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बुरहानपुर की बिटिया सिद्धि अमृतसर में सम्मानित
बुरहानपुर। बुरहानपुर की बेटी सिद्धि बरोले ने अपना नाम दर्ज कराकर नया रिकार्ड बनाया है। उन्हें इंटरनेशनल बुक का रिकार्ड में यंगेस्ट टेरो कॉर्ड रीडर फिमेल केटेगरी में अवार्ड मिला। सिद्धि ने यह उपलब्धि 19 वर्ष 29 दिन की उम्र में हासिल की है जो कि इंटरनेशनल रिकार्ड है। यह अवार्ड अमृतसर में आयोजित अवार्ड सेरेमनी में प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेत्री पदमिनी कोल्हापुरे द्वारा प्रदान किया गया।
विद्युत विभाग में कार्यरत सुनील बरोले व टोडलर्स किंटर गार्टन की प्रिसिंपल अनामिका बरोले की सुपुत्री सिद्धि ने बताया अध्यात्मिकता की ओर उसका रूझान कक्षा 12वीं के बाद से ही होने लगा था। उन्होंने अपनी शिक्षा के साथ साथ रैकी ग्रेंड मास्टर, टेरोकार्ड रीडर, क्रिस्टल थेरेपिस्ट, लामाफेरा मास्टर, न्यूमेरोलॉजिस्ट, सेवन चक्रा हीलर, वास्तु कंसलटेंट जैसी विधाओं में बैंगलोर, औरंगाबाद, मुंबई, दिल्ली आदि शहरों में शिक्षा ग्रहण कर विशेष योग्यता हासिल की। सिद्धि विगत तीन वर्षों से इन सब विधाओं में पारंगत होकर स्पिरीच्यूल हीलर व लाइफ मैनेजमेंट कोच के रूप में प्रोफेशनल तौर पर कार्य कर रही है। ऑनलाइन, व्यक्तिगत संपर्क से देश के बडे शहरों जैसे मुंबई, दिल्ली, पुणे, इंदौर, अहमदाबाद, औरंगाबाद इत्यादि के साथ.साथ विदेशों में ऑनलाईन टेरोरीडिंग, कंसलटेंटी से अपनी अलग पहचान बनाई है। सिद्धि ने टेरोकार्ड के इतिहास के बारे में बताया कि इस विधा की शुरूआत लगभग 2000 वर्ष पूर्व सेल्टिक नामक देश में हुई थी, लेकिन वर्तमान में यह विधा पूरे विश्व में काफी मशहुर, प्रामाणिक है। इस विधा में भूत, वर्तमान, भविष्य के बारे में प्रामाणिक तौर पर आपकी स्थिति के बारे में बताया जाता है तथा भविष्य के लिये सही और सटीक मार्गदर्शन मिलता है। यह ज्योतिष विद्या का ही एक रूप है जिससे व्यक्ति को सही मार्गदर्शन मिलता है। पूर्व में यह रिकार्ड दिल्ली की एक 21 वर्षीय महिला के नाम पर था जिसे बुरहानपुर की सिद्धि ने तोडकर अपने नाम कर लिया है । सिद्धि ने यह भी बताया कि इसके बाद अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड और लिमका बुक ऑफ रिकार्ड में भी अपना नाम दर्ज कराने का प्रयास कर रही है।