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बिना किसी ठोस निर्णय के लिए स्थगित हो गया नगर निगम सम्मेलन
बुरहानपुर। शहर की खराब सड़कों, जलावर्धन योजना, सीवरेज योजना सहित विकास के कईं मुद्दों को लेकर आयोजित हुआ नगर निगम का सम्मेलन महज कुछ घंटे की बहसबाजी के बीच खत्म होकर स्थगित कर दिया गया। न कोई ठोस निर्णय हुआ न ही शहर विकास पर चर्चा। पूरा मामला महापौर पर दिए गए बयान के बाद हंगामे के कारण ही उलझा रहा। महापौर को कांग्रेसी पार्षद द्वारा डरपोक कहने पर भाजपा ने आक्रोश व्यक्त किया और इसे तीन बार हारे गए चुनाव की खीज बताया।
दरअसल करीब 11 माह बाद यह सम्मेलन आयोजित हुआ था। सुबह 11 बजे की बजाए सम्मेलन 12 बजे से परमानंद गोविंदजीवाला ऑडिटोरियम में चालू हुआ। नेता प्रतिपक्ष के सवालों का जवाब महापौर दे रही थीं तभी कांग्रेस पार्षद इस्माईल अंसारी खड़े हुए और कहा महापौर के पास विधायक प्रतिनिधि क्यों बैठे हैं। हमारी महापौर को बैसाखी की जरूरत नहीं है। अगर महापौर को ऐसी बैखासी की जरूरत है तो ऐसी डरपोक महापौर हमें नहीं चाहिए। इस पर भाजपा पार्षद आक्रोशित हो गए। एक तरफ से भाजपा पार्षद महापौर जिंदाबाद के नारे लगाते रहे तो दूसरी ओर से विपक्षी कांग्रेस पार्षद महापौर हाय हाय की नारेबाजी करते रहे। वहीं पार्षद गौरव शुक्ला ने इसे इस्माईल अंसारी को जवाब देते हुए कहा कि यही महापौर ने तीन बार चुनाव हराया है इसलिए इससे खिन्न होकर वह ऐसे आरोप लगा रहे हैं। यह महापौर का नहीं शहर का अपमान है। अध्यक्षता कर रही निगम अध्यक्ष अनीता अमर यादव ने दोपहर 1.15 सम्मेलन स्थगित कर दिया। भोजन बाद दोपहर 3.30 बजे से सम्मेलन फिर से शुरू करने को लेकर विपक्षी पार्षदों ने निगम अध्यक्ष के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पार्षदों ने इस्माइल अंसारी को अपनी टिप्पणी वापस लेने अथवा अंसारी निगम की बैठक से निलंबित करने पर अड़ गए और उनका कहना था इस्माईल अंसारी के माफी मांगने पर ही सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
आरोप प्रत्यारोप का चला दौर
कांग्रेस पार्षद इस्माईल अंसारी ने कहा कि मैंने कोई भी महिला खासकर महापौर अपमान नहीं किया। विधायक प्रतिनिधि महापौर जी के बाजू में जाकर क्यों डिस्टर्ब कर रहे थे। अगर महापौर को असिस्टेंट लग रहा है बैसाखी लग रहा है तो फिर मैंने यह बोला की फिर महापौर इस्तीफा दे दे। इस्माईल अंसारी ने कहा मुद्दा रोड, भ्रष्टाचार का था। वह अपनी उपलब्धि गिना रहे थे जो उनके खाते में नहीं जाती।
यह महापौर नहीं शहर की जनता का अपमान
पार्षद गौरव शुक्ला ने कहा-कांग्रेस नेता इस्माईल अंसारी ने शहर की प्रथम नागरिक को डरपोक बोला। इस बार वह तीसरी बार महापौर के सामने चुनाव हारे हैं। इसके कारण वह इस तरह की बात कह रहे हैं। जितनी योजनाएं बताई क्या उसके काम नगर निगम में नहीं होते। सारे काम नगर निगम से होते हैं फिर से उसे केंद्र सरकार की योजना कैसे कह सकते हैं। नगर निगम राशि ट्रांसफर करता है। हमारे कार्यकाल को दो साल हुए हैं। आने वाले तीन साल में बुरहानपुर में सड़कें चमकती हुई दिखेगी। महापौर को डरपोक क्यों बोल रहे है। शहर में गड्ढे भरे जा रहे हैं।
साथ में नहीं किया लंच, होटल में गए
सम्मेलन के दौरान भाजपा और विपक्षी पार्षदों के बीच हुई नोक झोंक के बाद दोपहर 2.30 बजे भी अजीब स्थिति बनी। लंच के लिए कांग्रेसी पार्षद जहां बैठे थे वहां महापौर सहित अन्य पार्षद नहीं आए। वह वहां से दूर लंच करने के लिए एक होटल में रवाना हो गए। जबकि कांग्रेसी पार्षदों ने ऑडिटोरियम में जहां सम्मेलन हो रहा था वहां ही भोजन किया।
परिषद सम्मेलन का वॉक आउट
सत्ता पक्ष के पार्षदों द्वारा विपक्ष के पार्षद द्वारा माफ़ी ना मांगने पर परिषद सम्मेलन का वॉक आउट कर सभागृह से बाहर चले गए। इसके बाद निगम अध्यक्ष अनीता अमर यादव द्वारा परिषद सम्मेलन स्थगित कर दी गई। उन्होंने बताया कि अगली परिषद् कि दिनांक तय होने पर आप सभी को इसकी सूचना भेज दी जायेगी। इस अवसर पर महापौर माधुरी अतुल पटेल, निगम अध्यक्ष अनीता अमर यादव, पूर्व महापौर अतुल पटेल, पुर्व उपनेता प्रतिपक्ष अमर यादव, निगम आयुक्त संदीप श्रीवास्तव, कार्यपालन यंत्री प्रेम कुमार साहू, सहायक आयुक्त ज्योति सुनारिया, कार्यालय निगम सचिव जगन्नाथ पवार, वीरेन्द्र रवाये, राजेश मिश्रा, हरिश मोरे आदि मौजूद थे।
वर्जन-
मेरा नहीं शहर की जनता, महिलाओं, महिला पार्षदों का अपमान
– मैंने कोई भेदभाव किसी योजना में नहीं किया। अगर ऐसा करती तो आज तीसरी बार महापौर नहीं बनती। पार्षदों से चुनकर नहीं आई हूं। बुरहानपुर की जनता ने मुझे आशीर्वाद दिया। जनता ने मुझे चुनकर भेजा है। यह बुरहानपुर की जनता, महिलाओं का अपमान है। महिला पार्षदों का भी अपमान है।
– माधुरी अतुल पटेल, महापौर बुरहानपुर
यह हार की पीड़ा है
– यह उनके अंदर की पीड़ा है। इनको कभी अवसर नहीं मिला। कहीं भी उनका विधायक, सांसद नहीं है। मन की पीड़ा व्यक्त कर महापौर का अपमान नहीं शहर की जनता का अपमान कर रहे हैं। स्पीकर को कार्रवाई करना चाहिए था। इतने लोगों का समय खराब हुआ है।
-अतुल पटेल, विधायक प्रतिनिधि पूर्व महापौर बुरहानपुर