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खंडवा के कांग्रेस नेता द्वारा की गई शिकायत को सिरे से नकारा, कहा कानूनी कार्रवाई करेंगे
बुरहानपुर। खंडवा संसदीय सीट से सांसद और वर्तमान में लोकसभा चुनाव में भाजपा की ओर से अधिकृत प्रत्याशी ज्ञानेश्वर पाटिल के खिलाफ खंडवा के एक कांग्रेस नेता लव जोशी ने चुनाव आयोग को शिकायत कर उनका निर्वाचन रद्द करने की मांग की है। इसमें यह तथ्य बताया गया है कि पावरलूम फेडरेशन में रहते हुए उनकी ओर से यहां अनियमितता की गई। उन्हें हटा दिया गया था, लेकिन इसकी जानकारी आदि छिपाई गई है। इसे वरिष्ठ अधिवक्ता मोहनलाल प्रजापति ने मंगलवार शाम प्रेस कांफ्रेंस कर कहा सारे आरोप गलत हैं। उन्होंने संबंधित कांग्रेस नेता पर भी कार्रवाई की भी बात भी कही है।
वरिष्ठ अधिवक्ता मोहनलाल प्रजापति ने कहा- जो आरोप लगाए गए हैं उससे चुनाव का कोई लेना देना नही है। आरोप गलत, असत्य और एक प्रकार का प्रोपेगेंडा है। इसका चुनाव से लेना देना नहीं है। ज्ञानेश्वर पाटिल पर न तो आर्थिक अपराध दर्ज हुआ है न ही कोई दोष सिद्धी हुई है। न ही किसी प्रकार की सजा हुई। इसके कारण उनका नामांकन रद्द होने का सवाल ही नहीं उठता।
उपचुनाव के समय की थी शिकायत, रिजेक्ट हो गई थी
अधिवक्ता मोहनलाल प्रजापति ने बताया कि खंडवा के कांग्रेस नेता लव जोशी ने पहले भी उपचुनाव में इसी तरह की आपत्ति ली थी, लेकिन वह निरस्त हुई थी। इस बार भी आपत्ति नहीं ली है। मै खुद स्क्रूटनी मे की था। उन्होंने बहुज पहले शिकायत की थी। जांच भी हुई थी। जो शिकायत की गई थी वह को ऑपरेटिव एक्ट 50-2 क की थी और इसमें आर्थिक अपराध नहीं है। कोई दंडादेश नहीं है। कोई दोषसिद्धी नहीं है। केवल उस समय अध्यक्ष पद से फेडरेशन से हटा दिया गया था। इसके अलावा कोई मामला नहीं है। लव जोशी द्वारा जो भ्रामक प्रचार किया गया वह गलत है। सांसद व ज्ञानेश्वर पाटिल को लेकर जो भ्रांतियां फैलाई जा रही है। खंडवा के लव जोशी द्वारा गलत व्याख्या करके जानकारी दी जा रही है। इसे लेकर हम कानूनी कार्रवाई करेंगे।
उपचुनाव के समय की गई थी शिकायत
गौरतलब है कि खंडवा संसदीय सीट पर 2021 में उप चुनाव हुए थे। तब सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के निधन के कारण यह सीट खाली हुई थी और उपचुनाव हुए थे तब लव जोशी ने इसकी शिकायत की थी। उपचुनाव में ज्ञानेश्वर पाटिल ने उम्मीदवार के रूप में फार्म भरा था। उस समय लव जोशी ने एक आपत्ति प्रस्तुत की थी। तत्कालीन कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी ने विचार किया था। ऑन रिकार्ड प्रचलन योग्य न होने से आपत्ति खारिज कर दी गई थी। सभी को यह शिकायत 12 अक्टूबर 21 को शिकायत की गई थी। जांच होने पर आपत्ति निरस्त हो गई थी। इसका वर्तमान चुनाव से दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं है। उन्हें पहले केवल फेडरेशन के अध्यक्ष पद से हटना पड़ा था, लेकिन इसका चुनाव से संबंध नहीं है, क्योंकि यह सहकारी समिति के तहत निर्वाचन होता है। इस दौरान भाजपा नेता गजेन्द्र पाटिल, भाजपा नेता व अधिवक्ता आदित्य प्रजापति मौजूद रहे।