणेश वारूड़े, स्वाति हेमेंद्र महाजन, सरला अशोक महाजन, महेंद्र इंगले, नितेश दलाल, रिजवाना बानो, रोयान बानो सहित अन्य पार्षद मौजूद थे।