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ताप्ती मेगा रिचार्ज- पानी पुनर्भरण करने वाली दुनिया की अद्वितीय परियोजना

  • केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर.पाटिल से विधायक अर्चना चिटनिस ने की मुलाकात

बुरहानपुर। नई दिल्ली में ‘‘ताप्ती मेगा रिचार्ज परियोजना‘‘ परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर.पाटिल (C R PATIL) से पूर्व मंत्री एवं विधायक अर्चना चिटनिस (ARCHANA CHITNIS) ने नई दिल्ली (NEW DILLI) में मुलाकात की। भेंट के दौरान श्रीमती चिटनिस ने श्री पाटिल को बुरहानपुर सहित महाराष्ट्र के 5 जिलों की जीवन रेखा ताप्ती मेगा रिचार्ज योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए योजना के जमीन पर मूर्तरूप देने हेतु आवश्यक निर्देश संबंधित अधिकारियों को देने की बात कही। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि यह वृहद जल पुनर्भरण योजना मध्यप्रदेश तथा महाराष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण योजना है एवं इससे क्षेत्र के समग्र विकास हेतु जल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। श्रीमती चिटनिस ने केंद्रीय मंत्री श्री पाटिल से जल्द से जल्द परियोजना के विषय एवं जानकारी के लिए एक बैठक आयोजित कर प्रजेंटेशन देखने के लिए आग्रह किया ताकि योजना का क्रियान्वयन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के इसी कार्यकाल में किया जा सके।
विधायक अर्चना चिटनिस ने केन्द्रीय जल शक्ति सी.आर.पाटिल को ताप्ती कछार में स्थित अदभूत भूजल गर्भीय संरचना के बारे में जानकारी से अवगत कराते हुए कहा ताप्ती कछार में सतपुड़ा पर्वत की तलहटी में ताप्ती नदी तथा सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला के समानांतर ‘‘भूभ्रंश‘‘ (फाल्ट) है। इसी भूभ्रंश से सटकर अत्यंत पाझर (परमेबल) ‘‘बजाड़ा झोन‘‘ (बजाडा झोन) पाया गया है। प्रकृति की इस विशेषता के कारण बरसात में स्थानीय नदी नालों का पानी अधिकांश भू-जल को पुनर्भरित करता चलता हैं। भारत सरकार के भू-जल बोर्ड ने इस आश्चर्यजनक फेनोमीनन को देखते हुए संशोधन पुस्तिका प्रकाशित कर बताया है कि ताप्ती के बरसाती बाढ़ के पानी को इस भूभ्रंश से सटकर चलाया जाए तो बड़े पैमाने पर भू-जल रिचार्ज हो सकता है ऐसा निष्कर्ष भू-जल बोर्ड द्वारा निकाला गया।
श्रीमती चिटनिस ने कहा कि दिसंबर 2014 में भारत सरकार ने ‘‘टास्क फोर्स‘‘ का गठन किया गया था। जिसने टेक्निकली फिजिबिलीटी प्रमाणित करते हुए यह निष्कर्ष निकाला कि ‘‘मेगा रिचार्ज परियोजना ‘‘एक लाख मिलियन लिटर्स (30 टीएमसी) पानी पुनरभरण करने वाली दुनिया की अद्वितीय परियोजना है। यह मप्र और महाराष्ट्र राज्य का संयुक्त उपक्रम है जो केला उत्पाद क्षेत्र के लिए एक वरदान साबित होगी। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि मेरा ही नहीं बल्कि सभी का दढ़ विश्वास है कि ऐसी अद्भुत, अद्वितीय एव आवश्यक परियोजना का क्रियान्वयन आपके मार्गदर्शन से ही संभव है।
परियोजना देश व दुनिया की एक अभिनव एवं अजूबी
अर्चना चिटनिस ने कहा कि यह परियोजना देश व दुनिया की एक अभिनव एवं अजूबी परियोजना होने वाली हैं। इस परियोजना में महाराष्ट्र के धारणी से ताप्ती नदी के दोनों कछार से नहरे बननी है। दोनों ओर की नहरे ताप्ती कछार में स्थित भूभ्रंश (फाल्ट) के नजदीक से गुजरने वाली है तथा इन नहरों के माध्यम से कंट्रोलेड भूजल पुनर्भरण प्रस्तावित हैं। पुनर्भरण संरचना भू स्तर को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) के वैज्ञानिक निर्धारित करेंगे। इस प्रकार भूगर्भ की संरचना का आधार लेकर लगभग 90 हजार करोड़ लीटर (31 टीएमसी) पानी का हर वर्ष पुनर्भरण होना हैं। भारत सरकार के निर्देश पर एवं मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र दोनों के निरंतर प्रयास से वापकोस नई दिल्ली कार्यालय द्वारा डीपीआर तैयार कर दिया गया है। जिसमें मध्यप्रदेश का 1.23 लाख हेक्टेयर एवं महाराष्ट्र का 2.34 लाख हेक्टेयर पुनर्भरण से लाभान्वित होने वाला है तथा 48 हजार हेक्टेयर सीधी सिंचाई से लाभ होगा। जिससे मध्यप्रदेश के बुरहानपुर एवं खंडवा तथा महाराष्ट्र के जलगांव, बुलढाणा, अकोला और अमरावती जिले के क्षेत्र सम्मिलित है।
अर्चना चिटनिस ने कहा कि इस परियोजना अंतर्गत पुनर्भरण से जलस्तर बढ़ना, भूजल गुणवत्ता सुधार, महाराष्ट्र के विदर्भ के खारपण पट्टा में क्षारों की तीव्रता (डेल्यूशन) कम होकर भूजल उपयुक्तता बढ़ाना, तालाब से सीधी सिंचाई होना एवं पर्यावरण का संरक्षण व संवर्धन होने का ध्येय निश्चित है। इस पर योजना की अनुमानात लागत रु. 19 हजार करोड़ के आसपास है तथा समुचित लाभांश क्षेत्र 3.57 लाख हेक्टेयर है। इस योजना का लाभव्यय रेशों 2.05 है जो कि बहुत अच्छा समझा जाता है।

 

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