-
27 सितंबर को पेश होकर जवाब देना होगा
बुरहानपुर। नेपानगर की पूर्व विधायक सुमित्रा कास्डेकर की मुश्किलें बढ़ सकती है। दरअसल उन्हें एमपी, एमएलए कोर्ट इंदौर से 20 सितंबर को एक नोटिस जारी हुआ है। जिसमें उन्हें 27 सितंबर को सुबह 10 बजे साक्ष्यों के साथ अपना पक्ष रखने को कहा गया है। यह नोटिस सोशल मीडिया पर खासा वायरल हुआ है, लेकिन अभी खकनार थाने नहीं पहुंचा है। खकनार थाना टीआई अभिषेक जाधव का कहना है कि हमें सोशल मीडिया के माध्यम से इसकी जानकारी लगी है। अभी नोटिस हाथ में नहीं आया है।
एमपी, एमएलए कोर्ट की ओर से जारी नोटिस में धारा 468, 420, 471 आईपीसी के तहत समन जारी किया जाता है। आप अभियोजन के लिए साक्ष्य, दस्तावेज आदि पेश करें। अभिसाक्ष्य देने के लिए 27 सितंबर 24 को दिन में 10 बजे हाजिर हों। न्यायालय की इजाजत के बिना वहां से न जाएं। आपको इसके द्वारा चेतावनी दी जाती है कि यदि न्याय संगत कारण के बिना आपने उस तारीख पर हाजिर होने में उपेक्षा की या उससे इनकार किया तो आपको हाजिर होने को विवश करने के लिए वारंट जारी किया जाएगा।
यह है पूरा मामला
दरअसल बुरहानपुर निवासी बालचंद शिदे नामक एक व्यक्ति ने एक आवेदन बुरहानपुर लोअर कोर्ट में लगाया था जिसमें कहा गया था कि नेपानगर की पूर्व विधायक सुमित्रा कास्डेकर ने इंडियन ऑयल और चुनाव लड़ते समय निर्वाचन आयोग को जो शपथ पत्र दिया था उनमें उनकी जन्म तारीख अलग अलग है। तब कोर्ट ने थाने को एफआईआर करने को कहा था, लेकिन पूर्व विधायक हाईकोर्ट चली गईं थी। वहां उनके वकील ने उनका पक्ष रखा था कि यह मामला एमपी, एमएलए कोर्ट का है यहां सुनवाई नहीं हो सकती। कोई से भी फैसला यही आया कि अगर परिवादी चाहे तो वह एमपी, एमएलए कोर्ट में आवेदन करे। इसके बाद परिवादी बालचंद शिंदे ने एमपी, एमएलए कोर्ट में आवेदन लगाया। इसी मामले में अब नेपानगर की पूर्व विधायक सुमित्रा कास्डेकर नोटिस जारी हुआ है।
टीआई बोले- सोशल मीडिया के माध्यम से देखा, अभी पुष्टि नहीं कर सकते
इसे लेकर खकनार टीआई अभिषेक जाधव ने कहा अभी हमारे पास नोटिस नहीं हुआ। अभी न्यायालय से जारी हुआ है इसकी जानकारी वाट्सएप के माध्यम से हमने देखी है। हमारे पास आएगा तो हम तामिली कराएंगे। एमपी, एमएलए कोर्ट से जब तक नहीं आता तब तक हम उसकी पुष्टि नहीं कर सकते। कल की तारीख का दिख रहा है, लेकिन जब तक नहीं मिल सकता हम पुष्टि नहीं कर सकते। एसपी ऑफिस से आएगा या जवान लेकर आएगा।
यह भी जानिए
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आई हैं सुमित्रा कास्डेकर
सुमित्रा कास्डेकर पहले कांग्रेस से विधायक थीं, लेकिन 2020 में उन्होंने पार्टी से यह कहकर इस्तीफा दे दिया था कि उनके काम नहीं हो रहे हैं। इससे पहले कमलनाथ सरकार गिर चुकी थी। सुमित्रा कास्डेकर को बाद में भाजपा ने नेपानगर से ही टिकट दिया और वह चुनाव जीतीं, लेकिन इस बार यहां से पार्टी ने उन्हें टिकट न देकर पूर्व विधायक मंजू दादू को टिकट दिया। अब मंजू दादू नेपानगर से विधायक हैं। मंजू दादू की ओर से भी जब सुमित्रा कास्डेकर कांग्रेस में थीं तब हाईकोर्ट में फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाने का केस दायर किया गया था। अब एक बार फिर से सुमित्रा कास्डेकर की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
आज ही थाने में तामिल हुआ है नोटिस
इसे लेकर परिवादी बालचंद शिंदे के अधिवक्ता जहीर उद्दीन ने कहा एमपी एमएलए कोर्ट से नोटिस जारी हुआ है। उसे आज ही खकनार थाने में तामिल कराया गया है।
याचिकाकर्ता का क्या है आरोप?
याचिकाकर्ता बालचंद शिंदे ने बताया कि नेपानगर क्षेत्र से 2019 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक बनी सुमित्रा कास्डेकर कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई थी। 2020 में दोबारा नेपानगर सीट पर उपचुनाव हुआ, बीजेपी ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुई सुमित्रा कास्डेकर को अपना प्रत्याशी बनाया। 2020 के उपचुनाव में सुमित्रा कास्डेकर ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में अपनी जन्म तिथि 15 अगस्त 1983 दर्शाई. इसके अलावा उन्होंने अपनी शैक्षणिक योग्यता 8वीं बताई। लेकिन, 2011 में गैस एजेंसी के लिए दिए शपथ पत्र में उन्होंने जन्म तिथि 4 मई 1985 बताई है और शैक्षणिक योग्यता दसवीं बताई है।