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कक्ष क्रमांक 454 में भ्रष्टाचार की मिली थी शिकायत, मौके पर 80 फीसदी पौधे
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10 हजार पौधे रोपित किए गए थे, वन विभाग ने कराई वीडियोग्राफी
बुरहानपुर। पौधारोपण में हुए भ्रष्टाचार को वन विभाग ने क्लिन चिट दी है। काफी दिनों से आरडीएफ योजना में भ्रष्टाचार किए जाने की बात कही जा रही थी, लेकिन जब वन विभाग की टीम जांच के लिए पहुंची तो पता चला मौक पर वैसी स्थिति नहीं है जो बताई जा रही है।
दरअसल शाहपुर रेंज के कक्ष क्रमांक 454 में पौधारोपण में अनियमितता की सामने आई थी, लेकिन सोमवार को जब वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और जांच की तो 80 फीसदी पौधे पाए गए।
एसडीओ बोले-10 हजार पौधे रोपित किए थे, 80 फीसदी बचे हुए
बुरहानपुर एसडीओ अजय सागर ने कहा. यहां आरडीएफ योजना के तहत 10 हजार पौधे रोपित किए गए थे। 80 फीसदी पौधे मौके पर पाए गए जिसकी वीडियोग्राफी कराई गई। एसडीओ ने कहा मौके पर पहुंचकर रेंजर शाहपुर और स्टाफ की मौजूदगी में निरीक्षण किया गया।
जांच में यह तथ्य आए सामने
– पौधे लगभग 80 प्रतिशत जीवित अवस्था में पाए गए। यहां कुल प्रस्तावित 10 हजार पौधों के लिए गड्डे खोदे गए हैं और 10 हजार पौधे रोपित किए गए। पौधारोपण असिंचित पौधारोपण है।
– जो दो बैग सीमेंट मौके पर पड़ी हुई मिली है वह सप्लाई के समय खराब स्थिति में मिली थी। जिसके कारण उनको उपयोग नहीं किया गया। उन्होंने कहा. जो पौधे थैलियों में बिना लगाए हुए पाए गए हैं वह पौधे मृत पौधों को बदलने के लिए नियमानुसार 10 प्रतिशत पौधों में से है जो कि पहाड़ी क्षेत्र होने से ट्रॉली पलट जाने से खराब हो चुके थे इसलिए उनको लगाया नहीं गया। उनकी संख्या मात्र 200 के लगभग है।
– कुछ सीमेंट पोल और तार मौके पर पाए गए हैं जो कि समय समय पर मवेशी या अन्य कारणों से फेंसिंग टूट जाती है उससे रिपेयर की जाती है। उन्होंने कहा.पौधारोेपण में कोई गंभीर अनियमितता जैसी कोई बात नही है।
नावरा, नेपानगर रेंज में रोपे गए पौधों की होना चाहिए जांच
कुछ माह पहले जिला प्रशासन, पुलिस और वन विभाग ने मिलकर नावरा, नेपानगर रेंज से अतिक्रमणकारियों को खदेड़ा था। इसके बाद यहां बड़े पैमाने पर पौधारोपण किया गया था, लेकिन इस बात को आज तक सार्वजनिक नहीं किया गया कि यहां कितने लाख पौधे लगाए गए हैं। ऐसे में आगे चलकर सवाल खड़े हो सकते हैं कि वन विभाग ने यहां कितने पौधे रोपित किए हैं। दरअसल यहां करोड़ों की लागत से फिर से वन को विकसित करने के लिए योजना पर काम किया जा रहा था, लेकिन रेंजरों से यह काम न कराते हुए वन विभाग के जिला कार्यालय द्वारा सीधे हस्तक्षेप कर पौधारोपण कराया गया है, लेकिन यहां कितने पौधे लगे हैं यह आज तक किसी को पता नहीं है। इसकी भी जांच होना चाहिए कि वहां कितना पौधारोपण किया गया था।
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