BURHANPUR। थाना शाहपुर के 4 वर्ष पुराने एक प्रकरण में अतिरिक्त सत्र न्यायालय बुरहानपुर द्वारा 5 आरोपियों को 5-5 साल की जेल एवं 10-10 हज़ार रु अर्थदण्ड तथा 3 आरोपियों को 10-10 वर्ष के कठोर कारावास एवं 1-1 लाख रुपए अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
30 नवम्बर 20 को थाना शाहपुर पर पदस्थ सउनि कुबेरसिहं जाटव को विश्वसनीय मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि वाहन टाटा एस क्रं. एमएच-04 ईव्हाय 2887 से कुछ आदमी व महिला महाराष्ट्र तरफ से बुरहानपुर की ओर गांजा लेकर आने वाले है। कुबेरसिंह जाटव, राहुल सारासर, आरक्षक महेश मालाकार, टीकम, महिला आर. लीला, वाहन चालक आरक्षक सावन आर्से के मय थाना मोबाईल के तत्काल रवाना किया गया। मुखबिर सूचना अनुसार ग्राम इच्छापुर पहुंच कर माता मंदिर गेट का पास स्टॉपर लगाकर वाहन टाटा एस क्रं. एमएच-04 ईव्हाय 2887 घेराबंदी कर हमराही फोर्स व पंचान की मदद से रोका गया। जिसे रोकते ही अचानक से उक्त वाहन टाटा एस 4 व्यक्ति तथा 4 महिलाये टाटा एस में पीछे की तरफ 5 थैलियों को अपने कब्जे में लेकर बैठे मिले व उक्त वाहन का चालक भी उसमें आगे केबिन में एक काले रंग का बैग के साथ बैठा मिला, चालक तथा वाहन में पीछे बैठे महिला व पुरूष को उक्त वाहन से उनके कब्जे के थैलियों व बैग सहित नीचे उतारा गया। आरोपियों के बेग चेक करते अलग-अलग व्यक्ति के पास कुल 96 किग्रा अवैध गाँजा कीमती 4 लाख 80 हजार रुपए का पाया। थाना शाहपुर पर अपराध क्र. 990/2020 धारा 8/20 एनडीपीएस एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचक द्वारा अपराध में साक्ष्य संकलन कर 7 मई 2021 को न्यायालय में अभियोग पत्र पेश किया गया।
इन गांजा तस्कर को हुई सजा
शेख मेहबूब शेख रसीद उम्र 38 साल निवासी मुक्ताईनगर, रामदास मेवालाल बेलदार उम्र 38 वर्ष निवासी घाटाखेड़ी, अंजनाबाई रामदास बेलदार उम्र 35 वर्ष निवासी घाटाखेड़ी, ममता बाई रमेश बेलदार उम्र 48 वर्ष निवासी दीवाल, लीलाबाई मेवालाल बेलदार उम्र 56 वर्ष निवासी घाटाखेड़ी उक्त पाँच आरोपियों को 5-5 वर्ष के कठोर कारावास व 10-10 हज़ार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया तथा दुर्गाबाई गणेश बेलदार उम्र 50 वर्ष निवासी दीवाल, गणेश पिता मोतीराम मोहते बेलदार निवासी दीवाल और मनोहर पूनम बेलदार निवासी ग्राम कालोनी पंधाना को 10-10 वर्ष के कठोर कारावास व 1-1 लाख रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। उक्त प्रकरण की विवेचना शाहपुर थाने पर पदस्थ उप निरी. हेमेन्द्रसिंह चौहान द्वारा की गई थी। प्रकरण में शासन की ओर से सफलतापूर्वक पैरवी विशेष लोक अभियोजक शांताराम वानखेडे द्वारा की गई थी।