19.9 C
Burhānpur
Friday, November 15, 2024
19.9 C
Burhānpur
Homeमध्यप्रदेशMP HIGH COURT: पांडारोल नाले पर पक्का अतिक्रमण, सार्वजनिक भूमि संरक्षण सेल...
Burhānpur
overcast clouds
19.9 ° C
19.9 °
19.9 °
50 %
2kmh
94 %
Fri
31 °
Sat
31 °
Sun
31 °
Mon
31 °
Tue
29 °
spot_img

MP HIGH COURT: पांडारोल नाले पर पक्का अतिक्रमण, सार्वजनिक भूमि संरक्षण सेल करेंगा जांच

  • बुरहानपुर पांडारोल नाले पर अतिक्रमण मामले में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का याचिकाकर्ता को अहम निर्देश, क्या अतिक्रमण पर चलेगा मोहन सरकार का बुल्डोजर?

  • अधिवक्ता धर्मेंद्र सोनी ने बताया कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण से व्यथित होकर बुरहानपुर के आरटीआई एक्टिविष्टि एवं समाज सेवी राकेश सेईवाल ने यह जनहित याचिका दायर की

बुरहानपुर। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता राकेश सेईवाल को सात दिनों के भीतर सार्वजनिक भूमि संरक्षण सेल (पीएलपीसी) के समक्ष एक नया अभ्यावेदन दायर करने का निर्देश दिया है।
उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश बाद जनहित याचिकाकर्ता राकेश सेईवाल ने कलेक्टर एवं अध्यक्ष सार्वजनिक भूमि संरक्षण सेल के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत कर दिया है, अब यह पीएलपीसी समिति की जिम्मेदारी हो गई हैं वह नियमानुसार कार्यवाही करें। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा हैं कि पीएलपीसी कानून के अनुसार उस पर निर्णय ले और एक तर्कसंगत एवं स्पष्ट आदेश पारित कर याचिकाकर्ता को निर्णय के बारे में तुरंत सूचित करे।
आखिर क्यों उच्च न्यायालय में गुहार लगाना पड़ा
याचिकाकर्ता के जबलपुर उच्च न्यायालय में अधिवक्ता धर्मेंद्र सोनी ने बताया कि यह जनहित याचिका बुरहानपुर जिले के ग्राम लालबाग स्थित खसरा नंबर 364/1 रकबा 4.38 हेक्टेयर शासकीय भूमि पर अतिक्रमण से व्यथित होकर दायर की गई है। उक्त खसरे के ‘कॉलम नंबर 4 में ‘नाला’ (नाला) को ‘भूजल’ के रूप में दर्ज किया गया है जिसका अर्थ है ‘नाला’। सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया गया है और अवैध निर्माण भी किया गया है। जिस पर राकेश सेईवाल ने 10 अक्तूबर 2023 को कलेक्टर बुरहानपुर से नाले पर अतिक्रमण की शिकायत की थी। शिकायत में प्रार्थना की गई थी की सिंधीबस्ती लालबाग रोड़ पर पांडारोल नाले पर बने पुल के कुछ दूरी से लेकर लालबाग रोड एम.पी.ई.बी. ऑफिस तक शासकीय भूमि (भूजल नाले) पर दोनो तरफ के आस पास के रहवासीयों, भूमाफियाओं एवं अवैध कॉलोनाइजरों द्वारा अवैध रूप से शासकीय नाले की भूमि पर अतिक्रमण कर कब्जा करके पक्के निर्माण कर लिये है तथा नाले पर कॉलोनी की बाउंड्री वॉल बना कर अतिक्रमण कर लिया हैं। उक्त किए गए अतिक्रमण का भौतिक सत्यापन कर अतिक्रमणकारियो के विरुध्द नियमानुसार अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाना आवश्यक हैं। उक्त नाले की भूमि पर आस पास के रहवासियों तथा भूमाफियाओं द्वारा आरसीसी के पक्के अतिक्रमण करने से नाला बहुत सकरा हो गया है जिससे बारिश में नाले का बहाव नहीं हो पाता है। शिकायत के अंत में शिकायतकर्ता ने कलेक्टर से निवेदन किया था कि उपरोक्त मामले की जांच कर शासकीय (भू जल नाला) भूमि पर जिनके द्वारा अतिक्रमण किया गया है उनके विरुध्द कार्यवाही की जाकर उनका अतिक्रमण तोड़े जाने की कृपा की करें। जब शिकायत करने के उपरांत भी कोई कार्यवाही नहीं हुई तो व्यथित हो कर समाजसेवी राकेश सेईवाल ने उच्च न्यायालय जबलपुर में जनहित याचिका दायर की। जिसकी सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति मान. अरविंद धर्माधिकारी एवं न्यायमूर्ति मान. अनुराधा शुक्ला ने इस जनहित याचिका (पीआईएल) पर उक्त आदेश जारी किए।
क्या हैं पीएलपीसी
शासकीय भूमि पर हो रहे अतिक्रमणों से निजात दिलाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से नामित सार्वजनिक भूमि संरक्षण सेल (संक्षेप में, “पीएलपीसी”) का गठन किया गया है, जिसका नेतृत्व संबंधित जिला कलेक्टर करते हैं और यह उनके निर्देशों और पर्यवेक्षण के तहत कार्य करता है और इसके सदस्य के रूप में तहसीलदार रैंक का एक अधिकारी होता है- सचिव और ऐसे अन्य अधिकारी इसके सदस्य होंगे जिन्हें सरकार नामांकित करना उचित समझे। माननीय उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया हैं की उसने मामले के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त नहीं की है।

spot_img
spot_img
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

spot_img
spot_img