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भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की दौड़ में बुरहानपुर विधायक अर्चना चिटनिस का भी नाम
बुरहानपुर। भारतीय जनता पार्टी का संगठन पर्व इस समय जोरों पर है, और इस दौरान प्रदेशाध्यक्ष के पद के लिए दावेदारों की चर्चा तेज हो गई है। इस बार बुरहानपुर जिले के लिए एक खास खबर सामने आ रही है, जिसमें बुरहानपुर विधायक अर्चना चिटनिस का नाम भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की दौड़ में प्रमुखता से उभरकर सामने आ रहा है।
अगर भारतीय जनता पार्टी आगामी दिनों में आरएसएस के ब्राह्मण कार्ड को तवज्जो देती है, तो प्रदेशाध्यक्ष का पद इस बार किसी महिला के हाथों में हो सकता है। अर्चना चिटनिस, जो न केवल बुरहानपुर से विधायक हैं, बल्कि भाजपा की प्रदेश प्रवक्ता भी हैं, ने पिछले कुछ समय में संगठन में अपनी सक्रियता और प्रभाव को दर्शाया भी है।
संगठन में बढ़ी सक्रियता, मंत्री रह चुकी हैं अर्चना चिटनिस
अर्चना चिटनिस का राजनीतिक करियर भी बहुत सशक्त रहा है। वह महिला और बाल विकास, स्कूली शिक्षा समेत कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं। इसके अलावा, हाल ही में उन्हें प्रदेश सह चुनाव प्रभारी भी नियुक्त किया गया है, जो संगठन में उनके बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है। संगठन में उनकी पकड़ और विकास कार्यों पर उनका ध्यान रखने से उनकी दावेदारी को और भी मजबूत बना दिया है।
ब्राह्मण चेहरे पर दी जा सकती है तवज्जो
राजनीतिक जानकारों के अनुसार, अगर भाजपा में फिर से ब्राह्मण चेहरे को तवज्जो दी जाती है, तो अर्चना चिटनिस प्रदेश अध्यक्ष बनने की दौड़ में सबसे मजबूत दावेदार मानी जा रही हैं। उनके कार्यों और संगठन के प्रति समर्पण को देखकर पार्टी को उनके नाम पर विचार करना निश्चित रूप से फायदेमंद हो सकता है। बुरहानपुर जिले में उन्होंने कई बड़े प्रोजेक्ट्स को अपनी पहल से लाकर विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं, जो उनके नेतृत्व में संगठन की बढ़ती ताकत को दर्शाते हैं।
हाल ही में बढ़ी सक्रियता, मजबूत दावेदारी
हाल ही में अर्चना चिटनिस की संगठन में सक्रियता और बढ़ी है। वह पार्टी के हर बड़े आयोजन में शिरकत करती नजर आती हैं और एक प्रभावी वक्ता के तौर पर भी उनकी पहचान बन चुकी है। ऐसे में उनकी दावेदारी प्रदेशाध्यक्ष के पद के लिए काफी प्रबल मानी जा रही है।
दावेदारों में अन्य नाम
हालांकि, इस दौड़ में केवल अर्चना चिटनिस का नाम ही नहीं है। अन्य दावेदारों में सागर सांसद लता वानखेड़े, सीधी विधायक व पूर्व सांसद रीति पाठक के नाम भी चर्चा में हैं। इस चुनावी साल में पार्टी में एक नए चेहरे की तलाश और पार्टी की नीतियों के मद्देनज़र यह दावेदार एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
अर्चना चिटनिस की जीत और राजनीतिक इतिहास
2018 में अर्चना चिटनिस को कांग्रेस के ठाकुर सुरेंद्र सिंह ‘शेरा भैया’ से पराजय का सामना करना पड़ा था, लेकिन 2023 में पार्टी ने फिर से उन्हें बुरहानपुर विधानसभा से टिकट दिया, और इस बार उन्होंने शानदार जीत हासिल की। यह उनकी तीसरी बार बुरहानपुर से विधानसभा चुनाव जीतने का मौका था।
बुरहानपुर को पहले भी मिल चुका है यह पद
बुरहानपुर जिले को पहले भी भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का पद मिल चुका है। दिवंगत सांसद नंदकुमार सिंह चौहान 2014 से 2018 तक भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रहे थे। अब, अर्चना चिटनिस का नाम भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के रूप में सामने आना जिले के लिए एक नई उपलब्धि हो सकती है।
पूर्व प्रदेशाध्यक्षों की सूची:
• सुंदरलाल पटवा (1986-1990)
• लक्खीराम अग्रवाल (1990-2000)
• विक्रम वर्मा (2000-2002)
• कैलाश जोशी (2002-2005)
• शिवराजसिंह चौहान (2005-2006)
• नरेंद्र सिंह तोमर (2006-2010)
• प्रभात झा (2010-2012)
• नरेंद्र सिंह तोमर (2012-2014)
• नंदकुमार सिंह चौहान (2014-2018)
• राकेश सिंह (2018-2020)
• वी.डी. शर्मा (2020 से वर्तमान)
भविष्य की उम्मीदें
अर्चना चिटनिस का नाम भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के पद के लिए चर्चा में आते ही बुरहानपुर और निमाड़ क्षेत्र में उनके समर्थकों का उत्साह चरम पर है। पार्टी के आगामी संगठनात्मक फैसलों के साथ-साथ यह देखना होगा कि किस नेता को प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी जाती है।
संगठन में मजबूत पकड़
अर्चना चिटनिस की बढ़ती सक्रियता और संगठन में उनकी मजबूत पकड़ भाजपा के अंदर एक नई दिशा की ओर इशारा कर रही है। अगर भाजपा ने इस बार ब्राह्मण चेहरे को तवज्जो दी, तो यह संभव है कि पहली बार कोई महिला प्रदेशाध्यक्ष बनें, और बुरहानपुर जिले का नाम इस ऐतिहासिक मोड़ पर दर्ज हो।