39.8 C
Burhānpur
Friday, June 6, 2025
39.8 C
Burhānpur
spot_img
HomeराजनीतिBJP जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में फंसा पेच, दिग्गजों की नहीं बनी सहमति
Burhānpur
few clouds
39.8 ° C
39.8 °
39.8 °
21 %
3.7kmh
12 %
Fri
41 °
Sat
40 °
Sun
40 °
Mon
40 °
Tue
41 °
spot_img

BJP जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में फंसा पेच, दिग्गजों की नहीं बनी सहमति

  • क्षेत्रीय नेताओं की खींचतान के चलते जिलाध्यक्षों की घोषणा अटकी

मध्य प्रदेश में BJP जिलाध्यक्षों की सूची जारी करने में हो रही देरी ने संगठन के भीतर गुटबाजी और दिग्गज नेताओं के दबाव को उजागर कर दिया है। बीते एक हफ्ते से इस सूची को लेकर चर्चाएं तेज हैं, लेकिन आपसी सहमति न बनने से प्रक्रिया अटकी हुई है।
सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों और पर्यवेक्षकों ने जिलाध्यक्षों के नामों का पैनल प्रदेश संगठन चुनाव समिति को सौंपा। इसके बाद भोपाल में दो दिन तक गहन चर्चा हुई। भाजपा ने 5 जनवरी को सूची जारी करने का ऐलान किया था, लेकिन वरिष्ठ नेताओं के बीच सहमति नहीं बन पाई। असहमति के कारण प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा दिल्ली पहुंचे, जहां दो दिन तक बैठकें चलीं। इसके बावजूद जिलाध्यक्षों की सूची पर अंतिम निर्णय नहीं हो सका।
दिग्गजों के दबाव से बढ़ी गुटबाजी
भाजपा के भीतर दिग्गज नेता अपने-अपने समर्थकों को जिलाध्यक्ष बनाने के लिए जोर लगा रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर और जयभान सिंह पवैया अपने-अपने पसंदीदा उम्मीदवारों को जिलाध्यक्ष बनवाने की कोशिश कर रहे हैं। दिग्गजों के बीच खींचतान इतनी बढ़ गई कि पार्टी को यहां दो जिलाध्यक्ष बनाने का फैसला लेना पड़ा।
सभी जिलाध्यक्षों की घोषणा एक चुनौती
भाजपा संगठन चुनाव के नियमों के अनुसार, 50% जिलाध्यक्षों और प्रदेश परिषद सदस्यों के चुनाव के बाद ही प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। हालांकि, मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री चाहते हैं कि सभी जिलाध्यक्षों की घोषणा एक साथ हो। सूची जारी करने में देरी कार्यकर्ताओं के मनोबल को कमजोर कर सकती है। संगठन की गुटबाजी और देरी आगामी चुनावों में पार्टी की रणनीति को प्रभावित कर सकती है।
आपसी मतभेद और गुटबाजी पड़ेंगी भारी
भाजपा जिलाध्यक्षों की सूची को लेकर जारी खींचतान संगठन के लिए एक चुनौती बन गई है। दिग्गज नेताओं के आपसी मतभेद और गुटबाजी को समय रहते हल नहीं किया गया, तो इसका असर पार्टी की संगठनात्मक मजबूती और चुनावी तैयारियों पर नकारात्मक रूप से पड़ सकता है।

spot_img
- Advertisment -spot_img

Most Popular

Recent Comments

spot_img
spot_img