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माँ ताप्ती के तट पर जल गंगा संवर्धन अभियान का हुआ समापन
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सांस्कृतिक कार्यक्रम में इंदौर से आये कलाकारों ने शानदार प्रस्तुति देकर दर्शकों का मन-मोह लिया
बुरहानपुर। नृत्य नाटिका के माध्यम से नदी के जन्म के बारे में और नदी ने अपने अविरल प्रवाह दौरान हमारी मानव संस्कृति और सभ्यता की गाथा को देखा है और उससे हम अवगत हुए। यह एक नाटिका नहीं यह एक प्रयोजन है हमें नदियों से जोड़ने का, अपनी धरोहरों और विरासतों को सहेजने का। इससे हमें प्रेरणा मिलती हैं कि नदियों में तब तक ही जल रहेगा जब तक हम उसके तट पर पेड़ पौधों और औषधियों की रक्षा करेंगे। वर्षा तब ही होगी,जब धरती सहित नदी किनारे कछार में हरियाली होगी। भविष्य में अच्छी वर्षा हेतु हमें पेड़ लगाने पड़ेंगे इसीलिए आइए हम सब मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के “कैच द रेन” की संकल्पना तथा मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के जल गंगा संवर्धन अभियान और जल संस्कार 2024 अंतर्गत अपनी-अपनी भूमिका निभाकर और प्रकृति के प्रति अपने दायित्वों को पूरा करे। हम सब मिलकर नदियों की वर्तमान स्थिति, देखते हुए अपनी इन नदियों के प्रति जिम्मेदारी को समझे।
यह बात पूर्व मंत्री एवं विधायक अर्चना चिटनिस ने गंगा दशहरा पर्व पर आयोजित कार्यक्रम के संबंध में मीडिया को अपने विचार रखते हुए कही। बुरहानपुर में ताप्ती नदी के तट पर नृत्य नाटिका के माध्यम से मां नर्मदा की जीवन गाथा जीवंत हुई। गंगा दशमी पर गंगा जल संवर्धन अभियान के समापन पर राजघाट पर ताप्ती पूजन, दीपदान और नदी की कहानी नृत्य नाटिका की जुबानी आयोजन हुआ। कार्यक्रम में इंदौर के कार्तिक कला अकादमी के 15 कलाकारों ने संगीतमय नृत्य प्रस्तुति देकर मां नर्मदा की पूरी जीवन गाथा को बताया।
शुरुआत में अभियान के समापन पर उज्जैन से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कार्यक्रम का लाइव प्रसारण हुआ। जिसके बाद सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल और विधायक अर्चना चिटनिस ने मां ताप्ती की आरती, पूजन कर दीपदान किया। जल संरक्षण को लेकर ग्राम बंभाड़ा के कलाकारों ने “पानी रोको पानी रोको भाई रे…” एवं डेम, चेक डेम, बैराज, मेढ़ खंती बनाने में दीदी का सहयोग पूरा…सहित अन्य गीतों की प्रस्तुति, अभियान में आयोजित प्रतियोगिता के बच्चों को पुरस्कृत किया गया। इसके बाद अकादमी कलाकारों ने मां नर्मदा के उद्गम से लेकर पूरी कहानी और वर्तमान में नदियों की स्थिति को संगीतमय तरीके से प्रस्तुत किया।
ताप्ती तट पर नृत्य नाटिका
कार्यक्रम में मां ताप्ती के तट पर नृत्य नाटिका की जुबानी नदी की कहानी, कार्तिक कला अकादमी इंदौर से कलाकार डॉ. सुचित्रा हरमलकर एवं उनकी टीम के कलाकारों द्वारा शानदार प्रस्तुति देकर सभी उपस्थितजनों का मन-मोह लिया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में डॉ.योगिता मांडलिक, फाल्गुनी जोशी, अपर्णा सनप, उन्नति जैन, साक्षी सोलंकी, श्वेता कुशवाह, अनुष्का कोठारी, अपूर्वा कुशवाह, माही गुप्ता एवं विधि गजरे ने नृत्य की प्रस्तुति दी।कार्यक्रम के उपलक्ष्य में जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत आयोजित चित्रकला एवं निबंध प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी में आने वाली प्रतिभागियों को अतिथियों ने प्रमाण पत्र वितरित किये। वहीं सभी ग्राम पंचायतों व नगरीय निकाय नेपानगर व शाहपुर सहित अन्य स्थलों पर भी गंगा दशहरा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान भजन कीर्तन, पूजन-आरती व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ।
आयोजन को लेकर तीन बजे से रूट बदला था
ताप्ती नदी पर आयोजन को लेकर दोपहर तीन बजे से सड़कों का रूट बदला गया था। राजघाट पर सिर्फ कार्यक्रम में शामिल होने वाले वाहनों को जाने की अनुमति दी गई। शहर के शाही किला रोड़, राजघाट रोड और जैनाबाद से राजघाट आने वाले रास्ते पर आम वाहनों का परिवहन बंद कर दिया गया। खकनार से आने वाले वाहनों को बड़े पुल से होकर निकाला गया। आयोजन देर रात तक चला।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर नेपानगर विधायक मंजू दादू, कलेक्टर भव्य मित्तल, जिला पंचायत अध्यक्ष गंगाराम मार्को, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ.मनोज माने, जिला पंचायत सीईओ सृष्टि देशमुख, एसडीएम पल्लवी पुराणिक, निगम आयुक्त संदीप श्रीवास्तव, प्रदीप पाटिल, वीरेंद्र तिवारी, जिला पंचायत सदस्य किशोर पाटिल, पार्षद धनराज महाजन, संभाजीराव सगरे, रितेश सरोदे, अशोक महाजन, गौरव शुक्ला, अनिल विस्पुते, मनोज फुलवानी, बलराज नावानी, चिंतामन महाजन, कैलाश पारिख, प्रभाकर चौधरी, रुद्रेश्वर एंडोले, दिनकर महाजन, दीपक महाजन, ईश्वर चौहान, नरहरी दीक्षित, चिंटू राठौड़, स्वर्ण सिंह बर्ने, नितिन महाजन, वैभव महाजन, भरत रावल, फिरोज तड़वी सहित अन्य गणमान्य नागरिक व जनप्रतिनिधि एवं नागरीकगण उपस्थित रहे।