30.5 C
Burhānpur
Sunday, June 8, 2025
30.5 C
Burhānpur
spot_img
Homeबुरहानपुरजिलेभर के धार्मिक स्थलों से निकाले जा चुके हैं लाउड स्पीकर, अब...
Burhānpur
scattered clouds
30.5 ° C
30.5 °
30.5 °
56 %
3.6kmh
29 %
Sun
41 °
Mon
41 °
Tue
41 °
Wed
41 °
Thu
40 °
spot_img

जिलेभर के धार्मिक स्थलों से निकाले जा चुके हैं लाउड स्पीकर, अब सामने आया गुजरात उच्च न्यायालय का एक आदेश 

  • हाईकोर्ट वकील मनोज अग्रवाल ने कहा, मस्जिदों में होती है 10 मिनट अजान, यह नॉइस पॉल्यूशन की श्रेणी में नहीं

  • एसपी-कलेक्टर कार्यालय में दिया आवेदन, कहा- गुजरात उच्च न्यायालय की न हो अवमानना

बुरहानपुर। जिलेभर में धार्मिक स्थलों से लाउड स्पीकर निकाले जा चुके हैं। कईं जगह लाउड स्पीकर की आवाज स्वेच्छा से कम कर दी गई है। अब उच्च न्यायालय का एक आदेश सामने आया है जिसमें गुजरात उच्च न्यायालय ने नमाज के लिए होने वाली अजान को नॉइस पॉल्यूशन की श्रेणी में नहीं माना है। इसे लेकर हाईकोर्ट अधिवक्ता मनोज कुमार अग्रवाल और वसीम खान ने मप्र सरकार के आला अफसरां को गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए पत्र लिखकर कहा है कि मस्जिदों से एक बार में 10 मिनट के लिए होने वाली अजान धार्मिक प्रार्थना जो दिन में 5 बार होते है, कोई नॉइस पॉल्यूशन नहीं है। इसलिए वॉल्युम नियंत्रित करने के बहाने अजान के इन लाउड स्पीकरों को बंद या हटाने के लिए मस्जिदों के प्रधानों पर दबाव नहीं डालें। अन्यथा उच्च न्यायालय में सख्त कार्रवाई कर सकते हैं।
एसपी, कलेक्टर कार्यालय में दिया आवेदन
गुरूवार सुबह अधिवक्ता कलेक्टर, एसपी से मिलने पहुंचे, लेकिन कलेक्टर के विजिट और एसपी के ट्रेनिंग पर होने के कारण अधिवक्ताओं ने कार्यालय में पत्र और आदेश की प्रति सौंपी। पत्र में कहा गया कि स्थानीय प्रशासन द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 18 जुलाई 2005 और मप्र उच्च न्यायालय के आदेश 8 जनवरी 2015 की प्रत्याशा में मप्र सरकार द्वारा जारी सर्कुलर 13 दिसंबर 23 की गलत व्याख्या करते हुए गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश, न्याय सिद्धांत 28 नवंबर 23 का उल्लंघन व अवमानना की जा रही है। इसलिए मप्र सरकार से मांग की गई है कि स्थानीय पुलिस प्रशसन को तत्काल लिखित निर्देश दें कि वह ऐसी किसी भी गैर कानूनी और उच्च न्यायालय के आदेश, न्याय सिद्धांत 28 नवंबर 23 की अवमानना, उल्लंघन से विरत रहे। पिछले 5 दशकों से अधिक समय से चली आ रही परंपरा, प्रथा, कानू का उल्लंघन न हो।
50 सालों से हो रही अजान, गुजरात डिवीजन बेंच का आदेश मानें प्रदेश सरकार
अधिवक्ता मनोज कुमार अग्रवाल ने कहा- शहर में 150 से अधिक मस्जिद, प्रसिद्ध मंदिर, गुरूद्वारा है। 50 सालों से मस्जिदों से अजान पढ़ी जाती है। अजान से लोग दिनचर्या निर्धारित करते हैं। अजान दिनभर में 5 बार होती है। सरकार ने निर्देश जारी किए हैं। नियंत्रित करने में स्थानीय स्तर पर कार्रवाई हो रही है। जबकि उच्च न्यायालय गुजरात डिवीजन बेंच का आदेश हुआ है जिसमें अजान को नॉइस पॉल्यूशन की श्रेणी में नहीं माना गया है। हमने अपनी ओर से रि प्रेजेंटेशन दिया है। अगर फिर भी रोका गया तो कंटेम्प्ट की कार्रवाई कर सकते हैं।
प्रार्थना को प्रदूषण का नाम दे दिया गया
अधिवक्ता वसीम खान ने कहा सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेश हैं वह यह हैं कि ऐसा पॉल्यूशन जिससे मानव जीवन को खतरा है उसे रोका जाना चाहिए। उसे बंद कराएं हम इसके लिए खुद साथ में हैं, लेकिन मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारा, चर्च में होने वाली प्रार्थना प्रदूषण नहीं हो सकती। सरकार ने प्रार्थना को प्रदूषण का नाम दे दिया।

spot_img
- Advertisment -spot_img

Most Popular

Recent Comments

spot_img
spot_img