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Sunday, June 8, 2025
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भाजपा कार्यकर्ताओं में आक्रोश- जिलाध्यक्ष से बोले, आप नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दें 

  • जिलाध्यक्ष बोले, तुम्हारे कहने से दे दूंगा क्या

  • बुरहानपुर विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी को 7209 की लीड मिलने से मचा हंगामा, भाजपा कार्यकर्ताओं में आक्रोश

बुरहानपुर। लोकसभा चुनाव में बुरहानपुर विधानसभा से सांसद प्रत्याशी ज्ञानेश्वर पाटिल को हार का सामना करना पड़ा। यहां से कांग्रेस प्रत्याशी नरेंद्र पटेल ने 7209 वोटों की लीड ली है। इससे भाजपा कार्यकर्ताओं में असंतोष पनप रहा है। इसका आक्रोश भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. मनोज माने पर फूटा। एक कार्यकर्ता ने कहा अध्यक्ष जी आप नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दें। अध्यक्ष ने कहा आपके कहने से दे दूंगा क्या तो वहीं दूसरे एक कार्यकर्ता ने कहा-संगठन एक नेता या एक घर से नहीं चलना चाहिए।
दरअसल 7209 वह आंकड़ा है जो न सिर्फ बुरहानपुर विधानसभा बल्कि पूरे खंडवा संसदीय क्षेत्र ही नहीं भोपाल तक चर्चा में है, क्योंकि बुरहानपुर विधानसभा के चुनाव में करीब 32 हजार की लीड हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव में बुरहानपुर विधानसभा से हार का सामना करना पड़ा, हालांकि सांसद प्रत्याशी की जीत हुई है, लेकिन फिर भी यहां से लीड न मिलना काफी चर्चित मामला बन गया है।
2 लाख 69 हजार वोटों से जीतने के बाद भी असंतोष की लहर
सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस के नरेंद्र पटेल को 2.69 लाख 971 वोटों से हराया, लेकिन नरेंद्र पटेल ने बाहरी प्रत्याशी होते हुए भी बुरहानपुर विधानसभा से 7209 वोट से लीड ली है। यही बात भाजपा कार्यकर्ताओं को अखर गई। बुधवार को सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल अपने गृह ग्राम बोहरडा में कार्यकर्ताओं से मिल रहे थे तभी कुछ कार्यकर्ताओं, पार्षदों ने भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ मनोज माने से इस्तीफा मांग लिया। कार्यकर्ताओं ने कहा आपकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि आप पार्टी के जिलाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दें।
एक घर से नहीं चलना चाहिए संगठन
भाजपा कार्यकर्ता सुमित वारूडे ने कहा- संगठन संगठन के हिसाब से चलना चाहिए। किसी एक के घर से नहीं चलना चाहिए। एक नेता के घर से नहीं चलना चाहिए। भाजपा अपना एक परिवार है। इस दौरान जिलाध्यक्ष डॉ. माने ने कहा पार्टी की मीटिंग में बात करना।
गुटबाजी पर सांसद ने कहा संगठन सब देख रहा है
इसे लेकर सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने कहा मोदी जी की गारंटी पर जनता ने विश्वास किया। परिस्थितियां अलग अलग रहती है। इस बार 10 फीसदी वोट बढ़े हैं। मेरी ही कुछ कमी रही होगी। जहां कमी रही उसका संगठन संज्ञान लेगा। गंभीरत से विचार करेगा। एक एक बूथ की समीक्षा होती है। हमेशा किसी की कठपुतली नहीं बनाया जा सकता। संगठन सब देख रहा है।
कार्यकर्ताओं की भावनाएं समझता हूं
इधर, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ मनोज माने ने इस मामले में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा हर किसी की अपनी अपनी भावनाएं होती है। कार्यकर्ता शोक संतप्त है। मैं उनकी भावनाओं को समझता हूं। विधानसभा चुनाव में चतुष्कोणीय मुकाबला था। उस समय भाजपा की प्रत्याशी को जितने वोट मिले थे उससे ज्यादा वोट इस चुनाव में मिले हैं। वोट कम नहीं हुए। वोट उससे ज्यादा मिले हैं। इसलिए हार नहीं हुई। चुनाव तात्कालिक समीकरणों के आधार पर होते है। संगठन की कोई कमजोरी नहीं है।
अब जानिए हुआ क्या है
दरअसल करीब 6 माह पहले ही विधानसभा चुनाव हुए थे। उस चुनाव में भाजपा को बुरहानपुर विधानसभा से करीब 32 हजार से लीड मिलीए लेकिन महज 6 माह बाद ही लोकसभा चुनाव के परिणाम ने सभी को चौंका दिया। सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने लोकसभा क्षेत्र की सभी विधानसभाओं से लीड हासिल कीए लेकिन खुद के गृह जिले बुरहानपुर में बुरहानपुर विधानसभा से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। यहां कांग्रेस के नरेंद्र पटेल जो बाहरी प्रत्याशी थे उन्होंने 1 लाख 19 हज़ार 736 वोट हासिल किए जबकि ज्ञानेश्वर पाटिल को 1 लाख 12 हज़ार 527 वोट मिले। 7209 की लीड कांग्रेस प्रत्याशी को मिली। इसी बात को लेकर कार्यकर्ताओं में आक्रोश है और वह संगठन पर सवाल उठा रहे हैं। अध्यक्ष से इस्तीफा मांगा जा रहा है।

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