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आयकर सर्च में अघोषित नगदी पर लग सकता है 100 रुपये पर 102 रुपये का कर
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आयकर की धारा 43 ब और ह व्यापारियों के लिए एक चुनौती
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कर सलाहकार संघ द्वारा ज्ञानबोध का एक दिवसीय प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष कर पर सेमिनार का आयोजन
बुरहानपुर। कर सलाहकार संघ द्वारा ज्ञानबोध का एक दिवसीय प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष कर पर सेमिनार शनिवार को एक निजी होटल में आयोजित किया गया जिसमें प्रख्यात सीए नवनीत गर्ग भोपाल, पंकज शाह इंदौर द्वारा जीएसटी और आयकर पर विस्ततृ विवेचना कर विस्तार से व्याख्या कर उपस्तिथ सदसयों को अवगत कराया गया कि जीएसटी के पंजीयन प्रमाण पत्र में अगर कोई व्यावसायिक परिसर से भिन्न गोदाम दर्ज नहीं है और विभाग द्वारा सर्च, सीज़र की कार्यवाही करता है तो उस गोदाम में रखा माल जब्त भी कर सकता है पर नगदी को जब्त नहीं कर सकता। आयकर के प्रावधान के अधीन अस्पष्ट नकद लेनदेन पर अधिक दर से कर लग सकता है जैसे 100 रुपये पर 102 रुपये का करारोपण। आयकर के प्रावधान के अधीन सर्च में कोई लूज कागजात मिलते हैं तो भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत साक्ष्य नहीं होंगे। आयकर अधिनियम की धारा 43 ब और ह में संशोधन के तहत एफवाय 2023-2024 से स्मॉल और माइक्रो इंटरप्राइजेज एमएसएमई को समय पर भुगतान करने का नया नियम लागू हो चुका है। यदि आपने एमएसएमई सप्लायर से माल खरीदा है या सर्विसेज ली है तो इस नियम के तहत आपको उनके साथ पेमेंट एग्रीमेंट करने का प्लान अनिवार्य रूप से करना होगा। ई वे बिल केंद्र सरकार ने जीएसटी के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब 5 करोड़ रुपये से अधिक का बिजनेस करने वाले कारोबारी बिना ई चालान के ईवे बिल जनरेट नहीं कर पाएंगे। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स के नियमों के अनुसार 50000 रुपये से अधिक मूल्य के सामान को एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच ले जाने के लिए कारोबारियों को ई वे बिल की आवश्यकता पड़ती है। ऐसे में अब इस बिल को बिना ई चालान के नहीं जेनरेट किया जा सकेगा। यह नियम 1 मार्चए 2024 से लागू हो जाएगा। संघ के जनसंपर्क सदस्य चेतन यादव ने बताया सेमिनार में खंडवा से पधारे कर सलाहकार भी उपस्थित थे।