-
4 दिन से आमरण अनशन पर बैठे बौद्ध समाज की सुनवाई नहीं
-
कलेक्टर के बाहर की नारेबाजी, दरगाह ए हकीमी प्रबंधन के खिलाफ जमकर की गई नारेबाजी
बुरहानपुर। कुछ दिन पहले बौद्ध समाजजन लोधीपुरा में आमरण अनशन पर बैठे थे, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। अब फिर दूसरी बार तीन दिन से समाजजन आमरण अनशन कर रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं होने पर समाजजन आक्रोशित हो गए और मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंचे। इससे पहले नारेबाजी की भी की गई। दरगाह ए हकीमी प्रबंधन पर आए दिन किसी न किसी जमीन के मामले में आरोप प्रत्यारोप लगते ही रहते हैं। अब शमशान की जमीन पर पार्किग बनाने का आरोप लगाया गया है।
मंगलवार दोपहर 12.30 बजे काफी संख्या में बौद्ध समाजजन कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। यहा बोहरा समाज की दरगाह ए हकीमी प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। आरोप लगाए गए कि दरगाह ए हकीमी प्रबंधन ने बौद्ध समाज की श्मशान की भूमि पर अतिक्रमण कर उस पर पार्किंग बना ली है। पिछले तीन दिनों से समाज के लोग आंदोलन भी कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसलिए काफी संख्या में महिलाए पुरूष कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और नारेबाजी कर अफसरों को ज्ञापन सौंपा।
दि बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया की ओर से कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा गया जिसमें कहा गया कि ग्राम पंचायत ऐमागिर्द लोधीपुरा में अनुसूचित जाति समाज का श्मशान है। इसकी भूमि खसरा नंबर 64 पर षडयंत्रपूर्वक कब्जा कर लिया गया। 2003 में अफसरों ने गलत जानकारी उसे वक्फ बोर्ड में शामिल करने का आदेश जारी किया। लेकिन उसके कोई प्रमाण नहीं हैं। महज एक जगह इंट्री है। पिछले डेढ़ साल से समाज के सचिन सुरेश गाढ़े और अरूण तायड़े आदि लड़ाई लड़ रहे हैं। सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत दर्ज है। आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। 18 फरवरी से समाज के लोग आमरण अनशन पर बैठे हैं। हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
प्रशासन से कोई सुनवाई के लिए नहीं आया
बौद्ध समाज महासंघ अध्यक्ष राजेश शंखपाल ने कहा- दरगाह ए हकीमी ने हमारे समाज की जमीन पर अतिक्रमण कर रखा है। उसे मुक्त कराने की मांग की जा रही है। तीन दिन से समाज के युवा आमरण अनशन पर बैठे हैं, लेकिन कोई सुनवाई करने नहीं आया। शोभा बाई थाटे ने कहा दरगाह ने हमारी जमीन पर कब्जा किया है उसे खाली कराया जाए। इसलिए यहां शिकायत लेकर पहुंचे। वहां दरगाह प्रबंधन ने पार्किंग बना ली है।
वक्फ बोर्ड की जमीन बता रहा प्रबंधन
इसे लेकर कुछ दिन पहले भी समाज के लोगों ने विरोध दर्ज कराया था। तब दरगाह ए हकीमी प्रबंधन के सहायक प्रबंधक मुस्तुफा उज्जैनवाला ने कहा था कि हमारे पास सारे दस्तावेज मौजूद हैं। जिस जमीन की बात कही जा रही है वह वक्फ की है। अफसरो ने पहले मौके का निरीक्षण भी किया था। जबकि वहीं बौद्ध समाज के लोगों का कहना है कि समाज की ओर से हमारी शमशान की जमीन पर कब्जा किया गया है।
लंबे समय से लड़ रहे लड़ाई, नहीं हो रही सुनवाई
समाज के लोगों ने कहा कि हम लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे पहले भी समाज ने विरोध दर्ज कराया था। कार्रवाई का आश्वासन मिला था, लेकिन कुछ नहीं हुआ। अब फिर से समाज के युवा आमरण अनशन पर बैठे हैं।