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2 बच्चे और दादी जिला अस्पताल में भर्ती, धूप से बचने के लिए दीवार के पास बैठे थे
बुरहानपुर। शहर के दौलतपुरा क्षेत्र में दीवार गिरने से एक महिला सहित 4 लोग दब गए। हादसे में 6 साल की एक बालिका की मौत हो गई जबकि उसकी दादी और दो बच्चों को गंभीर चोंटें आने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
दरअसल बुधवार दोपहर 3 बच्चे अपनी दादी के साथ विवाह समारोह में शामिल होने के लिए दौलतपुरा से नया मोहल्ला जा रहे थे। इस दौरान वह धूप से बचने के लिए एक कच्चे मकान के पास बैठे थे तभी अचानक कासम दादा के कच्चे मकान की दीवार गिर गई। जिसमें दादी सहित बच्चे दब गए। रहवासियों ने मदद के लिए दौड़ लगा दी और घायलों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया। जहां छह साल की एक बालिका की मौत हो गई जबकि दादी और 2 बच्चे उपचाररत हैं। प्रत्यक्षदर्शी व पड़ोसी मुश्ताक हुसैन ने बताया दीवार कच्ची थी। महिला पोतियों के साथ छांव में बैठी थी। तभी दीवार गिर गई। प्रत्यक्षदर्शी शेख फरीद ने बताया दौलतपुरा आंबेडकर वार्ड में दीवार पुरानी थी जो अचानक गिर गई। परिवार नया मोहल्ला में खाना खाने जा रहा था। दीवार उनके उपर आ गई। एक बच्ची की मौत हो गई। घायलों को ऑटो में डालकर अस्पताल पहुंचाया गया। परिवार काफी गरीब है। प्रशासन मदद करे।
शादी में शामिल होने जा रही थे
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार दौलतपुरा की रहने वाली आरिफा बानो (62) विवाह समारोह में शामिल होने पैदल ही नया मोहल्ला जा रही थी। उनकी पोतियां- एंजेला (15), हसलीन (10) और आफरीन (6) भी साथ थीं। रास्ते में धूप से बचने के लिए चारों एक कच्चे मकान की छांव में बैठ गईं। इसी दौरान मकान की दीवार भरभराकर गिर गई।
एक बालिका की मौत, 3 का उपचार जारी
हादसे में छह साल की एक बालिका आफरीन पिता करामतुल्लाह की मौत हो गई जबकि दादी आरिफा बानो, हसलीन पिता करामतुल्हाह और एंजेला घायल हो गए। उनका जिला अस्पताल में उपचार जारी है।
डॉक्टर बोले-एक बच्ची की मौत हो गई
जिला अस्पताल के डॉ. संदीप खटिक ने बताया 4 मरीज आए थे। दीवार गिरने से उन्हें गंभी चोंटें आई। छह साल की एक बालिका की मौत हो गई। जबकि महिला और दो बच्चे उपचाररत हैं। जिल अस्पताल में परिजन आदि की काफी भीड़ लग गई।
और इधर……..।
एक बार फिर नगर निगम की लापरवाही उजागर
एक बार फिर नगर निगम की लापरवाही उजागर हुई है। नगर निगम द्वारा हर साल जर्जर मकानों को लेकर नोटिस जारी करने की बात कही जाती है, लेकिन हकीकत यह है कि यह सिर्फ एक रस्म अदायगी होती है। शहर में अब भी सैकड़ों की संख्या में जर्जर और पुराने मकान हैं। बारिश शुरू होने से पहले निगम उनको केवल नोटिस जारी करता है। इसके बाद ध्यान नहीं दिया जाता। इसी लापरवाही के चलते बुधवार को एक मासूम की जान चली गई। खास बात यह है कि इससे पहले भी कईं बार बारिश के समय जर्जर मकानों की दीवार आदि गिर चुकी है, लेकिन नगर निगम अफसर केवल लीपापोती करते हैं। इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया जाता।
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