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Thursday, November 14, 2024
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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी- आज जन्माष्टमी पर इस मुहूर्त में करें कान्हा की पूजा, पूरी होंगी मनोकामनाएं, जानिए पूजा विधि

हर साल कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्री कृष्ण का जन्म दिन मनाया जाता है। इस दिन को जन्माष्टमी या गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। यह त्यौहार हिंदू धर्म के लिए बेहद महत्वपूर्ण जो बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।
ऐसी मान्यता है कि भगवान कृष्ण का जन्म मध्यरात्रि में हुआ था और इसलिए उत्सव इस समय से शुरू होता है। इस बार जन्माष्टमी पर दुर्लभ योग बन रहे हैं। ऐसे में आज भगवान श्री कृष्ण का शुभ मुहूर्त में पूजा करने से विशेष लाभ मिलेगा।
पंचांग के अनुसार, आज भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि देर रात 02 बजकर 18 मिनट तक रहेगी। इस दौरान सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ साथ कई और शुभ योग बन रहे हैं। ऐसे में अगर आप इस मुहूर्त में लड्डू गोपाल की पूजा करते हैं तो आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होगी। सर्वार्थ सिद्धि योग में किए कार्यों में सफलता हासिल होती है तो चलिए पूजा विधि जानते हैं।
जन्माष्टमी पूजन मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार कृष्ण जन्मोत्सव का पर्व हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार भादो कृष्ण अष्टमी तिथि 26 अगस्त को सुबह 03:39 से लेकर 27 अगस्त को देर रात 02:19 तक रहेगी। गृहस्थ लोग 26 अगस्त को जन्माष्टमी मनाएंगे। इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा का शुभ मुहूर्त मध्य रात्रि 12:00 बजे से लेकर 12:45 बजे तक रहेगा।
शुभ मुहूर्त
• सर्वार्थ सिद्धि योग – शाम 03 बजकर 55 मिनट से अगले दिन सुबह 05 बजकर 57 मिनट तक।
• अमृत काल – दोपहर 01 बजकर 36 मिनट से 03 बजकर 09 मिनट तक।
• ब्रह्म मुहूर्त – 04 बजकर 27 मिनट से 05 बजकर 12 मिनट तक।
• विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 23 मिनट तक।
• गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 49 मिनट से 07 बजकर 11 मिनट तक।
• निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक।
जन्माष्टमी पूजन विधि
• कृष्ण जन्माष्टमी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें।
• उसके बाद साफ वस्त्र हो सके तो नया वस्त्र धारण करें।
• इसके बाद पूजा के स्थान पर चौकी लगाएं और उसपर लड्डू गोपाल को स्थापित करें।
• सबसे पहले उन्हें चंदन लगाएं अब फूल माला अर्पित करें और पूजा करें।
• इसके बाद रात में 12 बजे के बाद कृष्ण जन्मोत्सव के बाद कान्हा जी का पंचामृत से अभिषेक करें।
• फिर उन्हें नए वस्त्र पहनाएं उनका श्रृंगार करें और माखन मिश्री का भोग भी लगाएं।
• विधि अनुसार पूजा करते हुए सुख-समृद्धि की कामना करें।

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