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गोकुल चंद्रमा मंदिर ट्रस्ट पर लगाए गए हैं दान में मिली जमीन को कम रेट में बेचने के आरोप
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ट्रस्ट ने किया इनकार, कहा-ट्रस्टियों की सहमति से 2010 में जमीन बेची थी
बुरहानपुर। शहर के इतवारा स्थित गोकुल चंद्रमा मंदिर ट्रस्ट पर दान में मिली जमीन 5 लाख रूपए में बेचे जाने सहित कई गंभीर आरोप लगे थे। इस मामले में रविवार को ट्रस्ट की ओर से अध्यक्ष हेमेंद्र गोविंदजीवाला और भागवत भूषण हरिकृष्ण मुखिया ने प्रेस कांफ्रेंस कर सारे आरोपों को सिरे से नकारा। साथ ही झूठी शिकायत करने वालों के खिलाफ सख्त क़ानूनी कार्रवाई और उनके खिलाफ मानहानि की कार्रवाई भी करेंगे। इस दौरान सुरेंद्र सिंह ठाकुर, चंद्र प्रकाश सिंह, संतोष राव, राजू बजाज, संजय श्रॉफ, संत पुजारी वैष्णव समुदाय, माधव बिहारी अग्रवाल, गिरीश भाई, ललित भाई, प्रफुल्ल भाई, दिनेश भाई, मुकेश भाई, धर्मेश पाटीदार सहित अन्य मौजूद थे।
ट्रस्ट अध्यक्ष हेमेंद्र गोविंदजीवाला ने कहा- गोकुल चंद्रमा मंदिर ट्रस्ट पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। पहला आरोप है कि 5 लाख रूपए में कम कीमत में दान में मिली जमीन को बेच दिया गया जबकि इसकी कीमत ज्यादा थी, लेकिन ऐसा नहीं है। सभी ट्रस्टियों ने सहमति दी थी। जमीन का रेट 5 लाख रूपए ही था। पड़त जमीन थी। जिसे बेचने के लिए रजिस्ट्रार ऑफ ट्रस्ट से दो बार अनुमति ली गई। रजिस्ट्री रोक दी गई थी, लेकिन अपील में क्रेता के पक्ष में फैसला आया। अगले दिन 5 लाख रूपए बैंक में जमा करा दिए थे। संविधान का उल्लंघन नहीं किया गया। जिस व्यक्ति ने कलेक्टर के समक्ष संविधान की कॉपी पेश की है वह फर्जी है। उस पर दी गई हमारी पंजीयन संख्या भी फर्जी है।
तत्कालीन एसडीएम का आदेश हाईकोर्ट ने पलटा था
पूर्व में तत्कालीन एसडीएम और रजिस्ट्रार के निर्णय को हाईकोर्ट ने निरस्त कर कलेक्टर को मामला ट्रांसफर कर दिया था। अध्यक्ष की मृत्यु हो गई थी इसलिए हमने नया संविधान बनाने और चुनाव कराने के लिए आवेदन दिया था। जनवरी 23 में चुनाव कराए गए और मैं अध्यक्ष बना। भागवत भूषण हरिकृष्ण मुखिया ने कहा जमीन पड़त थी। 2010 में सभी ट्रस्टियों की सहमति से बेची गई थी। उसका पैसा हमने इस्तेमाल नहीं किया, बल्कि दूसरे दिन बैंक में जमा करा दिया था। झूठे आरोप लगाकर मंदिर, हमारी छवि खराब की जा रही है।
19 लोगों ने दिए झूठे शपथ पत्र, करेंगे कार्रवाई
अधिवक्ता व ट्रस्ट अध्यक्ष हेमेंद्र गोविंदजीवाला ने कहा जिन लोगों ने झूटे आरोप लगाए और जिन 19 लोगों ने झूठे शपथ पत्र दिए उनके खिलाफ हम मानहानि सहित अन्य कानूनी कार्रवाई करेंगे। गौरतलब है कि गोकुल चंद्रमा मंदिर से शहर के काफी लोग जुड़े हैं। ऐसे में पिछले कुछ दिनों से मंदिर ट्रस्ट पर लगातार आरोप लगाए जा रहे थे जिसका आज ट्रस्ट ने सिलसिलेवार जवाब दिया। साथ ही कहा मामला अभी कलेक्टर न्यायालय के यहां चल रहा है।
लगातार लग रहे थे आरोप
गोकुल चंद्रमा मंदिर ट्रस्ट पर आरोप लग रहे हैं कि जो जमीन करीब 28 लाख रूपए मूल्य की थी उसे महज 5 लाख रूपए में कौड़ियों के दाम बेच दिया गया था। यह जमीन 2010 में बेची गई थी, लेकिन पिछले कुछ समय से इसे लेकर लगातार शिकायतों का दौर चल रहा है। ट्रस्ट का कहना है कि जो लोग विरोध कर रहे हैं उन्होंने एक हाथ से लिखित पत्र भी दिया था जिसमें सारे ट्रस्टियों को ही चोर बता दिया था। यह एक तरह से छवि खराब करने की एक कोशिश है।
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